इस ताले की नहीं बन सकती दूसरी चाबी अलीगढ़ में तैयार हुआ यह स्मार्ट लॉक
इस ताले की नहीं बन सकती दूसरी चाबी अलीगढ़ में तैयार हुआ यह स्मार्ट लॉक
पहले अलीगढ़ में जो ताले बना करते थे, उनमें लीवर का इस्तेमाल किया जाता था. लीवर के आकार के मुताबिक चाबियां को भी वैसा ही आकर दिया जाता था. जिसे घूमाने पर लीवर घूम जाता था और ताला खुल जाता था. अब इस प्रक्रिया को आधुनिक बनाने के लिए इस ताले को इजाद किया गया है.
वसीम अहमद /अलीगढ़: अलीगढ़ तालों के लिए है विश्व प्रसिद्ध. यहां विभिन्न प्रकार के ताले बनाए जाते हैं. तालों का प्रयोग घरों के दरवाजे पर, वाहनों, मूल्यवान आभूषण आदि को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है. इस आधुनिक समय में अलीगढ़ के ताले भी अब आधुनिक होते चले जा रहे हैं. इसी कड़ी में अलीगढ़ का एक ताला ऐसा भी है, जिसकी कोई दूसरी चाबी नहीं बन सकती है. इसी वजह से ताला उद्योग कारोबार में यह ताला चर्चाओं का विषय बना हुआ है और मार्केट में भी इसकी डिमांड दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है. इस ताले को पिन सिलेंडर लॉक के नाम से जाना जाता है.
ऐसे हुई थी तालों की शुरुआत
1870 ईस्वी में इंग्लैंड में एक व्यक्ति ने कंपनी खोली, जिसका कच्चा माल उस समय इंग्लैंड से आया करता था. धीरे-धीरे अलीगढ़ के लोग भी इस तकनीक में पारंगत हो गए. इसके अतिरिक्त पीतल कलाकृति का भी निर्माण अलीगढ़ में किया जाता है. कुल मिलाकर कहें तो अलीगढ़ के ताले और हार्डवेयर उद्योग से लगभग 9000 इकाई जुड़ी हुई है. अलीगढ़ के इस कारोबार से सालाना लगभग 2000 करोड़ का व्यापार किया जाता है.
जानकारी देते हुए ताला कारोबारी मोहम्मद जमाल अहमद बताते हैं कि अलीगढ़ शहर में उनका ताले का 20 वर्ष पुराना कारोबार है. अलीगढ़ में ताले का बड़े पैमाने पर कारोबार किया जाता है और इस आधुनिक समय में एक ऐसे ताले को इजाद किया गया है, जिसकी कोई दूसरी चाबी नहीं बन सकती है. इसे पिन सिलेंडर लॉक कहा जाता है.
पहले अलीगढ़ में जो ताले बना करते थे, उनमें लीवर का इस्तेमाल किया जाता था. लीवर के आकार के मुताबिक चाबियां को भी वैसा ही आकर दिया जाता था. जिसे घूमाने पर लीवर घूम जाता था और ताला खुल जाता था. अब इस प्रक्रिया को आधुनिक बनाने के लिए इस ताले को इजाद किया गया है, जिसे पिन सिलेंडर लॉक बोलते हैं. इस आधुनिक ताले में लीवर की जगह स्टील की गोलियां लगाई गई हैं और चाबी पर इन गोलियों का आकार दिया गया है. जिस वजह से इस ताले की दूसरी चाबी नहीं बनाई जा सकती और ना ही यह ताला किसी दूसरी चाबी से खुल सकता है. इसकी एक खास बात यह भी है कि इस प्रकार के ताले की कोई डुप्लीकेट चाबी नहीं बनाई जा सकती. साथ ही इस ताले में मजबूती का भी खास ख्याल रखा गया है, जो न तो कटेगा और न ही टूटेगा.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 09:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed