220 साल पुरानी जेल में 2500 कैदी हैं बंद जानें कारागार का इतिहास
220 साल पुरानी जेल में 2500 कैदी हैं बंद जानें कारागार का इतिहास
Aligarh Jail: वैसे तो जेल को दुर्दांत अपराधियों के लिए ही बनाया गया है. वहीं, अगर अलीगढ़ जिला जेल की बात करें तो इसकी वर्तमान क्षमता 1200 कैदियों की है. जबकि यहां पर मौजूदा समय में 2500 कैदी बंद हैं.
अलीगढ़: वैसे तो जेल को सबसे जेल अप्रिय जगह माना जाता है. शायद ही कोई जेल जाना चाहता होगा, लेकिन दुर्दांत अपराधियों को खुले में भी नहीं छोड़ा जा सकता है. इसलिए जेल एक जरूरत भी है. ऐसे में अलीगढ़ जेल का इतिहास लगभग 220 साल पुराना है.
यहां सर्वप्रथम 1804 ईस्वी में कोल तहसील में किराये के दो कमरे लेकर जेल का रूप दिया गया था. उस समय जिले में तकरीबन 40 अपराधी थे, जिन्हें जेल में रखा जाना था. 2 कमरों की जगह 40 अपराधियों के लिए नाकाफी थी. यद्यपि अंग्रेजों ने फौज को पहरे पर लगाया था, लेकिन इन अपराधियों में कई पहरेदारों की आंखों में धूल झोंकर भागने में सफल रहे थे. लिहाजा अंग्रेजों ने जेल निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाए.
34 हजार रुपए में बना था जेल
एएमयू के इतिहासकार एमके पुंडीर ने बताया कि अलीगढ़ जिले की पहली आपराधिक जेल का निर्माण 1810 ईस्वी में पूरा हुआ था. इसकी लागत 34,000 रुपए आई थी. इसके साथ ही सिविल जेल और जेल अस्पताल 1816 ईस्वी में निर्मित किए गए थे. 1817 में जेल से फौजी पहरेदारी हटा दी गई. इनकी जगह पर आगरा प्रांतीय बटालियन के जवान पहरे पर लगाए गए. यह व्यवस्था 1831 तक चलती रही. इसके बाद विशेष जेल सुरक्षा गारद की स्थापना की गई, जिसने आगरा प्रांतीय बटालियन की जगह ली.
जिला जेल में हैं 2500 कैदी
आज की जेलों में दिनोंदिन कैदियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. मौजूदा समय में 1200 कैदियों की क्षमता वाली अलीगढ़ की जेल में 2500 से ज्यादा कैदी हैं. कानून व्यवस्था पर अंग्रेजों की पकड़ कह लें अंग्रेजी शासन काल में कैदियों की संख्या कम होती गई. 1845-1849 के दौरान अलीगढ़ की जिला जेल में कैदियों की औसत संख्या 648 थी.
कैदी करते थे ईंट की पथाई
इसके 50 साल बाद यानि कि 1895-1899 के दौरान कैदियों की औसत संख्या घटकर 420 रह गई थी. उस समय भी कैदियों को हुनरमंद बनाने का काम किया जाता था. जेल में रहने के दौरान उन्हें रस्सी की बटाई, कालीन बुनाई और ईंट पथाई का काम सिखाया जाता था.
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया
अलीगढ़ कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि कारागार के अगर अतिष्ठा की बात करें तो उसमे उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार 1810-11 के स्थापित कारागार है. ये वर्तमान में जहां स्थापित है, वहां कारागार ही स्थापित रही होगी. इसके तत्पश्चात कालांतर में जिला कारागार ही आया.
उन्होंने जिला कारागार की शुरुआत किराए के 2 कमरों से होने वाली बात पर कहा कि इसके वास्तविक रूप में कारागार में अभिलेख में तो कोई चीज आई नहीं है. परंतु बहुत सारे इतिहासकारों द्वारा यह बताया गया था कि इसमे कहीं ना कहीं बोना चोर के किला भी इतिहास से जुड़ा हुआ है.
Tags: Aligarh news, Local18FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 11:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed