जनरल बाजवा के बाद कौन होगा पाकिस्तान का अगला सेना प्रमुख सामने आए 5 बड़े दावेदार

Pakistan News: नए सेना प्रमुख के नाम को लेकर अटकलों का दौर मौजूदा प्रमुख के कार्यकाल की समाप्ति से महीनों पहले शुरू हो जाता है. मौजूदा मामले में, 61 वर्षीय जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन अगस्त की शुरुआत से ही अटकलें शुरू हो गई थीं कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा.

जनरल बाजवा के बाद कौन होगा पाकिस्तान का अगला सेना प्रमुख सामने आए 5 बड़े दावेदार
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर चल रही गहमागहमी पर जल्द ही विराम लग सकता है. पाकिस्तान सरकार अगले कुछ दिनों में नए सेनाध्यक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है. भले ही यह कई अन्य देशों में एक नियमित प्रशासनिक मामला हो सकता है, लेकिन पाकिस्तान में सेना प्रमुख की नियुक्ति काफी चर्चा में रहती है. खासकर इस शक्तिशाली पद से जुड़ी कई छिपी हुई शक्तियों के कारण इसकी खास अहमियत होती है. संविधान के अनुच्छेद 243(3) के अनुसार, राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सिफारिश पर सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों की नियुक्ति करता है. प्रधानमंत्री इसके लिए अपने सहयोगियों से परामर्श कर सकते हैं. नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों की नियुक्ति पर किसी का उतना ध्यान नहीं जाता है, लेकिन सेना प्रमुख की नियुक्ति के मामले में ऐसा नहीं है. नए सेना प्रमुख के नाम को लेकर अटकलों का दौर मौजूदा प्रमुख के कार्यकाल की समाप्ति से महीनों पहले शुरू हो जाता है. मौजूदा मामले में, 61 वर्षीय जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन अगस्त की शुरुआत से ही अटकलें शुरू हो गई थीं कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा. अंग्रेजी भाषा के अखबार ‘डॉन’ ने 16 अगस्त को शीर्ष जनरलों के बारे में एक खबर छापी थी, जिनमें से एक को जनरल बाजवा की जगह लेनी थी, जबकि दूसरे को ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (सीजेसीएस) के अध्यक्ष का पद मिलना था. सेना के शीर्ष पांच जनरल जो हैं दावेदार लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर: वह सबसे वरिष्ठ हैं. लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उनका चार साल का कार्यकाल जनरल बाजवा की सेवानिवृत्ति से दो दिन पहले 27 नवंबर को समाप्त होगा. वह दौड़ में हैं क्योंकि सेना प्रमुख के लिए फैसला उनकी सेवानिवृत्ति से पहले हो जाएगा. नियुक्ति होने पर उन्हें सेवा में तीन साल का विस्तार मिलेगा. लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर को फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट में कमीशन मिला था और जब से उन्होंने जनरल बाजवा के अधीन एक ब्रिगेडियर के रूप में बल की कमान संभाली थी, तब से वह निवर्तमान सीओएएस के करीबी सहयोगी रहे हैं. जनरल बाजवा उस समय एक्स कोर के कमांडर थे. बाद में उन्हें 2017 की शुरुआत में सैन्य खुफिया प्रमुख नियुक्त किया गया और अगले साल अक्टूबर में आईएसआई प्रमुख बनाया गया. हालांकि, शीर्ष खुफिया अधिकारी के रूप में उनका कार्यकाल अब तक का सबसे छोटा साबित हुआ, क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के आग्रह पर आठ महीने के भीतर उनकी जगह लेफ्टिनेंट-जनरल फैज हामिद को नियुक्त कर दिया गया था. लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा: वह एक ही बैच के अन्य चार उम्मीदवारों में सबसे वरिष्ठ हैं। वह सिंध रेजीमेंट से ताल्लुक रखते हैं. वह 2013-16 से सीओएएस रहे जनरल राहील शरीफ के कार्यकाल के अंतिम दो वर्षों के दौरान महानिदेशक सैन्य अभियान (डीजीएमओ) के रूप में सुर्खियों में आए. उस भूमिका में, वह जीएचक्यू में जनरल शरीफ की कोर टीम का हिस्सा थे, जिसने उत्तरी वजीरिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और अन्य आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य अभियान की निगरानी की थी. उन्होंने जनरल स्टाफ के प्रमुख के रूप में कार्य किया है, और उस भूमिका में वे राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी मामलों से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेने में करीबी रूप से शामिल थे. अक्टूबर 2021 में, उन्हें कोर कमांडर रावलपिंडी के रूप में तैनात किया गया था, ताकि उन्हें परिचालन अनुभव प्राप्त करने और शीर्ष पदों के लिए विचार करने योग्य बनाया जा सके. लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास: वह मौजूदा शीर्ष सैन्य अधिकारियों में से भारत के मामलों में सबसे अनुभवी हैं. वर्तमान में, वह जनरल स्टाफ के प्रमुख (सीजीएस) हैं, तथा जीएचक्यू में संचालन और खुफिया निदेशालय दोनों के सीधे निरीक्षण के साथ सेना को प्रभावी ढंग से चला रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल नौमान अहमद : वह बलोच रेजीमेंट से आते हैं. वह वर्तमान में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के अध्यक्ष हैं. उन्हें कमांड एंड स्टाफ कॉलेज, क्वेटा में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में काम करने का भी व्यापक अनुभव है. उन्होंने आईएसआई में महानिदेशक (विश्लेषण) के रूप में कार्य किया है और राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से विदेश नीति विश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद : वह भी बलोच रेजीमेंट से ताल्लुक रखते हैं और शीर्ष पद के प्रतियोगियों के बीच सबसे व्यापक रूप से चर्चित दावेदारों में से एक हैं. जनरल बाजवा और लेफ्टिनेंट जनरल हामिद कथित तौर पर एक-दूसरे को लंबे समय से जानते हैं. ब्रिगेडियर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल हामिद ने जनरल बाजवा के मातहत एक्स कोर के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्य किया, जो उस समय कोर की कमान संभाल रहे थे. आधिकारिक संकेतों के मुताबिक, एक नए प्रमुख का नामांकन जल्द ही होना है. परंपरा के अनुसार, रक्षा मंत्रालय के माध्यम से जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) प्रधानमंत्री को चार से पांच वरिष्ठतम लेफ्टिनेंट-जनरल की एक सूची भेजता है, जो निर्णय लेने के लिए अंतिम प्राधिकारी होता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Imran khan, PakistanFIRST PUBLISHED : November 20, 2022, 21:21 IST