पहली बार M4 से आतंकी हमला… सेना का दावा- 50 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ को तैयार
पहली बार M4 से आतंकी हमला… सेना का दावा- 50 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ को तैयार
Terrorist Attack With M4: अखनूर सेक्टर में पहली बार आतंकियों ने M4 कार्बाइन से हमला किया है, इसे मारे गए आतंकियों के पास से बरामद किया गया है. खुद इसकी तसदीक सेना के अधिकारी ने की है. साथ ही सेना ने ये भी साफ किया कि 50-60 आतंकी लॉंच पैड पर घुसपैठ की तैयारी में मौजूद हैं.
नई दिल्ली. बर्फबारी से पहले का समय ऐसा होता है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशों में जबरदस्त इजाफा होता है. आंतकी लॉंच पैड पर घुसपैठ की तैयारी में जुटे हैं. अखनूर सेक्टर सेना की एम्बुलेंस पर फायरिंग की घटना भी इसी की एक कड़ी है. सूत्रों की मानें तो हाल ही में घुसपैठ कर के आए आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया. हालांकि भारतीय सेना ने इस घटना को अंजाम देने वाले तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया. लेकिन जो हथियार और गोला-बारूद इन आतंकियों से बरामद हुए, उसने फिर से सुरक्षाबलों की परेशानी बढ़ा दी है. अखनूर सेक्टर में पहली बार M4 कार्बाइन बरामद हुई है. खुद इसकी तसदीक सेना के अधिकारी ने की है.
कैसे पहुंची M4 आतंकियों के पास
आतंकियों के सफाए के ऑपरेशन के बाद GOC 10 इंफ़ैंट्री डिविजन के मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव ने कहा कि पहली बार अखनूर में आतंकियों के पास से M4 बरामद की गई है. साथ ही ये भी साफ किया कि इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक 50-60 आतंकी लॉंच पैड पर घुसपैठ की तैयारी में मौजूद हैं. M4 के आलावा आतंकियों के पास से दो AK-47 राइफलें भी बरामद की गई हैं. अगस्त 2021 को अफगानिस्तान में 20 साल रहने के बाद अमेरिकी सेना आनन-फानन में अपने हथियार और साजो सामान छोड़कर निकल गई. उसके बाद से भारत सहित सभी देशों को इस बात का डर सबको सता रहा था कि जो अफगानिस्तान में छोड़े हथियार तालिबान के हाथ लगे हैं. वो धीरे- धीरे आतंकियों के हाथ पहुंच गए.
M4 कितनी खतरनाक
हालांकि इससे पहले भी आतंकियों के पास M4 आ गए थे. पहली बार जम्मू-कश्मीर में M4 साल 2017 में बरामद हुई थी. जब सुरक्षा बलों ने जैश सरगना मसूद अजहर के भतीजे तलाह रशीद मसूद को पुलवामा में ढेर किया था. इस कार्बाइन से स्टील बुलेट दागे जा रहे है सेना के सूत्रों के मुताबिक इस वक्त जितने भी आतंकी गुट है उनके पास AK-47रायफल और M4 कार्बाइन मौजूद है. सेना की गाड़ियों पर पहले बर्स्ट में M4 से ही फायर किया जाता है. जिसकी वजह ये बताई जा रही है कि इससे स्टील बुलेट फायर की जाती है. जो गाड़ियां बुलेटप्रूफ न हो, उसके स्टील की चादर को ये स्टील बुलेट कॉपर बुलेट के मुकाबले आसानी से छेद देती है.
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कठुआ और रियासी में हुए आतंकी हमलों में भी M4 का इस्तेमाल किया गाया था. यही नहीं पिछले साल पुंछ में हुए आतंकी हमले में M4 का इस्तेमाल किया गया था. खुद जैश और लश्कर इन गनों को सेना के काफिले पर हमले के लिए आतंकियों दिया है. 1980 के दशक में डिजाइन और डेवलप की गई M4 कार्बाइन अमेरिका, नाटो और पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स और स्पेशल यूनिट सिंध पुलिस इस्तेमाल करती है. दुनिया के बड़े कॉन्फ़्लिक्ट सीरिया सिविल वॉर, इराक सिविल वॉर, यमन सिविल वॉर, इराक और अफगानिस्तान वॉर सहित कई जगह पर बहुत इस्तेमाल किया गया.
Tags: Indian army, Jammu Kashmir Terrorist, Terrorist attack, Terrorist AttacksFIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 19:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed