अखिलेश यादव ने जैसे ही संभल पर संभाला मोर्चा पीछे वाली सीट पर हो गया खेला

Akhilesh Yadav on Sambhal Violence: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव मंगलवार को लोकसभा में संभल हिंसा पर जमकर बरसे. लेकिन, इस दौरान उनके सीट के पीछे अचानक ही नजारा बदल गया. क्या अखिलेश ने अयोध्या और संभल को एक साथ साध लिया? पढ़ें यह रिपोर्ट...

अखिलेश यादव ने जैसे ही संभल पर संभाला मोर्चा पीछे वाली सीट पर हो गया खेला
Akhilesh Yadav on Sambhal Violence: संभल हिंसा को लेकर जहां देश की राजनीति बीते कुछ दिनों से सड़क पर गर्म थी. वहीं, यह मामला अब संसद में भी गर्माहट देने लगा है. मंगलवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को लेकर लोकसभा में जमकर बवाल काटा. अखिलेश यादव संभल हिंसा पर बोलने के लिए मंगलवार को पूरी तैयारी के साथ आए थे. उनके पास चंदोसी कोर्ट के कागजात तो थे ही, साथ में उन्होंने अपने वोट बैंक को भी साधने की पूरी तैयारी कर रखी थी. दरअसल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने जैसे ही संभल हिंसा पर अखिलेश को बोलने की अनुमति दी अचानक ही अखिलेश यादव के पीछे की सीट का नजारा बदल गया. अखिलेश यादव के सीट के पीछे पहले फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद और आजमगढ़ के सपा सांसद धर्मेंद्र यादव बैठे थे. लेकिन, उनके भाषण शुरू होते ही संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्फ भी अखिलेश के पीछे वाली सीट पर आकर बैठ गए. अखिलेश ने जोरदार भाषण तो दिया ही साथ में इस दौरान अपना वोट बैंक भी साध लिया. संभल हिंसा को लेकर यूपी पुलिस ने एसपी सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया है. इन लोगों पर लोगों को भड़काने का आरोप है. जियाउर्रहमान बर्क इससे पहले कुंदरकी के विधायक भी रहे हैं. हाल ही इस सीट पर उपचुनाव हुए थे, जिसमें बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. वहीं, संभल के मौजूदा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के दादा शफीकुरउर्रहमान भी सांसद रह चुके हैं. जियाउर्रहमान बर्क अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र संघ का चुनाव भी जीत चुके हैं. 2017 के यूपी चुनाव में कुंदरकी सीट से जीते थे. जियाउर्रहमान बर्क उस वक्त भी चर्चाओं में आए थे, जब उन्होंने अलगीगढ़ यूनिवर्सिटी में सनातन धर्म पढ़ाने के विवाद के बाद कहा था कि बीएचयू में भी इस्लामिक अध्ययन शुरू कराई जाए. अखिलेश ने संभल के बहाने साध लिया अयोध्या? मंगलवार को संसद के शुन्यकाल के दौरान संभल हिंसा पर जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव बोलने के लिए खड़े हुए. इस दौरान उन्होंने ओम बिड़ला से कहा कि आपके कमिटमेंट का मैं कायल हूं. अखिलेश संभल हिंसा को लेकर सदन में चर्चा करने की मांग लगातार कर रहे थे. अखिलेश यादव ने कहा, ‘अध्यक्ष महोदय, संभल इसलिए जाना जाता था कि वहां भाईचारे के साथ लोग रहते थे. वहां अभी से नहीं सदियों पुराना हजारों साल से लोग रहते आए हैं. अचानक जो घटना हुई है वह सोची समझी और रणनीति के तहत हुई है.’ सपा ने इन लोगों पर उठाया सवाल अखिलेश यादव आगे कहा, ‘वहां के भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है. भारतीय जनता पार्टी के समर्थक और शुभचिंतक बार-बार जो खुदाई की बात कर रहे हैं. इस खुदाई से हमारे देश का सौहार्द, भाईचारा और गंगा- जमुना तहजीव को खो देगा. यूपी का चुनाव पहले 13 तारीख को होना था और उसको बढ़ाकर 20 तारीख कर दिया गया. संभल शाही जामा मस्जिद के खिलाफ चंदोसी जिला अदालत में सिविल जज के सामने 19 नवंबर को एक याचिका दायर की गई. दूसरे पक्ष को सुने बिना कोर्ट ने उसी दिन सर्वे का आदेश दे दिया.’ कैसे हुई संभल की घटना? अखिलेश यादव ने आगे कहा, ‘संभल के जिलाधिकारी आदेश को पढ़े बिना दो घंटे के अंदर ही जामा मस्जिद पहुंच गए. ढाई घंटे सर्वे काम पूरा हो गया. लेकिन, 22 नवंबर को जब लोग जुमे की नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे तो वहां पुलिस बैरिकेडिंग थी. 23 नवंबर को फिर कहा गया कि 24 को दोबारा सर्वे कराया जाएगा. 24 तारीख को जिलाधाकिरी सुबह ही आ गए. सर्किल ऑफिसर ने वहां के लोगों के साथ गाली गलौज किया और बाद में गोली भी चलाई. इस गोलीबारी में 5 मासूमों को मौत हो गई. इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी है. पुलिस प्रशासन पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए.’ गिरिराज सिंह और पीयूष गोयल से हुई बहस अखिलेश यादव ने संसद में संभल हिंसा पर अपनी बात रखी. हालांकि, इस दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और पीयूष गोयल ने उनकी बातों का जोरदार तरीके से विरोध किया. लेकिन, अध्यक्ष ओम बिड़ला ने अखिलेश यादव को बोलने की पूरी छूट दी. अखिलेश के भाषण से साफ झलक रहा था कि देश में भाईचारे को खतरा है. अखिलेश बार-बार कह रहे थे कि संभल में सोची समझी साजिश के तहत हिंसा करवाई गई है. सर्वे में बीजेपी कार्यकर्ता थे. यूपी चुनाव था इसलिए साजिश हुई. आपको बता दें कि बीते सप्ताह भी संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी संसदों ने दोनों सदनों में खूब हंगामा मचाया था. लेकिन आज संसद में शत्र शांति के साथ शुरू हुआ. क्योंकि, अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ विपक्षी पार्टियों ने संविधान पर चर्चा को लेकर सरकार और विपक्ष में सहमति दे दी थी. सर्वदलीय बैठक में संसद में टकराव को समाप्त करने पर दोनों पक्षों ने हामी भरी थी. Tags: Akhilesh yadav, Parliament Winter Session, Sambhal News, UP newsFIRST PUBLISHED : December 3, 2024, 14:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed