गले की फांस बने अजित पवार अमित शाह पर निशाना साध रहे NCP नेता शरद पवार का
गले की फांस बने अजित पवार अमित शाह पर निशाना साध रहे NCP नेता शरद पवार का
महाराष्ट्र में तेजी से राजनीतिक घटनाक्रम बदल रहे हैं. रविवार को गृह मंत्री अमित शाह पुणे में थे. उसके बाद उनसे दिल्ली में राज्य के दोनों मुख्यमंत्री एक-एक कर मिल चुके हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब तीन माह से कम समय बचा है. इस बीच राजनीतिक उठापटक चरम पर है. लोकसभा चुनाव में एनडीए के खराब प्रदर्शन के बाद भाजपा अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. लेकिन, यहां रायता इस कदर पसरा हुआ है कि उसे समेटना आसान काम नहीं लग रहा. बीते 36 घंटे के डेवलपमेंट को देखें तो आप पाएंगे कि भाजपा के लिए अजित पवार गले की फांस बनते दिख रहे हैं.
दरअसल, दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर बुधवार को मुंबई लौटे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीधे एनसीपी नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे. हालांकि इन दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई यह किसी को पता नहीं है. लेकिन, इस मुलाकात के कुछ ही घंटों के भीतर अजित पवार ने सीधे दिल्ली की फ्लाइट पकड़ ली. उन्होंने बुधवार देर रात अमित शाह से मुलाकात की.
इससे पहले रविवार को अमित शाह खुद पुणे पहुंचे थे. वह राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए. उस बैठक में उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की. उन्होंने राज्य में इंडिया गठबंधन के सबसे बड़े चेहरे शरद पवार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि शरद पवार राज्य में भ्रष्टाचार के सरगना हैं. उन्होंने यह भी कहा कि शरद पवार ने देश में भ्रष्टाचार को संस्थागत बना दिया.
दरअसल, महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार अपने आप में एक संस्था की तरह हैं. उनके पक्ष या विपक्ष में कोई भी पार्टी उनको इग्नोर नहीं कर सकती. राज्य के चार बार के मुख्यमंत्री रहे शरद पवार की गिनती राष्ट्रीय स्तर पर भी एक दिग्गज नेता के तौर पर होती है. राज्य में उनका अपना जनाधार है. इसी कारण उनके भतीजे अजित पवार की बगावत और पार्टी पर कब्जा कर लेने के बावजूद 84 साल की उम्र में शरद पवार फिर उठ खड़े हुए और लोकसभा चुनाव में न केवल अपनी पार्टी को अच्छी खासी जीत दिलाई बल्कि एनडीए को बुरा नुकसान भी करवा दिया.
क्या नाराज है एनसीपी?
अमित शाह ने जिस तरह से शरद पवार पर सीधा हमला बोला उससे सबसे ज्यादा दिक्कत एनसीपी अजित गुट को हुई. अजित गुट के नेताओं ने सीधे तौर पर शरद पवार के लिए ऐसे शब्दों के इस्तेमाल की आलोचना की. यहां तक कि एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने भी अमित शाह की इस टिप्पणी पर किए गए सवाल का कोई जवाब नहीं दिया.
चिंचवाड़ से एनसीपी के विधायक अन्ना बनसोडे ने अमित शाह की आलोचना करते हुए कहा कि शरद पवार के खिलाफ ऐसे आरोप लगाना ठीक नहीं है. इससे बचना चाहिए. यह एनडीए के सभी सहयोगियों के हित में होगा. एक अन्य एनसीपी नेता विलास लांडे ने कहा कि मराठा छत्रप के लिए गृह मंत्री को ऐसे शब्द नहीं बोलना चाहिए.
पीएम ने कहा था भटकती आत्मा
उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने शरद पवार को भटकती आत्मा कहा था. हमने इसका नतीजा चुनाव में देख लिया. भाजपा को अपनी गलतियों से सीखना चाहिए. मैं किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं हूं. हम सभी 84 वर्षीय शरद पवार का सम्मान करते हैं. विरोधी दलों को उनके खिलाफ ऐसा नहीं बोलना चाहिए. इसका विधानसभा चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
लांडे ने आगे कहा कि शरद पवार और अजिद दादा दोनों एनसीपी के लिए अहम हैं. इन दोनों ने महाराष्ट्र के विकास के लिए काफी कुछ किया है. पुणे में एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप देशमुख ने भी कहा कि शरद पवार राज्य के सबसे वरिष्ठ सांसद हैं. भले ही हम कुछ मुद्दों के लेकर अलग हो गए हैं लेकिन उनके प्रति हमारा सम्मान कम नहीं हुआ है. इसी तरह कई अन्य एनसीपी नेताओं ने शरद पवार के बारे में अमित शाह की टिप्पणी की आलोचना की है.
एनसीपी पर दबाव
अमित शाह ने शरद पवार पर तीखा हमला बोलकर एनसीपी को सबसे अधिक परेशान में डाल दिया है. हो सकता है कि भाजपा की यह सोची समझी रणनीति हो क्योंकि भाजपा के कुछ नेता और संघ परिवार का मानना है कि लोकसभा चुनाव में अजित पवार के साथ गठबंधन के कारण भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा. भाजपा के एक वर्ग शुरू से अजित पवार को गठबंधन में शामिल करने पर सवाल उठाता रहा है.
एनसीपी में भगदड़
बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में एनसीपी में भगदड़ की स्थिति है. लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन और शरद गुट के शानदार प्रदर्शन के कारण पार्टी के तमाम नेता एनसीपी छोड़ शरद पवार के साथ जा रहे हैं. पिछले दिनों अजित पवार के गढ़ कहे जाने वाले पुणे क्षेत्र से कई नेता शरद गुट के साथ चले गए.
भाजपा के गले की फांस
बीते साल एनसीपी को दोफाड़ कर अजित पवार भाजपा के साथ आ गए. अजित पवार को एनसीपी में शरद पवार का स्वाभाविक उत्तराधिकारी माना जाता था. ऐसे में भाजपा को उम्मीद थी कि अजित पवार के साथ आने एनसीपी का कैडर भी उनके साथ आएगा और मराठवाड़ा क्षेत्र में भाजपा को बड़ी मजबूती मिल जाएगी. लेकिन, 84 साल की उम्र में शरद पवार ने अजित पवार के इस पूरे खेल को बिगाड़ दिया. लोकसभा चुनाव में अजित पवार अपना कोई खास प्रभाव नहीं दिखा सके. उनकी पार्टी को केवल एक सीट मिली. उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार बारामती से हार गईं. दूसरी तरफ शरद पवार ने अपनी फिर से अपनी पार्टी खड़ी की और आठ सीटों पर जीत हासिल कर ली. इस तरह जनता के दरबार में तय हो गया कि असली एनसीपी शरद गुट ही है. ऐसे में अजित पवार से भाजपा छुटकारा चाहती है.
Tags: Ajit Pawar, Amit shah, Sharad pawarFIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 14:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed