AIIMS में सर्जरी के एवज में रिश्वत! फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के बाद डॉक्टर का ट्रांसफर
AIIMS में सर्जरी के एवज में रिश्वत! फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के बाद डॉक्टर का ट्रांसफर
AIIMS डॉक्टर पर लगे रिश्वत लेने के कथित आरोपों की जांच के लिए फेक्ट फाइडिंग कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी की प्रारंभिक जांच में कथित आरोपों में दम पाया गया. इसके बाद डॉक्टर को उनके विभाग से हटा दिया गया है और झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.
आरोपी डॉक्टर एम्स के प्रसूति और स्त्री रोग के प्रोफेसर हैं. कमेटी ने 26 अगस्त को रिपोर्ट सौंप दी थी जिसके बाद 14 सितंबर को डॉक्टर का तबादला कर दिया गया.
हाइलाइट्सएम्स में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करता है मरीज का पिताप्रसूति और स्त्री रोग के प्रोफेसर पर लगे थे इलाज के नाम पर रिश्वत लेने आरोप फेक्ट फाइडिंग कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपी डॉक्टर को विभाग से हटाया
नई दिल्ली. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के एक डॉक्टर पर सर्जरी (Surgery) करने की एवज में पैसे लेने के गंभीर आरोप लगे हैं. इस मामले में फेक्ट फाइडिंग कमेटी (Fact Finding Committee) की जांच रिपोर्ट आने के बाद जहां आरोपी डॉक्टर को उनके विभाग से हटा दिया गया है. वहीं उनका ट्रांसफर भी कर दिया गया है. कमेटी ओर से 26 अगस्त को रिपोर्ट सौंपी गई थी जिस पर एम्स प्रशासन ने 14 सितंबर को कार्रवाई करते हुए आरोपी डॉक्टर का तबादला कर दिया.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के जिस डॉक्टर ने मरीज की सर्जरी के बदले पैसे लिए उसका पिता संस्थान में ही सुरक्षा गार्ड की नौकरी करता है. उसने अपनी बड़ी बेटी की शादी के लिए वह जमा पूंजी इकट्ठी करके रखी हुई थी लेकिन अपनी छोटी बेटी को बचाने के लिए उसके इलाज पर कथित तौर पर रिश्वत देकर इसको खर्च कर दिया.
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एम्स डॉक्टर पर लगे रिश्वत लेने के कथित आरोपों की जांच के लिए फेक्ट फाइडिंग कमेटी (fact-finding committee) का गठन किया गया था. कमेटी की प्रारंभिक जांच में कथित आरोपों में दम पाया गया. इसके बाद डॉक्टर को उनके विभाग से हटा दिया गया है और झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (National Cancer Institute, Jhajjar) को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मामले की प्रारंभिक जांच करने के बाद राय है कि शिकायत में दम है और डॉ के के रॉय को सर्जरी के लिए पैसे देने के आरोपों से इनकार नहीं किया जा सकता है. इस मामले में दो अलग-अलग अटेंडेंट, शिकायतकर्ता और एक अन्य रोगी हर एक दूसरे से स्वतंत्र हैं, की गवाही से शिकायत पूरी तरह से स्पष्ट और विश्वसनीय हो जाती है. शिकायत में वजन है.
इस मामले में एम्स के प्रसूति और स्त्री रोग के प्रोफेसर डॉ के के रॉय ने कहा कि वो इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते और जांच समाप्त होने से पहले मीडिया में कुछ भी नहीं जाना चाहिए. उन्होंने अपने उपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि इसके लिए कुछ सबूत होने चाहिए.
रिपोर्ट की माने तों डॉक्टर ने इलाज की एवज में मरीज के पिता से कथित तौर पर 34,000 रुपये मांगे जिसके बाद डॉक्टर के कार्यालय कक्ष में रोगी के परिवार से मिलवाया गया था.
मरीज का पिता संस्थान में ही सुरक्षा गार्ड हैं उन्होंने कथित तौर पर डॉक्टर की मौजूदगी में इलाज के लिए वेंडर को 30,000 रुपये दिए थे. इसके बाद उसने कथित तौर पर सीधे डॉक्टर को भी 4,000 रुपये का भुगतान किया था. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पूरा लेन देन कैश में किया जिसको कोई रसीद नहीं दी गई थी.
इस मामले पर सुरक्षा गार्ड का भी कहना है कि वह खुश हैं कि डॉक्टर ने उनकी बेटी की जान बचाई और डॉक्टर द्वारा कथित तौर पर पूछने के बाद स्वेच्छा से पैसे दिए. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी बड़ी बेटी की शादी के लिए उस पैसे को बचाया था. लेकिन मैंने इसे अपनी छोटी बेटी के इलाज के लिए दे दिया. उन्होंने दावा किया कि उन्हें इसी तरह के अनुभव वाले रोगियों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि मैंने यह बात अपने सहयोगियों को बताई, जिन्होंने मुझे डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज करने को कहा.
बताया जाता है कि इस संबंध में की गई शिकायत के बाद एक फेक्ट फाइडिंग कमेटी का गठन किया गया जिसमें प्रोफेसर और सर्जिकल विषयों के प्रमुख डॉ सुनील चुम्बर, एसोसिएट डीन, एकेडमिक्स डॉ राजीव कुमार, अतिरिक्त प्रोफेसर, प्रशासन डॉ निरुपम मदान और प्रोफेसर और बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ मनीष सिंघल को शामिल किया गया. कमेटी के एक सदस्य जोकि अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहते हैं, ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में फेक्ट फाइडिंग कमेटी की प्रारंभिक जांच के मामले को देते हुए एक और इन्क्वायरी कमेटी का गठन किया जाएगा. बाकी सदस्यों ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है.
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया, स्त्री रोग विभाग की प्रमुख डॉ नीरजा भटला और संस्थान के प्रवक्ता से भी संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
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Tags: AIIMS, Aiims delhi, AIIMS director, Dr Randeep GuleriaFIRST PUBLISHED : September 21, 2022, 09:31 IST