दायर हुई याचिका सावन में होना चाहिए तेजोमहालय में जलाभिषेक!

ताजमहल/तेजोमहालय में सावन के महीने में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की मांग को लेकर योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने कोर्ट में याचिका दायर की है.

दायर हुई याचिका सावन में होना चाहिए तेजोमहालय में जलाभिषेक!
सावन के पवित्र महीने में ताजमहल (तेजोमहालय) में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है. इसे योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने अपने अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर के द्वारा मंगलवार को लघुवाद न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव की अदालत में दायर किया, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ राजकुमार पटेल को प्रतिवादी बनाया गया है. याचिकाकर्ता कुंवर अजय तोमर के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने न्यायलय न्यायाधीश के समक्ष अपना पक्ष रखा. सुनवाई के बाद लघुवाद न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव ने प्रतिवादी एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल को सम्मन और नोटिस जारी करने के आदेश दिया है. याचिकाकर्ता योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने बताया कि सावन का महीना करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है. ये भगवान शिव की आराधना का पर्व है. तेजोमहालय भगवान शिव का मंदिर है, जिसमें जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक होना चाहिए. दिया ऐसा तर्क याचिका में कहा गया कि ताजमहल (तेजोमहालय) को सन् 1212 में राजा पर्मादिदेव द्वारा बनवाया गया था. उनके बाद राजा मानसिंह ने इसे अपना महल बनाया और मंदिर को सुरक्षित रखा. बाद में मुगलों का शासन आया, जिसमें शाहजहां ने राजा मानसिंह से उसे हड़प लिया. याचिकाकर्ता कुंवर अजय तोमर का कहना है कि ताजमहल में शाहजहां और मुमताज की कोई कब्र नहीं है. यह एक सफेद झूठ है. मुमताज का निधन 1631 में हो गया था जबकि ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू हुआ था. किसी भी मृत शव को 1 साल बाद नहीं दफनाया जाता है. असल में मुमताज महल को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में ताप्ती नदी के किनारे दफनाया गया था, जहां आज भी उसकी कब्र के साक्ष्य मौजूद है. मंदिर पर बनाया कब्र याचिका में आगे कहा गया कि मुगलों ने भारत में आकर मंदिरों को तोड़ा और उनके ऊपर मकबरे बना दिए. किसी दूसरे के घर पर नेम प्लेट लगाने से वो खुद का घर नहीं हो जाता. मुगलों ने अपने नाम की नेम प्लेट हिंदुओ के धार्मिक स्थलों पर लगा रखी है, जो कि बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ताजमहल वर्तमान में एक इमारत है किंतु वहां मुस्लिम समुदाय द्वारा नमाज अदा की जाती है, उर्स का आयोजन किया जाता है तो फिर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक क्यों नहीं हो सकता है? इस आधार पर न्यायालय से जलाभिषेक की अनुमति की मांग की गई है. अगर अनुमति मिलती है तो योगी यूथ ब्रिगेड के पदाधिकारी ताजमहल में जाकर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक कर भगवान शिव की आराधना करेंगे. शिवरात्रि पर भी मांगी थी परमिशन याचिकाकर्ता कुंवर अजय तोमर के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने बताया कि तेजोमहालय हिंदू मंदिर है, जहां सावन के महीने में जलाभिषेक होना चाहिए. पूर्व में भी शिवरात्रि को लेकर 4 मार्च 2024 को वाद दायर किया गया था, जिसे न्यायालय द्वारा धारा 80 सीपीसी की छूट न देते हुए खारिज कर दिया था. बाद में 26 अप्रैल 2024 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल को धारा 80 सीपीसी का नोटिस भेजा गया था, जिसका जवाब ना आने पर पुनः जलाभिषेक की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी. Tags: Agra news, Agra taj mahal, Ajab Gajab, Khabre jara hatke, Shocking news, Taj mahalFIRST PUBLISHED : July 23, 2024, 17:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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