रंग लाई मेहनतयूपी के इस अफसर ने दिल्ली में गाड़ा झंडा हर तरफ हो रही चर्चा
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शुरुआती दिनों में खूब मौज मस्ती करने वाले अभय सिंह पढ़ाई के प्रति बिल्कुल भी सीरियस नहीं थे . ज्यादातर समय खेलकूद में गुजरा था. पिता जय बहादुर सिंह पेशे से एडवोकेट हैं .माता मंजू देवी हाउसवाइफ हैं.
आगरा: उत्तर प्रदेश के रायबरेली के छोटे से गांव से अपनी सफलता की कहानी गढ़ने वाले पीसीएस अधिकारी अभय सिंह की सफलताओं का कारवां थमने का नाम नहीं ले रहा. आगरा में एसीएस थर्ड की पोस्ट पर तैनाद अभय सिंह ने 47 वीं उत्तर प्रदेश राज्य शूटिंग चैंपियनशिप टूर्नामेंट में सिविल सेवा प्रतिस्पर्धा प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल पर निशाना साधा है. ये प्रतियोगिता डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज दिल्ली में 5 जुलाई से 14 जुलाई के बीच आयोजित की गई थी. पीसीएस अभय सिंह की कहानी किसी फिल्मी किरदार से काम नहीं है. उन्होंने तैयारी के दौरान अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में 199 बार एग्जाम दिए लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी.
न्यूज़ 18 लोकल से बातचीत के दौरान पीसीएस अभय सिंह बताते हैं कि वह मूलत: रायबरेली के छोटे से गांव से ताल्लुक रखते हैं. बेहद सामान्य परिवार से आने वाले अभय सिंह को शुरुआत से ही स्पोर्ट्स में गहरी रुची थी. साल 2019 में उन्होंने सिविल सर्विसेज एक्जाम क्लियर किया. जिसमें उन्होंने 35 वी रैंक हासिल की. इसके बाद वह आगरा में एसडीएम समेत कई पदों पर रहे. बिजी शेड्यूल के बाद भी वह आगरा के एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग की प्रैक्टिस करते थे. पहले ही प्रतियोगिता में उन्होंने गोल्ड मेडल पर निशाना साधा है . आगरा लौटने पर उन्हें खूब सारी शुभकामनाएं मिल रही हैं.
199 असफलताओं के बाद मिली सफलता
शुरुआती दिनों में खूब मौज मस्ती करने वाले अभय सिंह पढ़ाई के प्रति बिल्कुल भी सीरियस नहीं थे . ज्यादातर समय खेलकूद में गुजरा था. पिता जय बहादुर सिंह पेशे से एडवोकेट हैं .माता मंजू देवी हाउसवाइफ हैं. परिवार में दो सिस्टर हैं. अभय सिंह बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं. अब तक खेती-बाड़ी से ही उनके परिवार का भरण पोषण होता था. 12वीं की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इलेक्ट्रिक से बीटेक किया. इसी दौरान उनका झुकाव सिविल सर्विसेज की तरफ गया. इलाहाबाद में रह कर 5 साल तक खूब मेहनत की. लेकिन सफलता नहीं मिली . इस दौरान उन्होंने अलग-अलग एग्जाम की 199 परीक्षाएं दी. सब में असफलता हाथ आयी. आख़िरकार साल 2019 में उन्होंने यूपीएससी दी. इस परीक्षा में 35वीं रैंक हासिल की. 200 वीं परीक्षा में उन्हें सफ़लता मिली .
समस्याओं को करीब से देखा
पीसीएस अभय सिंह की कहानी किसी फिल्मी किरदार से कम नहीं है. उनकी यह कहानी कई यूपीएससी एस्पिरेंट्स से मेल खाती है. जिनकी जिंदगी में तैयारी के दौरान कई बार असफलताएं हाथ लगी है. अभय सिंह ने कभी भी हार नहीं मानी. कई बार निराशाओं ने उन्हें घेरा. लेकिन अपनों के सहयोग से उन सभी को पार कर वह सफलता के रास्ते पर चलते रहे. अभय सिंह कहते हैं कि गांव में रहकर उन्होंने लोगों की परेशानियों को करीब से देखा है. ईश्वर ने उन्हें सिस्टम का हिस्सा बनाया है और वह ज्यादा से ज्यादा लोगों की सहायता कर रहे हैं.
मेहनत में ईमानदारी जरूरी
गांव से जुड़े होना उन्हें इस काम में बेहद मदद करता है. उन्हें पता है कि लोग किन समस्याओं व परिस्थितियों से गुजरते हैं. यहीं से उन्हें बेहतर काम करने की हिम्मत भी मिलती है. यूपीएससी एस्पिरेंट्स के लिए वह एक ही बात कहते हैं कि तैयारी के दौरान मेहनत में ईमानदारी होनी चाहिए. निश्चित ही सफलता हाथ आएगी.बस आख़िर तक मैदान नहीं छोड़ें.
Tags: Indian Shooter, Local18, UPPSCFIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 12:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed