ट्रंप की वापसी AUS का साथबचे 2 देश ट्रूडो से निपटने का प्लान तैयार
ट्रंप की वापसी AUS का साथबचे 2 देश ट्रूडो से निपटने का प्लान तैयार
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने में लगे हैं. डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद एस जयशंकर ने फाइव-आइज नेशन में ट्रूडो को घेरने का प्लान बना लिया है.
नई दिल्ली. भारत और कनाडा के बीच संबंध को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाशिए पर धकेल दिया है. ट्रूडो की हिम्मत तो देखिए, उसने भारत को अपने दुश्मन देशों की लिस्ट में भी शामिल कर दिया है. ऐसे में भारतीय विदेश नीति के चाणक्य एस जयशंकर ने भी कनाडा के पीएम को सबक सिखाने का पूरा मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के नए प्रेसिडेंट के रूप में चुने जाने के बाद जयशंकर दुनिया में बदलते राजनीतिक समीकरण को लेकर एक्टिव हो गए हैं. उनकी नजर फाइव-आईस के पांच देशों के जरिए ट्रूडो की हेकड़ी निकालने की है. वो काफी हद तक अपनी इस रणनीति में कामयाब होते भी नजर आ रहे हैं. चलिए हम आपको विस्तार में इसके बारे में बताते हैं.
अमेरिका
दरअसल, फाइव-आइस एक ऐसा संगठन है जिसमें अमेरिका के अलावा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूके शामिल हैं. जो बाइडेन प्रशासन के वक्त में अमेरिका में पनप रहे खालिस्तान समर्थकों पर ज्यादा तीखा प्रहार नहीं किया गया. अब ट्रंप और मोदी की फ्रेंडशिप से हर कोई वाफिफ हैं. ट्रंप को भारत के हितों के बारे में अच्छे से पता है. यही वजह है कि उन्होंने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार का मुद्दा उठाकर भारतीयों को खुश करने का प्रयास किया. जयशंकर को पता है कि जस्टिन ट्रूडो की अकल ‘ठिकाने’ लगाने में भी ट्रंप अहम भूमिका निभा सकते हैं. इस वक्त अमेरिका को कनाडा से मुकाबले भारत से जुड़े अपने हितों की ज्यादा चिंता है.
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया को भी कनाडा का पाखंड अब धीरे-धीरे नजर आने लगा है. एक दिन पहले ही यह खबर सामने आई कि ऑस्ट्रेलिया के न्यूज आउटलेट के सोशल मीडिया पेज को कनाडा ने महज इसलिए ब्लॉक कर दिया क्योंकि थोड़ी देर पहले ही इसपर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और ऑस्ट्रेलिया के उनकी समकक्ष पेनी वोंग की प्रेस कॉन्फ्रेंस दिखाई गई थी. भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी गई. भारत के ऑस्ट्रेलिया के साथ बेहद खास रिश्ते हैं. ऐसे में अगर आने वाले वक्त में कनाडा को ऑस्ट्रेलियाई सरकार बड़ा झटका दे दे, तो ज्यादा हैरानी नहीं होगी.
बचे दो देशों से कैसे डील करेंगे जयशंकर
फाइव-आइज में बचे दो देश ब्रिटेन और न्यूजीलैंड हैं. ब्रिटेन की बात करें तो कनाडा के विषय में उनका पहला स्टेटमेंट भारत के पक्ष में नहीं रहा. भारत के कड़े रुख के बाद जस्टिन ट्रूडो ने ब्रिटेन के पीएम को फोन मिलाया था. जिसके बाद ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय की तरफ से यह बयान दिया गया कि भारत को हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड की जांच में कनाडा की मदद करनी चाहिए. ब्रिटेन में भी खालिस्तान समर्थन का परचम कई बार बुलंद हो चुका है. हालांकि ब्रिटेन का रुख इस मामले में कनाडा जैसा नहीं है. पीएम मोदी और ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच संबंध काफी खास हैं. ऐसे में जयशंकर ब्रिटेन को साथ लेकर कनाडा को घेरने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. न्यूजीलैंड की बात की जाए तो कनाडा सहित तमाम बड़े मुद्दे पर उसका रुख काफी ज्यादा न्यूट्रल रहता है. न्यूजीलैंड के रुख से भारत को खास फर्क भी नहीं पड़ता है.
FIRST PUBLISHED : November 8, 2024, 08:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed