हेल्थ सेक्टर में सुधार और वूमेन इंप्लायमेंट एक साथ योगी सरकार ने 33 साल बाद खोले बंद पड़े ANM ट्रेनिंग स्कूल

राज्य में 33 साल के लंबे समय के बाद एएनएम ट्रेनिंग के लिए 35 कॉलेजों को फिर से शुरू किया गया है. इनमें से अधिकांश ट्रेनिंग सेंटरों में पिछला बैच 1989 में चला था. लेकिन अब राज्य सरकार ने सभी सेंटरों को फिर से शुरू किया है. नए बैच (2022 से 2024) के लिए ट्रेनिंग शुरू हो गई है.

हेल्थ सेक्टर में सुधार और वूमेन इंप्लायमेंट एक साथ योगी सरकार ने 33 साल बाद खोले बंद पड़े ANM ट्रेनिंग स्कूल
हाइलाइट्सयूपी में 39 साल के बाद एएनएम ट्रेनिंग के लिए 35 कॉलेजों को फिर से शुरू किया गया.इनमें से अधिकांश ट्रेनिंग सेंटरों में पिछला बैच 1989 में चला था. नए बैच (2022 से 2024) के लिए ट्रेनिंग शुरू हो गई है. मथुरा. आशा कार्यकर्ता रंजू देवी ने उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में सहायक नर्सिंग मिडवाइफरी (एएनएम) के कोर्स में दाखिला लेने का फैसला करते हुए अपने परिवार पर करियर को वरीयता देकर एक साहसिक कदम उठाया है. रंजू के लिए अपने तीन बच्चों को घर पर छोड़ कर अपने गृहनगर से कम से कम 600 किलोमीटर दूर एक नए जिले में जाना आसान नहीं था. फिर भी रंजू ने यूपी में फिर खोले गए एएनएम कोर्स में दाखिला लेने का मौका किसी भी तरह छोड़ना ठीक नहीं समझा. एक गरीब पृष्ठभूमि से आने वाली आशा कार्यकर्ता रंजू ने up24x7news.com.com को बताया कि समाज में सम्मानजनक स्थान बनाने, कुछ बनने के लिए और अपने परिवार के लिए अधिक कमाई करने के लिए वह आगे पढ़ना चाहती हैं. यूपी के बस्ती जिले की रहने वाली रंजू मथुरा के एक हॉस्टल में रह रही हैं. उनके 4, 6 और 9 साल के तीन बच्चे हैं. जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने अपनी मां और बहन को दी है. रंजू उन कई महिलाओं में से एक हैं, जिन्हें योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा शुरू किए गए एएनएम कोर्स के लिए चुना गया है. राज्य में 33 साल के लंबे समय के बाद एएनएम ट्रेनिंग के लिए 35 कॉलेजों को फिर से शुरू किया गया है. इनमें से अधिकांश ट्रेनिंग सेंटरों में पिछला बैच 1989 में चला था. लेकिन अब राज्य सरकार ने सभी सेंटरों को फिर से शुरू किया है. नए बैच (2022 से 2024) के लिए ट्रेनिंग शुरू हो गई है. चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 34 जिलों में इन 35 ट्रेनिंग सेंटरों को फिर से खोल दिया गया है. जिलों में एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों की सभी इमारतों की हालत खराब थी और बचे हुए कर्मचारियों का मनोबल सबसे कम था. फिलहाल हर इमारत की मरम्मत की गई, नए कर्मचारियों को लाया गया, प्रवेश प्रक्रिया पूरी की और इस 10 अगस्त को 33 साल बाद एक नया बैच शुरू किया गया. ऐसे कॉलेजों के शुरू होने से, मुफ्त पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने से लड़कियों और महिलाओं को अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने और बेहतर कमाई करने का मौके मिल सकते हैं. फिलहाल आशा कार्यकर्ता लगभग 6,000 रुपये से 10,000 रुपये महीने कमाती हैं, जबकि एएनएम का वेतन– सरकारी केंद्रों से एएनएम पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद दी गई स्थाई नौकरी में लगभग 30,000 रुपये से 40,000 रुपये है. जबकि निजी क्षेत्र में अनुबंध के आधार पर यह लगभग 20,000 रुपये है. इन कॉलेजों ने हर केंद्र पर 50 छात्रों के बैच को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है. राज्य में कुल 1,750 सीटें हैं जिनमें से अब तक 1500 सीटें भर चुकी हैं और बाकी दूसरी लिस्ट में भरने की उम्मीद है. लखनऊ यूनिवर्सिटीः शुरू हुआ नया कोर्स, महिलाओं को लाइफ साइकल और चैलेंज समझने की कोशिश, जानें डिटेल्स up24x7news.com.com ने यूपी के मथुरा में नवनिर्मित एक ऐसे ही एएनएम प्रशिक्षण केंद्र का दौरा किया, जहां अंतिम बैच 2009 में पास हुआ था. यहां पर वातानुकूलित, स्मार्ट क्लासरूम से लेकर विशाल छात्रावास, कंप्यूटर लैब और प्रयोगशालाओं तक मौजूद है. राज्य सरकार के अनुसार योजना को फिर से शुरू करने का मकसद युवा लड़कियों को बिना किसी फीस के नर्स बनने के लिए प्रेरित करना है. निजी एएनएम स्कूल इस कोर्स के लिए कहीं भी 1.5 से 2 लाख रुपये के बीच फीस लेते हैं. जिसे गरीब परिवार वहन नहीं कर सकते. इन सरकारी ट्रेनिंग स्कूलों में गरीब और मेधावी लड़कियों को मुफ्त ट्रेनिंग मिलेगी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Nursery School, UP GovernmentFIRST PUBLISHED : September 03, 2022, 13:10 IST