गुजरात चुनाव: मुस्लिम वोट हासिल करने की होड़ कांग्रेस पहली बार आई मुश्किल में
गुजरात चुनाव: मुस्लिम वोट हासिल करने की होड़ कांग्रेस पहली बार आई मुश्किल में
पहले के चुनावों में कांग्रेस को गुजरात में मुस्लिम वोटों के लिए इकलौता प्रमुख दावेदार माना जाता था लेकिन इस बार मुख्य विपक्षी दल अल्पसंख्यक मतदाताओं को रिझाने के लिए छोटे-छोटे दलों के कड़े मुकाबले का सामना कर रहा है.
अहमदाबाद (गुजरात). गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोट हासिल करने की होड़ तेज होती दिख रही है क्योंकि अल्पसंख्यक समुदाय के पास भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य में वोट देने के लिए अब कई ‘धर्मनिरपेक्ष’ दलों का विकल्प मौजूद है. पहले के चुनावों में कांग्रेस को गुजरात में मुस्लिम वोटों के लिए इकलौता प्रमुख दावेदार माना जाता था लेकिन इस बार मुख्य विपक्षी दल अल्पसंख्यक मतदाताओं को रिझाने के लिए छोटे-छोटे दलों के कड़े मुकाबले का सामना कर रहा है.
कांग्रेस के सामने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) और कुछ अन्य दलों की चुनौती है. पिछले विधानसभा चुनाव में केवल तीन मुस्लिम विधायक जीते थे और तीनों कांग्रेस के थे. हालांकि, 2012 विधानसभा चुनाव के मुकाबले यह संख्या बेहतर थी जब महज दो मुस्लिम विधायक जीते थे. राज्य की कुल 6.5 करोड़ की आबादी में मुस्लिमों की संख्या तकरीबन 11 प्रतिशत है और करीब 25 विधानसभा क्षेत्रों में उनकी खासी तादाद है.
अल्पसंख्यक समुदाय के वोट हासिल करने में जुटी कांग्रेस
दो दशकों से अधिक समय से गुजरात में राज कर रही भाजपा को मुस्लिम मतदाताओं की पसंद नहीं माना जाता है. कांग्रेस ने 2017 में राज्य में छह मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए थे. भाजपा आमतौर पर किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं देती है. इस साल की शुरुआत में कांग्रेस ने अल्पसंख्यक समुदाय के वोट हासिल करने की कवायद के तौर पर वांकानेर से अपने विधायक मोहम्मद पीरजादा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था. कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने मुस्लिम मतदाताओं को पार्टी से जोड़े रखने के लिए 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान को दोहराया कि अल्पसंख्यकों को देश के संसाधनों पर ‘सबसे पहले दावा’ जताना चाहिए. ठाकोर की जुलाई में की गयी इस टिप्पणी की दक्षिणपंथी संगठनों ने आलोचना की थी और उन पर वोटों के लिए तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया था.
एआईएमआईएम, आम आदमी पार्टी के विकल्प से सियासी घमासान हुआ रोचक
एआईएमआईएम प्रमुख और लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए अक्सर गुजरात का दौरा करते रहते हैं. उनकी पार्टी ने कहा था कि वह गुजरात में 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और उसने छह प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी है. आप इस समुदाय को लुभाने के लिए चुपचाप काम कर रही है. उसने अल्पसंख्यक बहुल दरियापुर इलाके में हाल में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का एक रोडशो आयोजित किया था. आप ने अभी तक तीन मुस्लिम उम्मीदवारों के एलान किए हैं. गैर-राजनीतिक संगठन अल्पसंख्यक समन्वय समिति के संयोजक मुजाहिद नफीस ने कहा, ‘2017 में हुए पिछले चुनावों तक मुस्लिमों के पास गुजरात में विकल्प नहीं था क्योंकि दोनों दलों (कांग्रेस और भाजपा) के बीच मुकाबला था. लेकिन अब 2022 के चुनावों में और राजनीतिक दल यहां आ गए हैं. लोकतंत्र में बहुकोणीय चुनावी मुकाबला अच्छी बात है.’
गुजरात के मुस्लिमों को हल्के में लेने का रवैया खत्म होगा
मुजाहिद नफीस ने कहा, ‘इससे गुजरात के मुस्लिमों को हल्के में लेने का रवैया खत्म होगा जो अब तक होता था. लोगों के पास अधिक विकल्प होंगे. इस स्थिति में हर राजनीतिक दल हमारे पास आएगा और हमारे वोट मांगेगा.’ दरियापुर से कांग्रेस विधायक ग्यासुद्दीन शेख का मानना है कि गुजरात में मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के साथ रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘गुजरात में स्थिति अलग है. जमालपुर-खाडिया की एक सीट के अलावा अन्य सीटों पर अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों को जीतने के लिए हिंदू वोटों की आवश्यकता है. जमालपुर-खाडिया में स्थानीय आबादी में मुस्लिमों की संख्या 65 प्रतिशत है.
आम आदमी पार्टी की सच्चाई सामने आई: ग्यासुद्दीन शेख
दरियापुर में मेरी सीट पर 40 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. अगर मुझे हिंदुओं से वोट नहीं मिलते तो मैं जीत नहीं पाऊंगा इसलिए राज्य में एआईएमआईएम उम्मीदवारों को हिंदू वोट नहीं मिलेंगे.’ शेख ने कहा, भाजपा हमें कोई टिकट नहीं देती है. आप की सच्चाई सामने आ गयी है क्योंकि लोगों को पता चल गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अल्पसंख्यक समुदाय के किसी मुद्दे पर बोलने के लिए तैयार नहीं हैं. वह भाजपा से ज्यादा सच्चे हिंदू बनना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा कि इसलिए एआईएमआईएम और आप यहां अल्पसंख्यक समुदाय के लिए विकल्प नहीं हैं.
एआईएमआईएम और आप को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं
एआईएमआईएम की गुजरात इकाई के प्रमुख सबीर काबलीवाला ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि पार्टी राज्य में 30 उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने कहा, ‘हमने छह उम्मीदवारों के नाम पहले ही घोषित कर दिए हैं. गुजरात में यहां एआईएमआईएम के लिए अच्छा माहौल है और हम यहां सीटों पर जीतेंगे.’ वहीं, आप के जम्बूसर से उम्मीदवार साजिद रिहान ने कहा, ‘यह पहली बार है कि किसी राष्ट्रीय दल ने जम्बूसर से मुस्लिम को टिकट दिया है.’ उन्होंने कहा कि राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय में आप बहुत लोकप्रिय है. उन्होंने कहा कि यहां एआईएमआईएम संगठन बहुत कमजोर है और लोग केवल आप के लिए वोट करेंगे.
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Tags: Assembly election, Congress, Gujarat ElectionsFIRST PUBLISHED : November 11, 2022, 19:34 IST