35000 क्यूबिक मीटर 1300 ट्रक ट्रिप: आखिर 3 महीने में कैसे हटेगा सुपटेक ट्विन टॉवर का मलबा प्वाइंट्स में समझिए
35000 क्यूबिक मीटर 1300 ट्रक ट्रिप: आखिर 3 महीने में कैसे हटेगा सुपटेक ट्विन टॉवर का मलबा प्वाइंट्स में समझिए
Supertech twin towers debris: नोएडा में सुपरटेक ट्विन टॉवर के ध्वस्त हो जाने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर 35 हजार क्यूबिक मीटर जमा हुए मलबे को 3 महीने के भीतर कैसे हटाया जाएगा. लेकिन नोएडा ऑथोरिटी ने इसके लिए योजना बना रखी है.
नई दिल्ली. 28 अगस्त को 2:30 बजे मात्र 9 सेकेंड के अंदर नोएडा स्थित सुपरटेक ट्विन टॉवर को ध्वस्त कर दिया गया. 100 मीटर ऊंची एपेक्स और सेयेन के गिरने से जो मलबा नीचे जमा हो गया है वह कुछ ही दिनों तक यहां रहेगा. सिर्फ तीन महीनों के अंदर इस मलबे को यहां से हटा लिया जाएगा. मुंबई स्थित एडिफिस इंजीनियरिंग ने इन टावरों को गिराने का काम किया है. इसने एपेक्स (32 मंजिल) और सेयेन (29 मंजिल) इमारतों को ध्वस्त करने के लिए वाटरफॉल इंप्लोशन मेथड का इस्तेमाल किया.
नोएडा के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने सीएनएन-न्यूज 18 को बताया कि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ और टीम ने बेहतरीन काम किया. टॉवर गिराने के बाद का काम भी योजना के मुताबिक किया जा रहा है. टॉवरों को ध्वस्त करने के लिए पलवल (हरियाणा) से करीब 3700 किलो विस्फोटक लाया गया था. इसमें डायनामाइट, इमल्शन और प्लास्टिक विस्फोटकों का मिश्रण था.
मलबे का निपटारा कैसे किया जाएगा परियोजना अधिकारी द्वारा तैयार किए गए अनुमानों के मुताबिक टॉवरों को ध्वस्त करने के बाद लगभग 35,000 क्यूबिक मीटर मलबा जमा हो गया है. इसे हटा लिया जाएगा और आसपास से धूल के बादल भी छंट जाएंगे. नोएडा प्राधिकरण के जनरल मैनेजर (प्लानिंग) इश्तियाक अहमद ने कहा है कि 21,000 क्यूबिक मीटर मलबे को बाहर निकाला जाएगा और इसे शहर के अंदर ही सात अलग-अलग जगहों पर डंप कर दिया जाएगा. करीब पांच से छह हेक्टेयर की भूमि पर मलबे को डंप किया जाएगा. बाकी बचे मलबे को ट्विन टावरों के बेसमेंट क्षेत्रों में समायोजित किया जाएगा जहां एक गड्ढा बनाया गया है. नोएडा प्राधिकरण के जनरल मैनेजर (प्लानिंग) इश्तियाक अहमद ने कहा, “टॉवरों को ध्वस्त हो जाने के बाद अब उचित दिशानिर्देशों और नियमों के मुताबिक मलबे का वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन किया जाएगा. इस पर अंतिम निर्णय क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लिया जाएगा जो मलबे के प्रबंधन पर एडिफिस इंजीनियरिंग की रिपोर्ट की जांच कर रहा है.” मलबे में से कम से कम 4,000 टन लोहा और स्टील निकलने की उम्मीद है, जिसका उपयोग एडिफिस आंशिक रूप से विध्वंस लागत की वसूली के लिए करेगा. मलबे से निकले कचरे का एक हिस्सा नोएडा प्राधिकरण के सेक्टर 80 में कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में ले जाने की संभावना है, जिसकी क्षमता प्रति दिन 300 टन है. मलबे को पूरी तरह से साफ करने में 3 महीने का समय लगेगा. यहां से मलबे को ले जाने के लिए ट्रकों को 1300 चक्कर लगाने होंगे.
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FIRST PUBLISHED : August 29, 2022, 09:18 IST