600 ईमेल 80 कॉल्स के बाद भी रिजेक्शन फिर भी नहीं टूटा हौसला ऐसे मिली इस भारतीय युवा को वर्ल्ड बैंक में नौकरी
600 ईमेल 80 कॉल्स के बाद भी रिजेक्शन फिर भी नहीं टूटा हौसला ऐसे मिली इस भारतीय युवा को वर्ल्ड बैंक में नौकरी
Inspiring Story: एक कहावत है, जिसे मेहनत करना आता है उसके लिए दुनिया में नामुमकिन जैसे कोई शब्द नहीं होते. वह देर-सवेर सफलता की सीढ़ी चढ़ ही जाता है. यह कहावत एक भारतीय युवक पर एकदम सही साबित हुई है. 23 साल के वत्सल नाहटा ने अपनी ड्रीम नौकरी पाने के लिए 600 ईमेल और 80 फोन कॉल किये और एक दिन उनका सपना हकीकत में बदल गया. नाहटा ने लिंक्डइन पर एक लंबी-चौड़ी पोस्ट में अपना पूरा सफर बयां किया है, जिसे 15,000 से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है और उनकी कहानी को करीब 100 लोगों ने शेयर भी किया है.
Motivational Story: एक कहावत है, जिसे मेहनत करना आता है उसके लिए दुनिया में नामुमकिन जैसे कोई शब्द नहीं होते. वह देर-सवेर सफलता की सीढ़ी पर चढ़ ही जाता है. यह कहावत एक भारतीय युवक पर एकदम सही साबित हुई है. 23 साल के वत्सल नाहटा ने अपनी ड्रीम नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत की. 600 ईमेल और 80 फोन कॉल किये. इसके बाद भी कई जगह रिजेक्शन. नाहटा ने लिंक्डइन पर एक लंबी-चौड़ी पोस्ट में अपना पूरा सफर बयां किया है, जिसे 15,000 से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है और उनकी कहानी को करीब 100 लोगों ने शेयर भी किया है.
वत्सल नाहटा येल विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हैं. उन्होंने 2020 में कोरोना काल में अपनी पढ़ाई जैसे-तैसे कर ली, लेकिन इस महामारी के दौर में नौकरी मिलना संभव नहीं था. क्योंकि कंपनियां बुरे दौर के लिए खुद को तैयार कर रही थीं. जो पहले से जॉब पर थे उनको भी कंपनियों से निकाला जा रहा था. ऐसे में वत्सल को नौकरी मिलना मुश्किल हो गया था.
ऐतिहासिक मंदी के दौर में डोनाल्ड ट्रंप का इमीग्रेशन को लेकर कड़ा रुख था, जिससे वत्सल को वीजा में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. ट्रंप के इस रवैये से सैकड़ों भारतीय परेशान रहे, क्योंकि जॉब पर अमेरिकी लोगों को ही रखा जा रहा था. वत्सल के वीजा को स्पॉन्सर करने के लिए कोई तैयार नहीं था. दो महीने में उन्होंने 1,500 रिक्वेस्ट भेज दीं, 600 से अधिक मेल किये, 80 कॉल किए लेकिन तब भी उन्हें रिजेक्शन ही मिला. कोई भी नौकरी पर रखने को तैयार नहीं था. वह अपने माता-पिता को झूठी तसल्लियां दिया करते थे.
आखिरकार इतने दरवाजे खटखटाने के बाद मई के पहले सप्ताह में वत्सल को 4 नौकरियों के ऑफर आए, जिसमें विश्व बैंक भी था. उन्होंने विश्व बैंक को चुना. ऑफर में था कि उन्हें वर्ल्ड बैंक के मौजूदा रिसर्च डायरेक्टर के साथ मिलकर मशीन लर्निंग पर पेपर्स लिखना होगा.
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अंत में नाहटा ने कहा, “अपने अनुभव को दुनिया के साथ साझा करने का उद्देश्य लोगों को कभी हार न मानने के लिए प्रोत्साहित करना है. यदि आप भी इस दौर से गुजर रहे हैं तो कड़ी मेहनत करते रहो. कमजोर मत बनो! बेहतर दिन जरूर आएंगे, यदि आप अपनी गलतियों से सीख रहे हैं.”
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Tags: Indian youths, Job, World bankFIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 16:40 IST