रोड एक्सीडेंट में रोजाना जाती है 426 लोगों की जान ऐसे कर सकते हैं बचाव
रोड एक्सीडेंट में रोजाना जाती है 426 लोगों की जान ऐसे कर सकते हैं बचाव
फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ डीके गुप्ता ने कहा कि किसी भी घायल या बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने से पहले उसकी जान बचाने के लिए हम जो कुछ भी करते हैं, उस प्राथमिक चिकित्सा को फर्स्ट ऐड कहते हैं. प्रति वर्ष डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हो जाती है क्योंकि उन्हें समय पर फर्स्ट ऐड नहीं मिल पाता.
नई दिल्ली. भारत में हर साल लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. वहीं इसकी वजह से हर साल करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है. यही आंकड़ा रोजाना के लिए देखा जाए तो सड़क दुर्घटना में 426 मौत प्रतिदिन और हर 4 मिनट में 1 मौत होती है. ये आंकड़ा निश्चित ही आपको डरा सकता है लेकिन ये दुखद सच्चाई है लेकिन जागरूकता और ट्रैफिक नियमों का पालन करके हम मृत्यु दर को कम कर सकते हैं.
इसी गंभीर समस्या का समाधान निकालने के लिए ट्रैफिक पुलिस डिपार्टमेंट और फेलिक्स अस्पताल की ओर से फर्स्ट एड एवं सीपीआर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया जिसका उद्देश्य समाज में फर्स्ट एड के महत्व को समझाना था. किसी एक्सीडेंट या दुर्घटना के बाद व्यक्ति को सही समय पर फर्स्ट एड (First Aid) मिलना बहुत ज़रूरी है. समय पर फर्स्ट एड (First Aid) प्रदान करके कई जानों को प्रतिदिन बचाया जा सकता है.
इस दौरान अस्पताल के चेयरमैन डॉ डीके गुप्ता ने कहा कि किसी भी घायल या बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने से पहले उसकी जान बचाने के लिए हम जो कुछ भी करते हैं, उस प्राथमिक चिकित्सा को फर्स्ट ऐड कहते हैं. प्रति वर्ष डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हो जाती है क्योंकि उन्हें समय पर फर्स्ट ऐड नहीं मिल पाता.
वहीं पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने कहा कि भारत की 80 प्रतिशत आबादी को सीपीआर देना नहीं आता. इमरजेंसी के समय क्या करना चाहिए, उससे ज़्यादा महत्वपूर्ण यह जानना है कि क्या नहीं करना चाहिए.
क्यों है फर्स्ट एड मिलना इतना ज़रूरी?
सिंह ने बताया कि गलत चिकित्सा से व्यक्ति विशेष की जान जाने का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि सही फर्स्ट एड व्यक्ति को मिलना चाहिए.
कब जरूरी होती है फर्स्ट ऐड ?
प्राथमिक चिकित्सा के तहत दम घुटना जैसे पानी में डूबने के कारण, फांसी लगने के कारण या सांस नली में किसी बाहरी पदार्थ का अटक जाना, ह्रदय गति रूकना, हार्ट अटैक, ख़ून बहना, शरीर में जहर का असर होना, जल जाना, हीट स्ट्रोक, अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी, बेहोशी या कोमा, मोच, हड्डी टूटना और किसी जानवर के काटने पर दिया जा सकता है.
फर्स्ट एड के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
.अपने हाथों और अन्य स्किन सर्फेस को अच्छे से धोना
. ग्लव्स, मास्क और अन्य प्रोटेक्टिव आईवियर का प्रयोग
. प्रोटेक्टिव सूट, गाउन और एप्रन को पहनना
. तेजधार वाली चीजों का ध्यान से प्रयोग
. सभी दूषित सतहों को कीटाणुरहित करना
. सही डिस्पोजल कंटेनर्स का प्रयोग
.CPR के लिए सही प्रोटेक्टिव मास्क (Protective Mask) का प्रयोग करना
. उस स्थान पर कुछ नहीं खाना-पीना, स्मोकिंग और अन्य चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करना
. पर्यावरण सेवा के कर्मचारियों से संपर्क करना, जो शारीरिक तरल पदार्थों को साफ करने के लिए प्रशिक्षित हों.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी|
Tags: Road AccidentsFIRST PUBLISHED : November 09, 2022, 20:41 IST