कोलकाता शहर से 45 किमी दूर कूड़े में मिले 17 इंसानी भ्रूण पुलिस कर रही जांच
कोलकाता शहर से 45 किमी दूर कूड़े में मिले 17 इंसानी भ्रूण पुलिस कर रही जांच
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करते पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कचरे से 17 भ्रूणों का मिलना एक गंभीर विषय है. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही उलुबेरिया उप-मंडल अस्पताल के प्रमुख निजी तौर पर इस मामले को देख रहे हैं.
हाइलाइट्सपिछले साल गर्भपात कराने की सीमा को बढ़ाकर 24 हफ्ते कर दिया गया थापुलिस ने नर्सिंग होम के वरिष्ठ अधिकारियों को मुलाकात के लिए बुलायाघटना स्थल के आस पास 25 नर्सिंग होम हैं मौजूद
कोलकाता. मंगलवार को तब सनसनी फैल गई जब कोलकाता से 45 किमी दूर हावड़ा के उलुबेरिया में एक कचरा फेंकने वाली जगह पर पॉलीथीन बैग में लिपटे हुए करीब 17 इंसानी बच्चों के भ्रूण पाए गए. पाए गए भ्रूणों में 11 लड़कियों के और 6 लड़कों के थे, जबकि एक इस कदर अविकसित था कि उसके लिंग की पहचान करना मुश्किल था. सभी भ्रूणों को पोस्टमार्टम के लिए उलुबेरिया उप-प्रभागीय अस्पताल में भेज दिया गया है.
मंगलवार की दोपहर जब सफाईकर्मी वार्ड 31 में मौजूद बानिताला खानपाड़ा कूड़ा स्थल की सफाई कर रहे थे तब उन्हें यह भ्रूण नज़र आए. जिले के एक अधिकारी का कहना है कि उलुबेरिया नगर निगम क्षेत्र में कुल 25 नर्सिंग होम हैं जो सभी जांच के दायरे में हैं. उलुबेरिया निगम अध्यक्ष अभय दास का कहना है कि ऐसा लगता है कि इसमें एक या ज्यादा नर्सिंग होम गैरकानूनी गर्भपात गिरोह में शामिल हो सकते हैं. उनका कहना था कि मामले की जांच के लिए हमने एक कमेटी बनाई गई है और अगले सोमवार को सभी नर्सिंग होम के वरिष्ठ अधिकारियों को मुलाकात के लिए बुलाया है. इसके साथ ही उन्हें अपने साथ अस्पताल के रजिस्टर लाने के लिए कहा गया है जिसमें पिछले कुछ हफ्तों में की गई सर्जरी का विवरण दर्ज किया गया हो.
17 भ्रूणों का मिलना एक गंभीर विषय : पुलिस
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करते पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कचरे से 17 भ्रूणों का मिलना एक गंभीर विषय है. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही उलुबेरिया उप-मंडल अस्पताल के प्रमुख निजी तौर पर इस मामले को देख रहे हैं. पिछले साल गर्भपात कराने की सीमा को बढ़ाकर 24 हफ्ते कर दिया गया था, यानी 24 हफ्ते के गर्भ का गर्भपात किया जा सकता है.
जानिए क्या कहता है कानून
इससे पहले यह सीमा 20 हफ्तों की थी. लेकिन यह भी विशेष मामलों में है. मसलन बलात्कार या कौटुम्बिक व्यभिचार पीड़िता के मामले में 24 हफ्ते की सीमा लागू की जा सकती है. इसके साथ ही गर्भनिरोधक की असफलता पर अवांछनीय गर्भ को महिलाएं खुद भी समाप्त कर सकती हैं. भले ही वह शादीशुदा हों या नहीं हो. इससे पहले कानून कहता था कि ऐसा करने का अधिकार शादीशुदा महिला या उसके पति को ही था.
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Tags: Abortion, KolkataFIRST PUBLISHED : August 17, 2022, 14:31 IST