इस इमामबाड़े में रखी है चार क्विंटल की ज़रीह और सोने-चांदी के 1200 अलम
इस इमामबाड़े में रखी है चार क्विंटल की ज़रीह और सोने-चांदी के 1200 अलम
Rampur imambara: रामपुर नवाब खानदान के इमामबाड़ा खासबाग में चार क्विंटल चांदी की जरीह है. इस जरीह को बनाने के लिए रामपुर रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खां ने आर्किटेक्ट को कर्बला (इराक) भेजा था. इमामबाड़ा खासबाग में 1,200 अलम हैं. यह अलम ईरान और सीरिया....
अंजू प्रजापति/रामपुर: कोठी खास बाग इमामबाड़ा रामपुर की एक ऐतिहासिक धरोहर है. इसे आजादी के बाद 1949 में रामपुर रियासत के अंतिम शासक नवाब रजा अली खान ने बनवाया था. इस इमामबाड़े और उसमें रखी ज़रीह की जियारत के लिए पूरे हिंदुस्तान से लोग आते हैं. कोठी खास बाग स्थित इमामबाड़ा हजरत इमाम हुसैन के रोजे की शबीह है.
रामपुर नवाब खानदान के इमामबाड़ा खासबाग में चार क्विंटल चांदी की जरीह है. इस जरीह को बनाने के लिए रामपुर रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खां ने आर्किटेक्ट को कर्बला (इराक) भेजा था. इमामबाड़ा खासबाग में 1,200 अलम हैं. यह अलम ईरान और सीरिया से लाए गए थे. मुहर्रम माह में अलम बाहर निकलते हैं और उसके बाद ये अलम खासबाग इमामबाड़े के स्ट्रांग रूम में रखे जाते हैं. इनकी सुरक्षा में पुलिस तैनात रहती है.
रामपुर में नवाबी दौर में इमामबाड़ा किले में ही अजादारी होती थी. आजादी के बाद किला सरकार के अधीन हो गया इसके बाद कोठी खासबाग इमामबाड़े का निर्माण किया गया. इसमें कर्बला के शहीदों की याद में मजलिस भी हो रही हैं और जुलूस भी निकल रहे हैं. इमामबाड़ा में मातम के कार्यक्रम का आयोजन नवाब रामपुर के इमामबाड़े के मुतवल्ली नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां कराते हैं. इस इमामबाड़े में अजादार जंजीरों और छुरियों का मातम भी करते हैं.
इतिहासकार फ़रहत अली खान के मुताबिक इस्लामी पवित्र महीना मुहर्रम चल रहा है. इमामबाड़ों, मस्जिदों और घरों में दुरुद, फातेहा और लंगर के आयोजन किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में मुहर्रम माह के 40 दिन नवाब खानदान की ओर से लंगर का इंतजाम किया जाता है जहां सुबह से शाम तक लंगर आम किया गया जाता है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 14, 2024, 21:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed