जब पारसनाथ मंदिर तोड़ने पहुंची मुगल सेना बिच्छुओं के आक्रमण से लौटी उल्टे पां
जब पारसनाथ मंदिर तोड़ने पहुंची मुगल सेना बिच्छुओं के आक्रमण से लौटी उल्टे पां
Baba Parasnath Mandir Lakhimpur kheri: मंदिर के निर्माण के बारे में बस इतना ही कहा जाता है कि सन 1800 ई. की ईंट यहां आज भी लगी हुई है. बताते हैं कि मुगल शासक ने इस मंदिर पर आक्रमण किया था. मंदिर से निकले बिच्छुओं ने मुगलों की सेना को पराजित कर दिया था. मंदिर के दक्षिण में रखी खंडित मूर्तियां इस बात की गवाही देती है.
लखीमपुर खीरी /अतिश त्रिवेदी: लखीमपुर जनपद के कस्बा मैगलगंज से मात्र 6 किलोमीटर दूर मढिया घाट में स्थापित महाभारत कालीन शिव मंदिर बाबा पारसनाथ नाम से विख्यात हैं. लोग बताते हैं कि यहां शिवलिंग की स्थापना अश्वत्थामा ने की थी. शिव भक्तों की आस्था का केंद्र मढिया घाट का महत्व इसलिये और बढ़ जाता है कि यहां आदि गंगा गोमती नदी (Gomti River) उत्तर वाहिनी हो जाती है. मतलब गोमती नदी का बहाव दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा को हो जाता है.
आदि गंगा के तट पर स्थित बाबा पारसनाथ शिव मंदिर के महत्व को समझने वाले श्रद्धालु यहां दूरदराज से हजारों की संख्या में महिला व पुरुष आते हैं. ये शिव मंदिर आस्था का केंद्र माना जाता है. गंगा नदी में डुबकी लगाकर नदी से जल ले जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. शिव भक्तों की मनोकामना भी पूरी होती है.
बिच्छुओं ने मुगल सेना को किया था पराजित
मंदिर के निर्माण के बारे में बस इतना ही कहा जाता है कि सन 1800 ई. की ईंट यहां आज भी लगी हुई है. बताते हैं कि मुगल शासक ने इस मंदिर पर आक्रमण किया था. मंदिर से निकले बिच्छुओं ने मुगलों की सेना को परास्त कर दिया था. मंदिर के दक्षिण में रखी खंडित मूर्तियां इस बात की गवाही देती है.
सच्चे मन की मनोकामना होती है पूर्ण
सावन माह में शिव भक्त लगातार मंदिर पहुंचते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. माना जाता है कि सच्चे मन से जो मनोकामना मांगी जाती है वह पूर्ण हो जाती है.
Tags: Lakhimpur Kheri News, Local18, Sawan MonthFIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 15:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed