59 ओवर का स्पेल टेस्‍ट में नॉनस्‍टाप गेंदबाजी का रिकॉर्ड भारतीय बॉलर के नाम

टेस्‍ट क्रिकेट में किसी खिलाड़ी के खेल कौशल के साथ साथ उसकी फिटनेस की भी कठिन परीक्षा होती है.चूंकि टेस्‍ट क्रिकेट में ओवर्स की समयसीमा नहीं होती है, ऐसे में इसमें लंबे समय तक बैटिंग या बॉलिंग करना थका देने वाला होता है. भारत के एक स्पिनर नरेंद्र हिरवानी के नाम टेस्‍ट क्रिकेट की एक पारी में बिना ब्रेक लिए 59 ओवर गेंदबाजी का रिकॉर्ड दर्ज है.

59 ओवर का स्पेल टेस्‍ट में नॉनस्‍टाप गेंदबाजी का रिकॉर्ड भारतीय बॉलर के नाम
नई दिल्‍ली. क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में टेस्‍ट क्रिकेट को सबसे मुश्किल माना जाता है. यह फॉर्मेट किसी खिलाड़ी के खेल कौशल के साथ उसकी फिटनेस की भी सबसे कठिन परीक्षा लेता है. चूंकि इस फॉर्मेट में ओवर्स की कोई सीमा नहीं होती है, ऐसे में लंबे समय तक बैटिंग या बॉलिंग करना बेहद थका देने वाला होता है. कई बार तो किसी बॉलर को टीम की खातिर इतना लंबा स्‍पैल फेंकना होता है कि कंधे ही जवाब देने लगते हैं. भारत के एक स्पिनर के नाम टेस्‍ट क्रिकेट की एक पारी में बिना ब्रेक लिए 59 ओवर बॉलिंग करने का रिकॉर्ड है. दाएं हाथ के रिस्‍ट स्पिनर नरेंद्र हिरवानी (Narendra Hirwani) ने ऐसा किया था. साथी प्‍लेयर्स के बीच ‘हीरू’ के नाम से लोकप्रिय हिरवानी ने अगस्‍त 1990 में इंग्‍लैंड के खिलाफ ओवल टेस्‍ट में (England Vs India) यह रिकॉर्ड बनाया था. हिरवानी ने इस टेस्‍ट में इंग्‍लैंड की दूसरी पारी के दौरान बिना किसी ब्रेक के लगातार 59 ओवर फेंके थे. इसमें 18 ओवर मेडन रखते हुए उन्‍होंने 137 रन देकर एक विकेट हासिल किया था. यह टेस्‍ट इतिहास का अब तक का बिना ब्रेक लिए बॉलिंग का सबसे लंबा स्‍पैल है. बता दें, टेस्‍ट क्रिकेट में एक पारी में सबसे लंबे बॉलिंग स्‍पैल का रिकॉर्ड वेस्‍टइंडीज के सोनी रामाधीन (98 ओवर, विरुद्ध इंग्‍लैंड, 1957) के नाम पर है लेकिन जहां तक ब्रिना ब्रेक के सबसे लंबा गेंदबाजी स्‍पैल फेंकने का रिकॉर्ड है तो यह काम हिरवानी ने किया है. चेन्‍नई में जन्‍मा बॉलर ले चुका T20 वर्ल्‍डकप में हैट्रिक, एक बॉलर ने तो लिए हैं चार गेंद पर 4 विकेट इंग्‍लैंड के खिलाफ फेंके थे लगातार 59 ओवर दरअसल, विकेट पर बने ‘फुटमार्क’ का फायदा उठाने के लिए कप्‍तान ने हिरवानी से लंबा स्‍पैल कराने का निर्णय लिया था, हालांकि इस पारी में वे उम्‍मीदों पर खरे नहीं उतर सके थे और केवल एक ही विकेट ले पाए थे. ओवल में सीरीज के तीसरे टेस्‍ट में रवि शास्‍त्री (187) और कपिल देव (110) के शतक की मदद से भारतीय टीम ने टॉस जीतकर बैटिंग करते हुए पहली पारी में 9 विकेट पर 606 रन (पारी घोषित) का विशाल स्‍कोर बनाया था. जवाब में मेजबान इंग्‍लैंड की टीम मनोज प्रभाकर (4 विकेट)और अतुल वासन (2 विकेट) की बॉलिंग के आगे महज 340 रन पर सिमट गई थी ओर उसे फॉलोआन करना पड़ा था. टीम इंडिया के पास मैच में जीत हासिल करने का मौका था. रेगुलर कप्‍तान मोहम्‍मद अजहरुद्दीन को एड़ी में सूजन के कारण मैदान से बाहर जाना पड़ा था, ऐसे में इंग्‍लैंड की दूसरी पारी में भारतीय टीम की कप्‍तानी रवि शास्‍त्री ने की थी. मैच बचाने के लिए इंग्‍लैंड के बैटर्स ने दूसरी पारी में डिफेंसिव बैटिंग की थी और विकेट बचाने पर ध्‍यान केंद्रित किया था. मेजबान टीम यह मैच बचाने और सीरीज 1-0 से जीतने में सफल हो गई थी. दूसरी पारी में इंग्‍लैंड का स्‍कोर चार विकेट खोकर 477 रन रहा था जिसमें डेविड गॉवर के नाबाद 157, कप्‍तान ग्राहम गूच के 88 और माइक एथरटन के 86 रन शामिल थे. सौरव गांगुली ने ऐसा क्‍या कहा था कि रात 11 बजे बॉलिंग करने लगे शोएब अख्‍तर डेब्‍यू टेस्‍ट में लिए थे 16 विकेट,यह रिकॉर्ड अब तक नहीं टूटा हिरवानी को टेस्‍ट क्रिकेट में भारत के बेहतरीन स्पिनरों में शुमार किया जाता है. दुर्भाग्‍यवश करीब आठ साल के इंटरनेशनल करियर वे महज 17 टेस्‍ट और 18 वनडे ही खेल सके. वेस्‍टइंडीज के खिलाफ  1988 में चेन्‍नई (तब मद्रास) में टेस्‍ट डेब्‍यू करने वाले हिरवानी ने दोनों पारियों में 8-8 विकेट विकेट लिए थे. टेस्‍ट डेब्‍यू में 136 रन देकर 16 विकेट लेने का यह रिकॉर्ड 35 साल बाद भी नहीं टूट सका है. इस टेस्‍ट में उन्‍होंने पहली पारी में 61 रन देकर 8 और दूसरी पारी में 75 रन देकर 8 विकेट लिए थे. उनकी इस जादुई बॉलिंग से भारत ने यह टेस्‍ट 255 रन के बड़े अंतर से जीता था. हिरवानी ने जिस इंडीज टीम के खिलाफ यह गेंदबाजी विश्‍लेषण दर्ज किया था उसमें डेसमंड हेंस, फिल सिमंस, रिची रिचर्ड्सन, विव रिचर्ड्स, गस लोगी, कार्ल हूपर और जैफ डुजोन जैसे दिग्‍गज शामिल थे. हिरवानी ने अपना पहला इंटरनेशनल मैच, टेस्‍ट के रूप में जनवरी 1988 में मद्रास (अब चेन्‍नई) में खेला जबकि आखिरी टेस्‍ट नवंबर 1996 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता में खेला था. जब ODI में एक ही टीम की ओर से खेली थीं भाइयों की 4 जोड़‍ियां, बना था इतिहास लगातार तीन वनडे में 4 विकेट लेने वाले पहले बॉलर  ODI में एक महत्‍वपूर्ण रिकॉर्ड भी हिरवानी के नाम पर है. वे भारत और दुनिया के ऐसे पहले बॉलर थे जिन्‍होंने वनडे में लगातार तीन मैचों में 4 विकेट लेने के कारनामे को अंजाम दिया. हिरवानी ने वर्ष 1988 में शारजाह में न्‍यूजीलैंड के खिलाफ 27 मार्च को हुए मैच में 43 रन देकर चार, एक अप्रैल को न्‍यूजीलैंड के खिलाफ ही हुए मैच में 46 रन देकर चार और 16 अक्‍टूबर को वेस्‍टइंडीज के खिलाफ वनडे मैच में 50 रन देकर चार विकेट झटके थे. हिरवानी के बाद भारत के मोहम्‍मद शमी भी 2019 और 2023 में लगातार तीन वनडे में चार या इससे अधिक विकेट लेने की उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. नरेंद्र हिरवानी का जन्‍म वैसे तो यूपी के गोरखपुर में हुआ था लेकिन मध्‍य प्रदेश का इंदौर शहर उनकी ‘कर्मभूमि’ रहा. अपने क्रिकेट कौशल को तराशने के लिए वे कम उम्र में इंदौर आ गए और संजय जगदाले से खेल की बारीकियां सीखीं. 19 वर्ष की उम्र में टेस्‍ट डेब्‍यू करने वाले हिरवानी, रणजी ट्रॉफी में लंबे समय तक मध्‍य प्रदेश की ओर से खेले. . Tags: England vs India, Narendra hirwani, Team india, Test cricketFIRST PUBLISHED : May 2, 2024, 15:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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