51 का तापमान बॉर्डर पर जवान कैसे होती है पेट्रोल‍िंग क्‍या होते हैं बदलाव

51 डिग्री सेल्सियस तापमान में खुद को हीट स्‍ट्रोक में बचा पाना एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में, राजस्‍थान और गुजरात के भारत पाकिस्‍तान बार्डर पर तैनात बीएसएफ के जवान भीषण गर्मी से अपना बचाव किस प्रकार कर रहे हैं, जानने के लिए पढ़ें आगे... 

51 का तापमान बॉर्डर पर जवान कैसे होती है पेट्रोल‍िंग क्‍या होते हैं बदलाव
Heat Wave: देश के तमाम शहरों में तापमान का पारा 43 डिग्री सेल्सियस पार कर चुका है. ऐसे में आलम यह है कि शाम को जब घर पहुंचों तो ऐसा लगता है कि शरीर का आधा खून सूख चुका है. ऐसे में, कल्‍पना कीज‍िए कि आपको ऐसे शहर में छोड़ दिया जाए, जहां आग सी तपती रेत हो और तापमान का पारा 51 डिग्री से भी ऊपर चला गया हो, ऐसी स्थिति में आप क्‍या करेंगे? यहां आपको बता दें कि देश के कुछ शहरों में ऐसी स्थित न केवल है, बल्कि हमारी और आपकी सुरक्षा के लिए इस कुछ जवान इस आग उगलती गर्मी में देश की बार्डर की सुरक्षा कर रहे हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं राजस्‍थान और गुजरात की भारत-पाकिस्‍तान अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पर तैनात बार्डर सिक्‍योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के जवानों और अधिकारियों की. ऐसे में, सवाल यह है कि 51 डिग्री की तपती गर्मी में बीएसएफ के जवान खुद को तरोताजा रखते हुए बार्डर की सुरक्षा कैसे कर पा रहे हैं. क्‍या इन उपायों पर अमल कर हम भी इस भीषण गर्मी से खुद को निजात दिला सकते हैं? इन सवाल का जवाब तलाशने के लिए हमने बात की बार्डर सिक्‍योरिटी फोर्स के एडिशनल डायरेक्‍टर जनरल (सेवानिवृत्‍त) पीके मिश्र से. 51 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच सेंड्यूल स्‍कूटर से गश्‍त करते बीएसएफ के जवान. जवानों को हीट स्‍ट्रोज से बचाने के लिए पहला कदम बीएसएफ के एडीजी (रि.) पीके मिश्र बताते हैं कि चूंकि मामला अंतरराष्‍ट्रीय बार्डर और देश की सुरक्षा का है, लिहाजा 51 डिग्री सेल्सियस की भीषण गर्मी में भी हमारे जवान सरहदों की सुरक्षा उसी प्रकार कर रहे हैं, जैसे वह सामान्‍य दिनों में करते हैं. हां, इस बीच कुछ ऐसे हततियाती कदम उठाए गए हैं, जिससे बीएसएफ के जवा को स्‍वस्‍थ रखते हुए अपनी ड्यूटी कर सकें. उन्‍होंने बताया कि राजस्‍थान में बाडमेर, बीकानेर और गुजरात में भुज से सटी भारत-पाकिस्‍तान अंतरर्राष्‍ट्रीय सीमा पर तैनात जवानों के सामने भीषण तापमान की चुनौती सबसे अधिक रहती है. मौजूदा समय में भी वहां का तापमान 51 डिग्री सेल्सियस पार कर चुका है. ऐसे स्थित में, जवानों को हीट स्‍ट्रोक से बचाने के लिए सबसे पहले उनकी ड्रेस में बदलाव किया जाता है. यह भी पढ़ें: विदेश से आए दो मेहमान, एयरपोर्ट पर कर बैठे यह गुस्‍ताखी, पलक झपकते लगी 58 लाख की चपत… दिल्‍ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर अज़रबैजान से आए दो विदेशी मेहमानों ने ऐसी गुस्‍ताखी कर दी, जिसके चलते उन्‍हें करीब 58 लाख रुपए की चपत तो लगी ही, साथ ही इस गुस्‍ताखी का खामियाजा गिरफ्तारी के साथ चुकाना पड़ा. पूरा मामला जानने के लिए क्लिक करें. अब कुछ इस तरह होती है बॉर्डर पर पेट्रोलिंग एडीजी (रि.) पीके मिश्र के अनुसार, विशेषतौर पर राजस्‍थान में गर्मी के दौरान जवानों को कैमोफ्लेज ड्रेस की जगह समर स्‍पेशल ड्रेस उपलब्‍ध कराई जाती है, जो गर्मी के दौरान आराम दायक रहे. इसके अलावा, बॉर्डर पर होने वाली पेट्रोलिंग के तरीकों में भी बदलाव किया जाता है, जिससे भीषण गर्मी के बीच निश्चित पेट्रोल शिड्यूल के अनुसार बॉर्डर पर गश्‍त की जा सके. इसके लिए, सुबह ओर शाम की पेट्रोलिंग के लिए जवानों को ऊंट पर भेजा जाता है. दिन की पेट्रोलिंग के लिए जिप्‍सी का इस्‍तेमाल किया जाता है. ऊंट और जिप्‍सी में पीने के पानी की पर्याप्‍त मात्रा में व्‍यवस्‍था होती है. इसके अलावा, रेत पर गश्‍त के लिए जवानों को स्‍पेशली डिजाइंउ शेंड्यूल जिप्‍सी और शेंड्यूल स्‍कूटर उपलब्‍ध कराए गए हैं. इन दोनों वाहनों में भी पानी की उपलब्‍धता होती है. राजस्‍थान की भारत पाक सीमा पर ऊंट से गश्‍त पर निकले बीएसएफ के जवान. पैदल पेट्रोल और अनिवार्य तीन चीजें एडीजी (रि.) पीके मिश्र के अनुसार, बॉर्डर पर तैनात सभी जवानों को वॉटर बाटर, हैट और गोगल्‍स उपलब्‍ध कराए जाते हैं. गर्मी में पेट्रोलिंग के बीच इन तीनों चीजों का इस्‍तेमाल सभी जवानों के लिए अनिवार्य है. इसके अलावा, सभी जवानों को तौलिया और पटका भी उपलब्‍ध कराया जाता है. पेट्रोलिंग के दौरान, पटका और तौलिया को गीलाकर जवान इस्‍तेमाल करते हैं. इसके अलावा, बॉर्डर पर होने वाली पैदल पेट्रोलिंग को लेकर थोड़ा बदलाव किए जाते हैं. चूंकि, बार्डर पर दो ऑब्‍जर्वेशन पोस्‍ट के बीच करीब 1.5 से 1.8 किमी की दूरी होती है, लिहाजा पैदल पेट्रोल पार्टी को इतनी लंबी गश्‍त पर नहीं भेजा जाता है. उन्‍हें आवश्‍यकता के अनुसार, छोटी दूरी की पेट्रोलिंग के लिए ही भेजा जाता है. यह भी पढ़ें: पति था ऑफिस में, अचानक आया पत्‍नी का फोन, बोले चार शब्‍द और टूट गई शादी… ऑफिस में काम कर रहे पति के पास अचानक प‍त्‍नी का फोन आया. फोन पर पत्‍नी की बात सुन पति के न केवल चेहरा उतर गया, बल्कि उसे चेहरा पसीने से तर-बतर हो गया. वह ऑफिस से आनन-फानन अपने बच्‍चे की स्‍कूल की तरफ भागा और फिर वहां से घर की तरफ… आखिर पत्‍नी ने फोन पर क्‍या कही थी बात… जानने के लिए क्लिक करें. भुज की चुनौती और बीओपी के इंतजाम एडीजी (रि.) पीके मिश्र ने बताया कि भुज में जवानों के सामने एक अलग तरह की चुनौती होती है. दरअसल, भुज का पानी खारा है, जिसके चलते बॉडी बहुत जल्‍दी डिहाइड्रेट हो जाती है. ऐसी स्थित न हो, इसके लिए सभी जवानों को विटामिन सी की टैबलेट के साथ ओआरएस-इलेक्‍ट्रॉल जैसे कुछ सप्‍लीमेंट ड्रिंक उपलब्‍ध कराए जाते हैं, जिससे जवान अपने शरीर को अच्‍छी तरह से हाइड्रेट रख सकें. इसके अलावा, बॉर्डर की सभी ऑब्‍जर्वेशन पोस्‍ट पर, चाहे वह गुजरात में या फिर राजस्‍थान में, पानी की व्‍यवस्‍था पूरी तरह से सुनिश्चित की जाती है. मौजूदा समय में, बीएसएफ के सभी बॉर्डर आउट पोस्‍ट (बीओपी) में वॉटर कूलर की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित कर दी गई है. भारत-पाकिस्‍तान सीमा पर गश्‍त करते महिला कमांडो. गर्मी में तकनीक बनी जवानों की मददगार एडीजी (रि.) पीके मिश्र के अनुसार, दिन में भीषण गर्मी के बीच सरहद की सुरक्षा के लिए तकनीक का भी इस्‍तेमाल किया जाता है. सभी ऑब्‍जर्वेशन पोस्‍ट पर अत्‍याधुनिक दूरबीन उपलब्‍ध कराई गई हैं. दिन में विजिबिटली अच्‍छी के बीच इन दूरबीन से एक ऑब्‍जर्वेशन पोस्‍ट से दूसरे ऑब्‍जर्वेशन पोस्‍ट के बीच आसानी से नजर रखी जा सकती है. इसके अलावा, बॉर्डर पर लगी फेंस में हाईटेक सेंसर भी लगाए गए हैं. जिनकी मदद से दो से तीन किमी की दूरी पर मौजूद आदमी का पता लगाया जा सकता है. सेंसर से जानकारी मिलने के बाद ऑब्‍वर्जेशन पोस्‍ट पर मौजूद जवानों के पास इतना समय होता है कि वह मौके पर पहुंचकर वस्‍तुस्थिति को देख सकें. Tags: BSF, Heat WaveFIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 12:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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