यहां मिलते हैं शाही रसगुल्ले मात्र 20 रुपये कीमत देसी घी में है बनते

Famous Rasgulla Shop: गोरखपुर में अगर आप भी शानदार रसगुल्ला का टेस्ट और पनीर दही बड़े का मजा लेना चाहते हैं. तो शहर के तारामंडल पर आपको जाना होगा. जहां पर आपको एक दुकान दिखेगी, जिसका नाम है मिर्जापुर का स्पेशल मटके की मिठाई. यहां पर आपको सब कुछ खाने को मिलेगा. खास बात यह है सारी चीज मटके में ही तैयार होती है.

यहां मिलते हैं शाही रसगुल्ले मात्र 20 रुपये कीमत देसी घी में है बनते
शाहजहांपुर: बरसात के मौसम में गन्ने की फसल में कई तरह के कीट लग जाते हैं. यह कीट पत्तियों को कुतरने के साथ-साथ रस चूसते हैं. जिससे गन्ने के पौधे कमजोर हो जाते हैं और सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है. जरूरी है कि इन कीटों का समय पर उपचार किया जाए. उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान में तैनात वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. नीलम कुरील ने बताया कि इन दिनों गन्ने की फसल में रस चूसने वाले कीट के अलावा पत्तियों को कुतरने वाले कीट भी फसल को चपेट में ले रहे हैं. जिनका समय पर समाधान हो जाना बेहद जरूरी है. गन्ने की फसल में रस चूसक कीट मिली बग, पत्तियां कुतरने वाला टिड्डा और आर्मी वर्म बरसात के मौसम में प्रभावी हो जाते हैं. जिनकी रोकथाम बेहद जरूरी है. मिली बग हो सकता है घातक डॉ. नीलम कुरील ने बताया कि इन दिनों गन्ने में पोरी बनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं. मिली बग कीट गन्ने की गांठों पर चिपक कर रस चूसना शुरू कर देता है. इसके बाद पौधा धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है. पत्तियां काली पड़ने लगती हैं. प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया प्रभावित होती है और पौधा नष्ट हो जाता है. पत्ती कुतरने वाला टिड्डा का खतरनाक डॉ. नीलम कुरील ने बताया कि गन्ने की में पत्तियों को कुतरने वाले टिड्डा और आर्मी वर्म भी फसल को बेहद नुकसान पहुंचाते हैं. यह कीट धीरे-धीरे पत्तियों को कुतर देते हैं और पौधा पर्याप्त मात्रा में भोजन ग्रहण नहीं कर पाता है. इसके बाद पौधा कमजोर होकर सूख जाते हैं. किसी 1 दवा का ऐसे करें छिड़काव डॉ. नीलम कुरील ने बताया कि रस चूसक और पत्ती को कुतरने वाले कीटों का समय पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी है. अन्यथा यह फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं. नियंत्रण करने के लिए 5 लीटर क्लोरो पायरीफॉस 20 ईसी 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर एक हेक्टेयर में छिड़काव कर दें या 750 ml रॉकेट 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर खेत में छिड़काव कर सकते हैं. इसके अलावा इमिडा क्लोप्रिड नाम का कीटनाशक 200 ml 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं. 20 दिन बाद फिर करें छिड़काव डॉ. नीलम कुरील ने बताया कि कीटनाशक का छिड़काव करने के बाद अगर बारिश हो जाए और दोबारा से कीट दिखने लगे तो 20 से 25 दिन का अंतराल रखते हुए इन्हीं में से फिर किसी एक कीटनाशक का छिड़काव कर देना चाहिए. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 16:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed