मिठाई खाने के हैं शौकीन तो एक बार जरूर चखें यूपी के मशहूर पेड़े
मिठाई खाने के हैं शौकीन तो एक बार जरूर चखें यूपी के मशहूर पेड़े
कन्नौज का हाथ से बना पेड़ा अपनी खास मिठास, शुद्धता और अनोखे स्वाद के लिए दूर-दूर तक मशहूर है. बिना किसी मशीन की मदद से पूरी तरह हाथ की कारीगरी से तैयार इस पेड़े की डिमांड देश-विदेश में है, जो इसे एक अनोखी मिठाई बनाती है.
बागपत: जहां एक ओर शोर-शराबे और मंदिर-मस्जिदों में बजते लाउडस्पीकरों से ध्वनि और वायु प्रदूषण से लोग परेशान हैं, वहीं बागपत जिले का बामनोली गांव प्रदूषण के प्रति जागरूकता की मिसाल पेश कर रहा है. इस गांव में स्थित पवन पुत्र हनुमान जी का ऐतिहासिक मंदिर अपने शांत और प्रदूषण-मुक्त वातावरण के लिए जाना जाता है. इस मंदिर में ध्वनि और वायु प्रदूषण करना सख्त मना है, और मान्यता है कि यहां दर्शन करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और बजरंगबली लोगों के कष्टों को दूर कर देते हैं.
सेवादार सूबेराम ने बताया कि बागपत जिले की तहसील बड़ौत इलाके में कृष्णा नदी के किनारे बसे बामनोली गांव में एक टीले पर भगवान श्री हनुमान जी का ऐतिहासिक मंदिर स्थित है. यह मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है और इसका निर्माण सिद्ध पुरुष महाराज मंगलेश्वर नंद जी ने ग्रामीणों से चंदा इकट्ठा कर करवाया था. मंदिर की ऊंचाई 101 फीट है, और इसके आसपास 17 बीघा भूमि में हरे-भरे पेड़ लगाए गए हैं, जो मंदिर के शांतिपूर्ण वातावरण को और भी बढ़ाते हैं.
यह भी पढ़ें- सरयू में डुबकी लगा रहे थे पंडित जी, तभी पानी हो गया काला! बाहर निकलकर बताया खतरा
मंदिर की विशेषता
इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां वायु और ध्वनि प्रदूषण करना सख्त मना है. अन्य मंदिरों और मस्जिदों की तरह यहां लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया जाता. इसके अलावा, मंदिर में धूपबत्ती और अगरबत्ती का उपयोग भी वर्जित है, क्योंकि इससे वायु प्रदूषण होता है. खास बात यह है कि इस मंदिर में किसी भी प्रकार के दान की मांग नहीं की जाती है, और किसी भी धर्म, जाति या बिरादरी के लोगों के लिए यहां आने पर कोई पाबंदी नहीं है.
Tags: Baghpat news, Dharma Aastha, Local18FIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 16:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed