बहराइच में भेड़िये आखिर आदमखोर क्यों हो गए बच्चे कैसे बन गए इनके सॉफ्ट टारगेट
बहराइच में भेड़िये आखिर आदमखोर क्यों हो गए बच्चे कैसे बन गए इनके सॉफ्ट टारगेट
उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़ियों के आतंक से जुड़ी खबरों के सामने आने के बाद हम सभी के जहन में एक सवाल उठता है कि अचानक कहां से आए भेड़िये और क्यों हो गए आदमखोर? क्या है इस सवाल का जवाब, जानने के लिए पढ़ें आगे...
Bhedia Attack News: क्या भेड़िया आदमखोर जानवर है? इस सवाल के जवाब आज की पीढ़ी जोसेफ रुडयार्ड किपलिंग की किताब पर आधारित कार्टून शो ‘जंगल बुक’ के आधार पर तय करती है. इस कार्टून शो में ‘मोगली’ एक ऐसा बच्चा है, जिसकी परवरिश भेड़िये का परिवार करता है. मोगली की कहानी देखने के बाद आज की पीढ़ी यही मानती है कि भेड़ियों का स्वभाव इंसानों को लेकर न ही हिंसक है और न ही खतरनाक है.
बल्कि, वे दूसरे पालतू जानवरों की तरह इंसानों और उनके बच्चों से खासा स्नेह रखते हैं. वहीं, इस परिकल्पना के बीच उत्तर प्रदेश के बहराइच से आ रही खबरों ने एक सवाल फिर खड़ा कर दिया है कि आखिर बहराइच में भेड़िया ‘आदमखोर’ क्यों हो गया है? तो चलिए आपको देते हैं इस सवाल का जवाब और बताते हैं जंगल में भेड़िया क्या खाते हैं और बच्चे इनका सॉफ्ट टारगेट कैसे बन गए. यह भी पढ़ें: गिड़गिड़ाती रही युवती, अफसर को ना आया तरस, फिर जो हुआ, फटी रह गईं सबकी आंखें… एयरपोर्ट के अफसर पर न ही जेद्दा से आई यह युवती के गिड़गिड़ाने का असर हो रहा था और न ही उसके आंसुओं को देखकर दिल पसीज रहा था. यह वहीं करता रहा, जो उसने तय कर रखा था. आखिर में कुछ ऐसा हुआ कि… क्या है यह पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
जंगलों में क्या खाता है भेड़िया?
पूर्व आईएफएस ऑफिसर और वन्यजीव विशेषज्ञ अशोक कुमार शुक्ल बताते हैं कि शिकार के मामले में भेड़िया बेहद विचित्र तरह का जानवर है. भूख मिटाने के लिए उसे इस बात से मतलब नहीं है कि वह किसी इंसाने के बच्चे का शिकार कर रहा है या फिर किसी जानवर का. उसे खाने के लिए जो भी आसानी से मिल जाएगा, वह उसका शिकार कर लेगा. लेकिन हां, भेड़िया के शिकार करने का अपना पैटर्न है.
उन्होंने बताया कि भेड़िया शिकार के मामले में बेहद चालाक और फुर्तीला जानवर है. वह बेहद खामोशी से दबे पांव आता है और शिकार को मुंह में दबाकर भाग जाता है. भेड़िया कभी भी शिकार को उस जगह पर खाना पसंद नहीं करता है, जहां पर उसने शिकार किया है. वह शिकार को मुंह में दबाकर करीब एक दो किमी दूर निकल जाता है और फिर उसको वहां जाकर इत्मिनान से खाता है. यह भी पढ़ें: दुबई से ‘खाली हाथ’ पहुंचा एयरपोर्ट, तो ठनक गया अफसर का माथा, पूछताछ में खुला एक ऐसा राज, खिसक गया सबका दिमाग… दुबई से आए एक विदेशी यात्री के एक जवाब ने कस्टम ऑफिसर के माथे पर बल ला दिया. आनन फानन अहमदाबाद जा रही फ्लाइट को रोककर तलाशी ली गई और फिर… क्या है पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
बच्चे कैसे बन गए इनके सॉफ्ट टारगेट?
अशोक शुक्ल बताते हैं कि इस स्वभाव के चलते भेड़िया हमेशा उन्हीं जानवरों का शिकार करते हैं, जिनको वह आसानी से अपने मुंह में दबाकर भाग सकते हैं. चूंकि इंसानों के दो या दो साल से छोटे बच्चे न ही चल पाते हैं और न ही अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं, लिहाजा इंसानों के ये छोटे बच्चे भेड़ियों का सबसे आसान शिकार होते हैं. रात में खुले में सो रहे बच्चों को यह मुंह में दबाकर भाग जाते हैं और किसी को पता भी नहीं चलता.
इसके अलावा, इसके अलावा, भेड़िया के शिकार का दूसरा स्वभाव झुंड में शिकार करन का होता है. शिकार के दौरान, भेड़िया कभी भी अकेला नहीं होता है, वहां पर कम से कम दो भेड़िये जरूर मौजूद होंगे. शिकार के तौर पर, इन भेड़ियों की नजर खरगोश, भेंड, बकरी के बच्चों पर भी टिकी होती है. इनको भी इनको गर्दन से दबोचने के बाद भेड़िये भाग जाते हैं और लंबी दूरी तय करने के बाद ही इनको खाते हैं.
अचानक क्यों बढ़ गईं भेड़ियों के हमले की घटनाएं?
वन्यजीव विशेषज्ञ अशोक शुक्ल बताते हैं कि भेड़िया एक ऐसा जानवर है, जो दिन में करीब 25 से 30 किमी का सफर तय करता है. साथ ही वह जगल के बाहरी और खोह वाले इलाकों में रहना पसंद करता है. वह पहला शिकार जिस जगह पर करता, उससे दूसरे शिकार की दूरी करीब 20 से 25 किमी दूर होती. इसके अलावा, दोनों जगहों पर शिकार अलग-अलग हो सकता है.
लिहाजा, इस तरह की खबरें इतने व्यापक तरीके से बाहर नहीं आती थीं. वहीं, बरसात में समय जंगल और खोह में पानी भर जाने की वजह से भेड़िया मैदानी इलाकों के और करीब आ जाते हैं. ऐसे में, उनकी नजर बेहद आसान शिकार पर होती है. यहां आपको बता दें कि किशोर या वयस्क इंसानों को एक भेड़िया उतना ही नुकसान पहुंचा सकता है, जितना नुकसान एक कुत्ता आपको पहुंचा सकता है.
Tags: Bahraich news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 13:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed