गुलाम नबी आजाद ने क्यों दिया इस्तीफा कांग्रेस छोड़ने की असली वजह क्या रही
गुलाम नबी आजाद ने क्यों दिया इस्तीफा कांग्रेस छोड़ने की असली वजह क्या रही
गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कांग्रेस (Congress) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) पर दर्जनों सवाल उठाए. उन्होंने खुद को टारगेट करने का आरोप भी लगाया और पार्टी के बुरे प्रदर्शन की वजह भी राहुल गांधी को बताया.
हाइलाइट्सगुुुुुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के पीछे क्या रही वजह आजाद ने पार्टी और राहुल गांधी पर लगाए कई आरोप संगठन में अपनी पसंद का नेता न चुने जाने पर थे नाराज
नई दिल्ली. गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कांग्रेस (Congress) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) पर दर्जनों सवाल उठाए. उन्होंने खुद को टारगेट करने का आरोप भी लगाया और पार्टी के बुरे प्रदर्शन की वजह भी राहुल गांधी को बताया. लेकिन सवाल ये है कि अगर आजाद ये सब इतने सालों से झेल रहे थे तो इस्तीफा अब क्यों दिया? वो असली वजह क्या थी कि आजाद ने इस्तीफा दे दिया. आजाद ने बीते पचास सालों के दौरान सरकार और कांग्रेस संगठन में कई जिम्मेदारियां बखूबी निभाईं हैं. दरअसल आजाद को सोनिया गांधी ने फोन करके आश्वासन दिया था कि उन (आजाद) के मुताबिक ही जम्मू और कश्मीर का फैसला होगा. काफी दिनों से नाराज आजाद जी-23 के जरिए नेतृत्व पर दबाव बना रहे थे. सोनिया गांधी ने बीच का रास्ता निकालकर आजाद को उनके गृह राज्य में फ्री हैंड देने का वादा कर दिया था. उसके बाद प्रभारी रजनी पाटिल और संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने आजाद से बात कर उनकी सहमति से कमेटी का गठन किया था.
राज्य के अध्यक्ष के लिए जब आजाद से नाम मांगे गए, तब आजाद ने परंपरा के मुताबिक अपनी पसंद के 4 नाम दिए. राहुल गांधी ने राज्य के नेताओं से बात कर विकार रसूल वानी को अध्यक्ष बना दिया था. इसी बात से आजाद नाराज़ हो गए क्योंकि वो चार नामों की लिस्ट में दूसरे नंबर के नाम को अध्यक्ष बनवाना चाहते थे. राहुल गांधी और नेतृत्व का तर्क था कि आपने ही सभी चार नाम दिए थे. इनमें से ही एक को पार्टी ने चुन लिया तो इससे आपको कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए क्योंकि सभी चार नाम आपकी ही पसंद के थे. आजाद का कहना है कि उन्होंने पार्टी के प्रोटोकॉल के मुताबिक चार नाम भले ही दिए लेकिन दूसरे नंबर के नाम की अपनी पसंद को उन्होंने रजनी पाटिल और वेणुगोपाल को बता दिया था. पार्टी का तर्क है कि चारों उनकी पसंद थे लिहाजा किसी एक को चुनें जाने पर उनका एतराज गलत है.
रसूल, आजाद के घर मिठाई लेकर गए थे लेकिन गेट नहीं खुला
वहीं आजाद ने ये भी कहा कि रसूल वानी को अध्यक्ष बनाने के फैसले के बाद उनको दिल्ली बुलाया गया. नेतृत्व ने उनको अध्यक्ष बनाए जाने की जानकारी दी और ताकीद की कि वो आजाद से न मिलें. हालांकि रजनी पाटिल का दावा है कि रसूल, आजाद के घर मिठाई लेकर गए थे लेकिन गेट नहीं खुला. राज्य के अध्यक्ष पद पर अपनी पसंद के व्यक्ति के चयन न होने से नाराज होकर आजाद ने कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष का पद संभालने से इंकार कर दिया था. गुलाम को उम्मीद थी कि कोई मनाने आयेगा लेकिन पार्टी से कोई नहीं पहुंचा. कुछ दिन इंतजार करने के बाद इन्होंने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे के बाद प्रभारी रजनी पाटिल ने गुलास से बात करने के लिए व्हाट्सएप भी किया तो आजाद ने जवाब में इस्तीफा भेज दिया. पार्टी के मुताबिक आजाद 2019 से ही पार्टी छोड़ने का प्लान बना रहे थे क्योंकि उनके लोग न किसी बैठक में आते थे न सहयोग करते थे.
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Tags: Congress, Congress leader Rahul Gandhi, Ghulam nabi azadFIRST PUBLISHED : August 31, 2022, 15:55 IST