ये हैं भगवान शिव के सबसे पुराने मंदिर सैकड़ों साल पुराना है इतिहास

Oldest Shiv Temple: श्रीकाकुलम में पांच प्राचीन शिव मंदिर हैं, जो हजारों सालों के इतिहास से जुड़े हैं. कार्तिक माह में, भक्त दूर-दूर से इन मंदिरों में पूजा करने आते हैं, जिससे यहाँ विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं.

ये हैं भगवान शिव के सबसे पुराने मंदिर सैकड़ों साल पुराना है इतिहास
 श्रीकाकुलम में 5 प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनका इस जिले में बहुत प्राचीन इतिहास है. ये पांच शिव मंदिर हजारों सालों के इतिहास में डूबे हुए हैं. कार्तिक माह में श्रीकाकुलम जिला केवल भक्तों से ही नहीं, बल्कि अन्य स्थानों से भी भक्तों से भर जाता है. ये पांच शिव मंदिर कहाँ हैं? इनका इतिहास क्या है? चलिए आज हम इसे जानने की कोशिश करते हैं. उमरुद्रा कोटेश्वर स्वामी शिव मंदिर पहला शिव मंदिर उमरुद्रा कोटेश्वर स्वामी शिव मंदिर है, जो श्रीकाकुलम शहर के दिल में गुड़ी स्ट्रीट पर स्थित है. द्वापर युग में, बलराम युद्ध को नहीं देखना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इस स्थान पर आकर पाँच शिव मंदिरों का निर्माण किया, जिनमें से एक यह उमरुद्रा कोटेश्वर स्वामी शिव मंदिर है. इस शिव मंदिर में एक बहुत ही ऐतिहासिक और अनोखा लिंगम है, जो रुद्र के रूप में है. यह एक बड़ा शिव लिंग है, जिसकी ऊँचाई चार फीट और चौड़ाई चार फीट है, जो हमें दर्शन देता है. दुर्गामणि नागेश्वर स्वामी मंदिर दूसरा मंदिर श्री दुर्गामणि नागेश्वर स्वामी मंदिर है, जो श्रीकाकुलम शहर से दस किलोमीटर दूर कल्लेपल्ली नामक गाँव में, नागावली नदी के समुद्र से मिलने के चौराहे पर स्थित है. इस मंदिर का consecration भी बलराम द्वारा किया गया था. इस मंदिर में शिव लिंग अमरनाथेश्वर लिंगम के रूप में है, जिसमें भगवान शिव सामने हैं और देवी पार्वती पीछे हैं. यह दुनिया का एकमात्र शिव लिंग है. मधुकेश्वर स्वामी मंदिर तीसरा शिव मंदिर मधुकेश्वर स्वामी मंदिर है, जो श्रीकाकुलम शहर से 42 किलोमीटर दूर श्रीमुखालिंगम नामक गाँव में स्थित है. इस शिवलिंग को मधुकेशव शिवलिंग कहा जाता है क्योंकि यह इप्पी वृक्ष की जड़ से उत्पन्न हुआ है. श्रीकाकुलम के लोग ही नहीं, बल्कि दूर-दूर से लोग इस शिवलिंग का दर्शन करने आते हैं, जिसकी बहुत वर्षों की इतिहास है. तिवेनी संगम मंदिर चौथा शिव मंदिर सिखाकुलम शहर से 65 किलोमीटर दूर संगम क्षेत्र में स्थित है. यह शिव मंदिर भी बलराम को समर्पित एक शिव मंदिर है. इसे तिवेनी संगम कहा जाता है क्योंकि यहाँ नागावली नदी के पास दो नदियाँ, सुवर्णमुखी और वेदवती मिलती हैं. यह परम शिव मंदिर इस तिवेनी संगम में कार्तिक माह के दौरान बहुत भीड़ भरा रहता है और बहुत से लोग यहाँ पितृ कर्म करने आते हैं. श्री एण्डला मल्लिकार्जुन स्वामी शिव मंदिर पाँचवां शिव मंदिर श्री एण्डला मल्लिकार्जुन स्वामी शिव मंदिर है, जो श्रीकाकुलम शहर से 60 किलोमीटर दूर है. इस मंदिर में दुनिया का सबसे ऊँचा शिवलिंग है. यहाँ का शिवलिंग हर साल थोड़ा बढ़ता है और लिंग हमेशा धूप में रहता है. कार्तिक माह में भक्त रविवालसा में श्री एण्डला मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर में उमड़ते हैं. कार्तिक माह में भक्तों की भीड़ कार्तिक माह और विभिन्न त्योहारों के दौरान श्रीकाकुलम जिले के इन पाँच प्राचीन शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. कार्तिक माह के सोमवारों में, ये पाँच शिव मंदिर भक्तों से भरे रहते हैं और विशेष पूजा के लिए भीड़ लगी रहती है. Tags: Andhra Pradesh, Dharma Aastha, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : November 1, 2024, 16:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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