देश में मुस्लिमों की बढ़ती और हिंदुओं की घटती आबादी पर क्या बोले पीयूष गोयल
देश में मुस्लिमों की बढ़ती और हिंदुओं की घटती आबादी पर क्या बोले पीयूष गोयल
Piyush Goyal Interview: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के हालिया कार्य दस्तावेज में यह बात कही गई है कि भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि मुसलमानों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिससे पता चलता है कि देश में विविधता को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल है.
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को देश की हिंदू आबादी में गिरावट और मुस्लिमों की जनसंख्या में इजाफे को लेकर कहा कि इस बारे में जनता को सोचने की जरूरत है. नेटवर्क18 ग्रुप के प्रधान संपादक राहुल जोशी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार के पास संबंधित विषय पर कोई योजना नहीं है, लेकिन इस पर बहस होनी चाहिए.
दरअसल, राहुल जोशी ने उनसे पूछा था कि एक और मुद्दा जो इस चुनाव में सामने आया है वह यह है कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने जनसंख्या का विश्लेषण किया है. ऐसा देखा गया है कि 1950 से 2015 के बीच मुस्लिम आबादी लगभग 43% बढ़ी है. वहीं, हिंदू आबादी में लगभग 7.8% की गिरावट देखी गई है. आप इस मुद्दे को कैसे देखते हैं? अगर आप दोबारा सत्ता में आए तो क्या जनसंख्या नियंत्रण के लिए कोई कदम उठाएंगे?
पीयूष गोयल ने सवाल के जवाब में कहा, “जनता को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए. हमारे पास सरकार की ओर से कोई योजना नहीं है, लेकिन लोगों को इस विषय पर गंभीरता से अध्ययन करना चाहिए, इस पर विचार करना चाहिए और इस पर बहस होनी चाहिए. इस बात पर मीडिया में बहस होनी चाहिए. लोगों को सोचने की जरूरत है कि क्या देश का संतुलन गलत दिशा में जा रहा है. क्या भविष्य में इसका कोई परिणाम होगा?”
उन्होंने आगे कहा, “अगर आप आज दुनिया भर में देखें तो कई देशों में यह चिंता का विषय है. कई देश अपनी जनसांख्यिकी में इस तरह के बदलाव को लेकर चिंतित हैं और इस बारे में सोच रहे हैं. कई तो कानून भी ला रहे हैं. भारत एक समावेशी देश है, हम सभी को साथ लेकर चलते हैं. हम सरकार की ओर से इस मामले में कुछ नहीं करना चाहते. लेकिन, भारत के लोगों को इस बारे में जरूर सोचने की जरूरत है.”
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के हालिया कार्य दस्तावेज में यह बात कही गई है कि भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि मुसलमानों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिससे पता चलता है कि देश में विविधता को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल है.
ईएसी-पीएम की सदस्य शमिका रवि के नेतृत्व वाली एक टीम द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया कि 1950 से 2015 के बीच बहुसंख्यक हिंदू आबादी की हिस्सेदारी में 7.82 प्रतिशत की कमी आई है जो संबंधित अवधि में 84.68 प्रतिशत से घटकर 78.06 प्रतिशत रह गई. इसमें कहा गया कि 1950 में देश में मुसलमानों की आबादी 9.84 प्रतिशत थी और 2015 में बढ़कर यह 14.09 प्रतिशत हो गई जो संबंधित अवधि में 43.15 प्रतिशत बढ़ी है.
Tags: Congress, Hindu, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Muslim, Piyush goyalFIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 22:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed