खुली आंखों के सामने बर्बाद हो रहा 750 करोड़ का सपना दर्द बयां कर रहे खिलाड़ी
खुली आंखों के सामने बर्बाद हो रहा 750 करोड़ का सपना दर्द बयां कर रहे खिलाड़ी
खेलो इंडिया स्कीम के तहत 7.50 करोड़ की लागत से बनाए गए बिहार का पहला एथलेटिक्स सिंथेटिक ट्रैक बर्बाद हो रहा है. जिला प्रशासन और पूर्णिया विश्वविद्यालय के बीच दोराहे पर खड़े इस ट्रैक पर खिलाड़ियों को कोई सुविधा नहीं मिलती है. स्टेडियम में बड़े-बड़े घास और जंगल उगे हैं और इस जंगल के बीच जिला प्रशासन ने यहां राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता करवाया.
हाइलाइट्स 7.50 करोड़ की लागत से बने सिंथेटिक ट्रैक हो रहा है बर्बाद. खिलाड़ियों को नहीं मिलती सुविधा और मेंटेनेंस भी नहीं होता. खेलो इंडिया स्कीम के तहत बना था एथलेटिक्स सिंथेटिक ट्रैक.
पूर्णिया. बिहार में पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 2 साल पहले ही पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम में खेलो इंडिया की तरफ से 7 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से सिंथेटिक ट्रैक बनाये गये थे. ये ट्रैक काफी अत्याधुनिक हैं. जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव एम रहमान और एथलेटिक्स के नेशनल खिलाड़ी प्रिंस कुमार का कहना है कि इस पर एथलेटिक्स के खिलाड़ियों को प्रेक्टिस करना और एटलेटिक्स का खेल होना है, लेकिन यहां खिलाड़ियों को खेलने नहीं दिया जाता है. मेंटेनेंस के अभाव में ये ट्रैक 1 साल में ही टूटने लगे हैं. एम रहमान का कहना है कि इस ट्रैक का मेंटेनेंस नहीं होगा तो बहुत जल्द ही यह बर्बाद हो जाएगा.
खिलाड़ियों और एथलेटिक्स संगठन के सचिव एम रहमान का कहना है कि छह महीने पर इसको शैंपू से धोना होता है. इसके अलावा घास की कटिंग करनी पड़ती है, लेकिन यहां तो कुछ भी नहीं हो रहा है. यहां तक की पूर्णिया में दर्जनों स्टेट और नेशनल लेवल के एथलेटिक्स खिलाड़ी हैं, उन्हें यहां प्रैक्टिस तक करने नहीं दिया जाता है. हमेशा स्टेडियम बंद होने के कारण ये ट्रैक कई जगह से उखड़ने लगे हैं. यहां तक कि इसमें लगा लाखों रुपए मूल्य के खेल सामग्री की चोरी भी हो गई है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है. मेंटेनेंस के अभाव में बर्बाद हो रहा 7.50 करोड़ से बना ट्रैक और मायूस एथलीट.
वहीं, खिलाड़ी प्रिंस कुमार का कहना है कि उन लोगों ने कई बार पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति से गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. वे लोग पूर्णिया में सिंथेटिक ट्रैक रहते हुए भी प्रेक्टिस नहीं कर पाते हैं. इस बाबत पूछे जाने पर जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार और जिला खेल पदाधिकारी डेजी रानी ने कहा कि यह मैदान पूर्णिया विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता है इस कारण वे लोग यहां कुछ नहीं कर पाते हैं. लेकिन, इसको लेकर वे लोग पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति और अधिकारियों से बात करेंगे और इसका मेंटेनेंस कर खिलाड़ियों को सुविधा प्रदान करेंगे. 7.50 करोड़ की लागत से बना सिंथेटिक ट्रैक के इर्द गिर्द उगे घास.
बता दें कि पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम में खेलो इंडिया की तरफ से बना 7 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत का यह सिंथेटिक ट्रैक बिहार का विश्वविद्यालय स्तर का पहला सिंथेटिक ट्रैक है. लेकिन इसका मेंटेनेंस नहीं होने के कारण बर्बादी के कगार पर है. हैरत तो तब हुई जब 13 से 16 नवंबर तक आयोजित राज्य स्तरीय स्कूली एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन हुआ और मैदान में पूरा जंगल भरा हुआ था. जरूरत है जिला प्रशासन और विश्वविद्यालय मिलकर इसका कोई हल निकले और खिलाड़ियों को प्रेक्टिस करने का मौका दे. नहीं तो यह करोड़ों का ट्रैक बर्बाद हो जाएगा. सरकार एक तरफ खेल को बढ़ावा देने की बात करते हैं, वहीं, जो संसाधन है उसका भी उचित रख रखाव नहीं कर रही है. ऐसे में सरकार और जनता का करोड़ों रुपए बर्बाद हो रहा है.
Tags: Bihar latest newsFIRST PUBLISHED : November 18, 2024, 15:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed