हम इंसानों के बीच ही छुप कर रहे हैं एलियंस! हो गया बड़ा खुलासा!

एलियन्स यानी दूसरी दुनिया के जीव हम इंसानों के बीच पृथ्वी पर छिपकर रह रहे हैं, यदि ये बात आपको पता चले तो आपको कैसा लगेगा? निश्चित तौर पर आप भौंचक्के रह जाएंगे. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने हाल ही में इस बाबत एक रिपोर्ट पेश की है जिसके...

हम इंसानों के बीच ही छुप कर रहे हैं एलियंस! हो गया बड़ा खुलासा!
एलियन्स यानी दूसरी दुनिया के जीव हम इंसानों के बीच पृथ्वी पर छिपकर रह रहे हैं, यदि ये बात आपको पता चले तो आपको कैसा लगेगा? निश्चित तौर पर आप भौंचक्के रह जाएंगे. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने हाल ही में इस बाबत एक रिपोर्ट पेश की है जिसके मुताबिक ऐसा ही है. यह ‘क्रिप्टोटेरेस्ट्रियल’ प्राणियों की ऐसी हाइपोथीसिस है जिसके तहत दो चीजें हो सकती हैं- एक या तो एलियन छिपकर रह रहे हैं या फिर कुछ और बुद्धिमान समूह या संस्थाएं गुप्त रूप से रह रही हैं. पिछले सितंबर में, सैकड़ों यूएफओ देखे जाने की नासा की जांच में पाया गया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ऐसी घटनाओं के पीछे एलियंस थे. हालांकि, बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी उस संभावना से इंकार नहीं करती. नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी न केवल संभावित यूएपी घटनाओं पर शोध करने का बीड़ा उठाएगी, बल्कि अधिक ट्रांसपेरेंट डेटा भी शेयर करेगी. इस नामी विश्वविद्यालय के ह्यूमन फ्लोरिशिंग प्रोग्राम के इस अध्ययन में कई अनुमान वाले सिद्धांतों पर प्रकाश डाला गया है. इसमें प्राचीन मानव सभ्यताओं, गैर मानव प्रजातियां जो काफी अडवांस्ड हैं, और यहां तक ​​कि परियों और कल्पित बौने जैसी रहस्यमयी बातों (कल्पनाओं/सिद्धांतों) के अस्तित्व पर भी स्टडी में लिखा हुआ है. डॉ. एमिली रॉबर्ट्स के नेतृत्व में यह शोध दल काम कर रहा था. इसने ऐतिहासिक तथ्यों, लोककथाओं का विश्लेषण किया. मकसद था क्रिप्टोटेरेस्ट्रियल अनुमानों यानी परिकल्पनाओं के हो सकने की संभावना को जांचना और अज्ञात हवाई घटना (यूएपी) जैसी आधुनिक घटनाओं से उनके संबंध के बारे में पता लगाने की कोशिश करना. जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित अध्ययन में पूरे इतिहास में असामान्य कंकाल अवशेषों की कथित खोज, कथित भूमिगत सभ्यताओं और अन्य प्राणियों के साथ मुठभेड़ जैसे मामलों की समीक्षा की गई. उदाहरण के लिए चिली का अटाकामा कंकाल को लेकर शुरू में अनुमान लगाया गया था कि यह मूल रूप से अलौकिक है, लेकिन बाद में आनुवंशिक उत्परिवर्तन के साथ एक मानव भ्रूण के रूप में पहचाना गया. अंटार्कटिका और समुद्र की गहराई जैसे स्थानों में छिपी हुई सुविधाओं के दावों ने यूएफओ और एलियन खोजों को लेकर उत्सुक लोगों को बाकायदा परेशान किया हुआ था. डॉ. रॉबर्ट्स ने कहा, हालांकि इनमें से कई दावों में किसी ऐक्सपीरियंस के आधार पर सबूत का अभाव है, फिर भी वे अज्ञात के प्रति आकर्षण और छिपे हुए स्थानों की संभावना तो रखते ही हैं. (एजेंसियों से इनपुट) Tags: ALIENS, Harvard Study, ScienceFIRST PUBLISHED : June 13, 2024, 15:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed