जवानों के दिमाग में हावी न हो पाए दिल का दर्द CISF को ABET बताएगा खास तरीका
जवानों के दिमाग में हावी न हो पाए दिल का दर्द CISF को ABET बताएगा खास तरीका
बीते 12 सालों में दिल का यह दर्द केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 1532 जवानों के दिमाग पर हावी होते दिखा है. भविष्य मे यह दर्द किसी भी जवान के लिए खतरा न बने, इसके लिए सीआईएसएफ ने एक अनूठी पहल की है. इस पहल के तहत, सुरक्षा बल के सभी सदस्यों को स्क्रीन किए जानें की तैयारी है. क्या है पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें आगे...
CISF: जवानों के ‘दिल का दर्द’ जब-जब तनाव बनकर दिमाग तक पहुंचा है, तब-तब एक दर्दनाक हादसा सामने आया है. गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि बीते 12 सालों में औसतन हर दूसरे या तीसरे दिन केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में इस तरह के दर्दनाक हादसे देखने को मिले हैं. वहीं, लगभग हर हादसे की जांच में यही बात सामने आई है कि खुदकुशी करने वाला जवान किसी न किसी वजह से गहरे तनाव में चल रहा था और इसी तनाव से परेशान होकर उसने अपनी रक्षा के लिए मिले हथियार से खुद की जान ले ली.
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में तनाव के चलते बढ़ती खुदकुशी की घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने एक सकारात्मक पहल की है. पहल के तहत, अधिकारियों और जवानों के साथ उनके परिजनों को इस बात का प्रशिक्षण दिया जाएगा कि खुद को तनाव से कैसे दूर रखें. साथ ही, तनाव से जूझ रहे जवानों की पहचान कर उन्हें परामर्श और सहायता प्रदान की जाएगी. इस नेक काम में सीआईएसएफ की मदद करने के लिए आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट (ABET) ने अपना हाथ बढ़ाया है. यह भी पढ़ें: अजीब था बोलने का अंदाज, चढ़ गया अफसर का पारा, जांच में सामने आया ऐसा सच, सन्न रह गए सबके सब… शक के आधार पर इस शख्स को हिरासत में लेकर लंबी पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि यह शख्स पहले घुसपैठ कर भारतीय सीमा में दाखिल हुआ. फिर स्थानीय एजेंट्स के साथ मिलकर पूरी साजिश रची. क्या है यह पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
अब हर अफसर-जवान की होगी स्क्रीनिंग
सीआईएसएफ के उपमहानिरीक्षक दीपक वर्मा के अनुसार, आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट के सहयोग से शुरू की गई इस पहल को ‘प्रोजेक्ट मन’ का नाम दिया गया है. प्रोजेक्ट के तहत, समय-समय पर साइकोमेट्रिक असेसमेंट स्क्रीनिंग के जरिए मानसिक या भावनात्मक तनाव से जूझ रहे बल सदस्यों की पहचान की जाएगी, जिससे समय रहते पीड़ित बल सदस्य को आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके. इस प्रयास के जरिए भविष्य के जोखिम को समय रहते रोकने में सीआईएसएफ को मदद मिले सकेगी.
जवानों को मिलेगी 24X7 हेल्पलाइन सर्विस
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत, ड्यूटी के दौरान मानसिक और भावनात्मक तौर पर खुद को मजबूत करते के तरीकों का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. ट्रेंड साइकोलॉजिस्ट के जरिए सभी बल सदस्यों की काउंसलिंग कराई जाएगी. इसके अलावा, 24X7 हेल्पलाइन सर्विस भी प्रदान की जाएगी, जिससे बल सदस्य अपने दिल-दिमाग में तनाव और बेचैनी पैदा कर रही बातों को साइकोलॉजिस्ट से साझा कर जरूरी मदद हासिल कर सकें. यह भी पढ़ें: बैग में हलचल देख एयरपोर्ट में मचा हड़कंप, जांच में निकला कुछ ऐसा, किसी के कांपने लगे हाथ, तो कोई बोला- सो क्यूट… मुंबई एयरपोर्ट के एराइवल हॉल से बाहर निकल रहे दो यात्रियों के बैग में अचानक हलचल देख हड़कंप मच गया. इसके बाद, तलाशी में बैग से ऐसा कुछ निकला, जो वहां मौजूद लोगों के बीच कौतूहल का मसला बन गया. क्या है पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
CISF और ABET के बीच साइन हुआ एमओयू
इस प्रोजेक्ट को व्यवस्थित तरीके से सभी बल सदस्यों तक पहुंचाने के लिए सीआईएसएफ ने आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट (ABET) के साथ एक एमओयू भी साइन किया है. इस एमओयू में सीआईएसएफ की तरह से सीआईएसएफ वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन – संरक्षिका की सचिव कनन श्रीवास्तव और एमपॉवर (ABET) की अध्यक्ष परवीन शेख ने हस्ताक्षर किए हैं. उल्लेखनीय है कि संरक्षिका ने भारत सरकार की पहल ‘Together For Mental Health’ के अंतर्गत बल सदस्यों और उनके परिजनों के लिए इस प्रोजेक्ट की शुरूआत की है. संरक्षिका की सचिव कनन श्रीवास्तव और ABET की अध्यक्ष परवीन शेख ने सीआईएसएफ और आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट के बीच हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं.
12 सालों में खुदकुशी के 1532 मामले
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में बीते 12 सालों में करीब 1532 जवानों ने खुदकुशी की है. जिसमें सर्वाधिक 157 खुदकुशी के मामले 2021 में सामने आए थे. पैरामिलिट्री फोर्सेस में 2012 से 2023 के बीच खुदकुशी के आंकड़े कुछ इस तरह हैं.
वर्ष – खुदकुशी के मामले 2011 – 119 2012 – 118 2013 – 113 2014 – 125 2015 – 108 2016 – 92 2017 – 125 2018 – 96 2019 – 129 2020 – 143 2021 – 157 2022 – 136 2023 – 71 (अगस्त तक) कुल – 1532
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बीते दिनो NSG कमांडो ने की थी खुदकुशी
यहां आपको बताते चले कि इसी तरह का एक मामला कुछ ही दिनों पहले इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के करीब स्थिति एनएसजी कैंप से सामने आया था. इस मामले में सुदर्शन कैंप के एक बैरक के भीतर 31 वर्षीय नरेंद्र सिंह भंडारी नामक एक एनएसजी कमांडो ने खुद को गोली मार ली थी. इस मामले में एनएसजी कमांडो नरेंद्र सिंह भंडारी की मौके पर ही मौत हो गई है. सीआईएसएफ में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए सीआईएसएफ कई प्रभावी कदम उठाने की तैयारी में है.
Tags: Airport Diaries, CISF, Crime News, Mental Health Awareness, SuicideFIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 12:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed