11 साल के बच्चे को भी नहीं बख्शाअधेड़ उम्र के इस शख्स को 110 साल की हुई जेल

POCSO case: 52 साल के एक व्यक्ति को बच्चों के यौन शोषण के मामलों में कठोर सजा और भारी जुर्माना दिया गया है. न्यायालय ने पीड़ितों को मुआवजा देने का निर्देश भी दिया है, जिससे समाज में जागरूकता बढ़ेगी.

11 साल के बच्चे को भी नहीं बख्शाअधेड़ उम्र के इस शख्स को 110 साल की हुई जेल
थ्रिसूर: चावक्कड़ फास्ट-ट्रैक विशेष अदालत के न्यायाधीश अन्यास थायल ने 52 वर्षीय व्यक्ति को 11 वर्षीय लड़के के साथ यौन शोषण के लिए 110 वर्षों की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. न्यायाधीश ने पहले एक अन्य मामले में 10 वर्षीय लड़के के यौन शोषण के लिए आरोपी पर 130 वर्षों की कठोर कारावास की सजा भी लगाई थी. यह निर्णय समाज में बच्चों के खिलाफ बढ़ते यौन अपराधों के प्रति सख्त संदेश भेजता है. आरोपी पर जुर्माना न्यायाधीश ने आरोपी, सजीवन, जो मंगडी वीटिल, उरुमनायूर मुथम्मवु का निवासी है, पर 7,75,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यदि वह जुर्माना अदा करने में असफल रहता है, तो उसे और 31 वर्षों की कठोर कारावास भुगतनी पड़ेगी. विशेष लोक अभियोजक, सिजु मुथथ के अनुसार, न्यायाधीश ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़ित को कानूनी रूप से योग्य मुआवजा देने का निर्देश दिया है. यह कदम पीड़ित के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है. घटना का विवरण जैसा कि न्यायाधीश ने पहले 10 वर्षीय लड़के के यौन शोषण के मामले में आरोपी पर 8,75,000 रुपये का जुर्माना लगाया था. दोनों लड़कों का यौन शोषण अप्रैल 2023 में एक ही दिन हुआ था. आरोपी ने लड़कों को अपने घर की छत पर एक पोषण पेय का प्रस्ताव देकर बुलाया. इसके बाद उसने लड़कों का यौन शोषण किया और उन्हें एक छोटा पैकेट बूस्ट दिया. यह घटना न केवल बच्चों के प्रति सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करती है बल्कि समाज में इस प्रकार के अपराधों की गंभीरता को भी दर्शाती है. घटना का खुलासा यह घटना तब सामने आई जब एक लड़के ने अपनी मां को बताया. इसके बाद, दूसरे लड़के ने भी अपनी मां को जानकारी दी जब उसकी मां ने पहले लड़के की बातों के आधार पर उससे सवाल किया. इस प्रकार, माता-पिता की जागरूकता और बच्चों से संवाद इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. समाज में जागरूकता इस मामले ने समाज में बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया है. यह आवश्यक है कि माता-पिता अपने बच्चों को सुरक्षित रखने और उन्हें ऐसे खतरों से बचाने के लिए सतर्क रहें. स्कूलों और समुदायों में भी इस विषय पर चर्चा और शिक्षा बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि बच्चे अपनी सुरक्षा को लेकर जागरूक हो सकें. Tags: Ajab Gajab, Kerala, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 16:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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