कीटनाशकों का प्रयोग बना रहा खीरे को बेहद जहरीलाखाने से पहले करें ये 3 काम

डॉ. नूतन वर्मा का कहना है कि खीरा तैयार करने में हानिकारक कीटनाशकों का इस्तेमाल होता है. कीटनाशक का इस्तेमाल होने के कुछ ही घंटे के बाद खीरा तोड़कर बाजार में ले जाते हैं. यहां से लोग खरीदकर अपने घर पर ले जाते हैं. हानिकारक कीटनाशकों का सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है.

कीटनाशकों का प्रयोग बना रहा खीरे को बेहद जहरीलाखाने से पहले करें ये 3 काम
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर : गर्मियों के मौसम में अगर आप भी खीरा का सलाद खाना पसंद करते हैं तो यह खबर आपके स्वाद में कड़वाहट भर देगी. क्योंकि खीरा आप जितने चाव से खाते हैं. उससे कहीं ज्यादा इसके नुकसान भी हैं. क्योंकि इनको तैयार करने में हानिकारक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है जो कि आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद ही हानिकारक होते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर की पादप सुरक्षा विभाग की एक्सपर्ट डॉ. नूतन वर्मा का कहना है कि खीरा तैयार करने में हानिकारक कीटनाशकों का इस्तेमाल होता है. कीटनाशक का इस्तेमाल होने के कुछ ही घंटे के बाद खीरा तोड़कर बाजार में ले जाते हैं. यहां से लोग खरीदकर अपने घर पर ले जाते हैं. हानिकारक कीटनाशकों का सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है. अगर आप खीरा बाजार से खरीद कर खा रहे हैं तो आप खाने से पहले कुछ सावधानियां बरत लें. जिससे कीटनाशक के नुकसान को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. बेहद जहरीला हो जाता है खीरा डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि खीरा और ककड़ी की फसल में फल भेदक कीट लगते हैं. ऐसे . किसानों को इमिडाक्लोप्रिड 17.8 2ml प्रति 1 लीटर पानी में घोल बनाकर इसका छिड़काव कर दें. ध्यान रखें कि यह छिड़काव तब करें जब खीरा 5% से 10% फूल आएं हों. अगर यह छिड़काव इस वक्त कर दें तो खीरे की फसल को नुकसान नहीं होगा. खीरे की फसल में फलक की अवस्था में किसी भी कीटनाशक का इस्तेमाल न करें. कीटनाशकों का इस्तेमाल मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद ही हानिकारक जो सकता है. 5 दिनों तक न करें कटाई डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि फलक की अवस्था में अगर खीरे की फसल पर कीटों का प्रकोप आ जाए तो किसान : थायोमेथोक्साम का इस्तेमाल करते हैं. जिसका असर फसल पर 5 से 7 दिन तक रहता है. इमिडाक्लोप्रिड का इस्तेमाल करने से फसल पर 5 दिन तक असर रहता है. अगर ऐसे में ध्यान रखें कि अगर इन दवाओं का छिड़काव खीरे की फसल में किया गया है तो खीरे की हार्वेस्टिंग जल्द ना करें. नीम उत्पाद का करें इस्तेमाल डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि फलक की अवस्था में अगर खीरे में फल भेदक कीट कट लग जाएं तो निंबोली से तैयार उत्पाद का इस्तेमाल कर सकते हैं. डॉ नूतन वर्मा ने बताया कि NSKE (neem seed kernel extract) 3% या 5% का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा नीम के तेल 3ml प्रति 1 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं. खीरा खाने से पहले करें ये काम डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि अगर आप बाजार से खीरा खरीद कर ला रहे हैं तो आप खाने से पहले उसको अच्छी तरह से साफ कर लें. खीरे को साफ करने के लिए पानी में नमक डालकर खीरे को 10 मिनट के लिए डुबोकर छोड़ दें. या दो ढक्कन सिरका 1 लीटर पानी में मिलाकर खीरे को डुबोकर कुछ समय के लिए रख दें. उसके बाद दो से तीन बार साफ पानी से धोकर खीरा खाया जा सकता है. ऐसा करने से कीटनाशक के नुकसान को कम किया जा सकता है. Tags: Health News, Life18, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 6, 2024, 16:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed