30 के बाद वजन न हो जाएं बेलगाम इसलिए अभी से शुरू कर दें ये काम
30 के बाद वजन न हो जाएं बेलगाम इसलिए अभी से शुरू कर दें ये काम
Prevention of weight gain: अमूमन देखा जाता है कि 30 साल की उम्र के बाद लोगों का वजन बेलगाम होने लगता है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिसर्च के मुताबिक इस होने वाले बेलगाम वजन को पहले से रोका जा सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में हर 8 में से एक व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है. इसका मतलब यह हुआ कि विश्व में 2.5 अरब लोग मोटे हैं. इनमें से 89.9 करोड़ लोग अत्यधिक मोटापे के शिकार हैं जिस कारण उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, मोटापे का मतलब है कि शरीर के अंदर गंदा फैट या चर्बी शरीर के अंदरुनी हिस्सों से लिपट जाना. यह अतिरिक्त चर्बी जान के लिए दुश्मन बन जाती है. इससे टाइप 2 डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा सबसे ज्यादा होता है. यह भी देखा जाता है कि 30 साल की उम्र के बाद शरीर का वजन बेलगाम होता जाता है. भारत में अधिकांश लोगों के पेट पर चर्बी की मोटी परत बिछ जाती है जिससे वह देखने में भी भद्दा लगने लगते हैं. आखिर क्या वजह है कि अधेड़ उम्र में मोटापा तेजी बढ़ने लगता है.
क्यों बढ़ता है मोटापा
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिसर्च में पाया गया है कि 30 के बाद मोटापा बढ़ने का सबसे बड़ा कारण गलत तरह के कार्बोहाइड्रैट का सेवन है. लेकिन अगर शुरुआत से ही हाई क्वालिटी कार्बोहाइड्रैट वाले फूड का सेवन किया जाए तो अधेड़ उम्र में मोटापा होगा ही नहीं. यह अध्ययन 1.36 लाख लोगों पर 28 साल तक किया गया. इसके बाद यह पता चला कि जो लोग हाई क्वालिटी कार्बोहाइड्रैट वाले भोजन करते थे उनका वजन नहीं बढ़ा. ऐसे लोगों का वजन औसतन चार साल में सिर्फ 1 किलो 20 ग्राम के आसपास ही बढ़ा लेकिन जिन लोगों ने घटिया कार्बोहाइड्रैट का सेवन किया, उन लोगों का वजन कई गुना ज्यादा बढ़ा. हालांकि जिन लोगों ने घटिया कार्बोहाइड्रैट्स के साथ फाइबरयुक्त भोजन का ज्यादा सेवन किया, उनका वजन भी बहुत कम ही बढ़ा. ऐसे में अब हमें यह जानना है कि यह घटिया कार्बोहाइड्रैट वाले फूड क्या-क्या है.
क्या होता है लो क्वालिटी कार्बोहाइड्रैट
जिस फूड से तेजी से पेट के अंदर कार्बोहाइड्रैट निकल जाए उसे लो क्वालिटी कार्बोहाइड्रैट कहते हैं. चीनी या चीनी से बने प्रोडक्ट, एडेड शुगर, मीठा पेय, रिफाइंड फूड, प्रोसेस्ड फूड, व्हाइट ब्रेड, पैस्ट्री, सोडा जैसी चीजों में बहुत अधिक कार्बोहाइड्रैट होता है और यह सीधा खून में चला जाता है. चूंकि कार्बोहाइड्रैट से बहुत ज्यादा एनर्जी बनती है लेकिन जब इतनी एनर्जी खर्च नहीं होती है यह फैट में बदलने लगता है शरीर के अंदरुनी हिस्सों में जमा होने लगता है. इसलिए इस तरह के कार्बोहाइड्रैट को घटिया कार्बोहाइड्रैट कहा जाता है.
क्या है हाई क्वालिटी कार्बोहाइड्रैट
हाई क्वालिटी कार्बोहाइड्रैट में साबुत अनाज, फल, बींस, हरी सब्जी जैसी चीजें आती हैं. इन चीजों से निकले कार्बोहाइड्रैट से फैट बनना मुश्किल होता है. इसलिए इन चीजों से वजन भी नहीं बढ़ता है. ऐसे में इस रिसर्च का लब्बोलुआब यह है कि यदि आप कुदरती चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करेंगे और चीनी वाली या प्रोसेस्ड फूड का कम इस्तेमाल करेंगे तो 30 साल की उम्र के बाद आपका मोटापा बढ़ने का खतरा बहुत कम हो जाएगा. इसलिए रोजाना चीनी या चीनी वाली चीजों की जगह ताजे फल, हरी सब्जियों और फाइबर युक्त रेशेदार सब्जियों का ज्यादा इस्तेमाल करे.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle, Weight lossFIRST PUBLISHED : May 16, 2024, 09:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed