सावधान!हर पौधा इलाज में नहीं आता काम भूलकर भी इसे न चखें नहीं तो जा सकती जान
सावधान!हर पौधा इलाज में नहीं आता काम भूलकर भी इसे न चखें नहीं तो जा सकती जान
केरल सरकार द्वारा नियंत्रित दो मंदिर न्यासों ने मंदिरों में ओलिएंडर प्रजाति के फूल यानी कनेर फूल की एक किस्म के चढ़ाए जाने पर पाबंदी लगा दी. क्योंकि, इसका सेवन करने से एक लड़की की जान चली गई है. आइए एक्सपर्ट से जानें किस वजह से पौधे जहरीले होते हैं.
लखनऊ /अंजलि सिंह राजपूत: अगर आप किसी भी पत्ती को बिना सोचे समझे चबा लेते हैं. या मंदिरों में प्रसाद में मिलने वाली पत्तियां या फूल ऐसे ही खा लेते हैं, तो थोड़ा सावधान हो जाएं. क्योंकि हर पत्ती और पौधा रामबाण नहीं हो सकता. कुछ पत्तियां चबाने से आपकी सांसे भी थम सकती है. दरअसल, केरल सरकार द्वारा नियंत्रित दो मंदिर न्यासों ने मंदिरों में ओलिएंडर प्रजाति के फूल यानी कनेर फूल की एक किस्म के चढ़ाए जाने पर पाबंदी लगा दी. ये मंदिर न्यास 2500 से ज्यादा मंदिरों की देखरेख करते हैं. स्थानीय भाषा में अरली कहलाते इन फूलों के बारे में कहा जाता रहा कि ये जहरीले होते हैं. अब एक युवा नर्स की मौत ने मामले को तूल दे दी और आनन-फानन ही मंदिर कमेटी ने फूलों पर ही बैन लगा दिया.
मंदिर में फूल बैन करने का ये फैसला 24 साल की नर्स सूर्या सुरेंद्रन की मौत के बाद लिया गया है. सुरेंद्रन यूके में नई नौकरी के लिए जाने के लिए तैयार थी. उन्होंने लापरवाही में घर पर उगे कनेर की कुछ पत्तियां खा लीं. इसके बाद वे एयरपोर्ट के लिए निकल गईं, जहां उनमें पॉइजनिंग के लक्षण दिखे. कोच्चि एयरपोर्ट पर सुरेंद्रन ने बताया था कि उन्होंने आखिरी चीज फूल के पत्ते खाए थे. कुछ दिनों के भीतर अस्पताल में उनकी मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी पॉइजनिंग की पुष्टि हुई.
इस वजह से जहरीले होते हैं पौधे- पत्ती
लखनऊ विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मुन्ना सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पौधे अपने बचाव के लिए पोटेशियम साइनाइड बनाते हैं. ऐसे में यह पोटेशियम साइनाइड बेहद घातक जहर माना जाता है. अगर किसी के अंदर चला गया, तो उसे संभलने का वक्त भी नहीं देता. इससे तुरंत इंसान की सांस रुक जाती है. कनेर का फूल और धतूरा में भी यह हो सकता है. इसलिए धतूरे को भी सबसे जहरीला कहा जाता है. उन्होंने बताया कि जब गर्मियों में जानवर हरा-हरा चारा देखकर उसे खा लेते हैं. लेकिन बाद में उनकी मृत्यु हो जाती है. जानकारी न होने की वजह से लोग पत्तियां भी चबा लेते हैं. कई बार प्रसाद में भी जो फूल पत्ती आ जाती हैं, लोग उसे फेंकते नहीं हैं बल्कि प्रसाद समझकर ग्रहण कर लेते हैं. जबकि ऐसा करने से बचना चाहिए. उन फूल पत्तियों को दोबारा भगवान के पास ही रख दें.
इन पत्तियों का कर सकते हैं सेवन
पत्तियों का सेवन करना ही है तो वो तुलसी की पत्ती और अमरूद की पत्ती खा सकते हैं. इसके अलावा नीम की पत्ती का भी सेवन कर सकते हैं. यह सभी सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं. इनका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता है.
Tags: Local18, Lucknow newsFIRST PUBLISHED : May 16, 2024, 17:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed