धन जुटाने के लिए आतंकी कर रहे सोशल मीडिया का प्रयोग इस पर लगाम लगाना बेहद जरूरी- NIA

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने गुरुवार को कहा कि भारत के पास साक्ष्य हैं कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के वास्ते धन जुटाने के लिये किया जा रहा है. उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि आतंकवाद के वित्त पोषण से मुकाबला करने के बारे में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में इस विषय पर चर्चा होगी.

धन जुटाने के लिए आतंकी कर रहे सोशल मीडिया का प्रयोग इस पर लगाम लगाना बेहद जरूरी- NIA
नई दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने गुरुवार को कहा कि भारत के पास साक्ष्य हैं कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के वास्ते धन जुटाने के लिये किया जा रहा है. उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि आतंकवाद के वित्त पोषण से मुकाबला करने के बारे में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में इस विषय पर चर्चा होगी. बैठक से पहले गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा कि सम्मेलन में पाकिस्तान और अफगानिस्तान हिस्सा नहीं ले रहे हैं जबकि चीन ने इसमें हिस्सा लेने की अभी पुष्टि नहीं की है. राजधानी नई दिल्ली में आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर ‘आतंक के लिए कोई धन नहीं’ (नो मनी फॉर टेरर) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का आयोजन 18-19 नवंबर को हो रहा है. इसकी मेजबानी गृह मंत्रालय कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को इसका उद्घाटन करेंगे तथा इसमें गृह मंत्री अमित शाह हिस्सा लेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या इसमें पाकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान को आमंत्रित किया गया है, विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा, ‘‘चीन को आमंत्रित किया गया है.’’ हालांकि उन्होंने इस सम्मेलन में पाकिस्तान, अफगानिस्तान के हिस्सा लेने के बारे में कुछ नहीं कहा. Humanitarian forces of the World & India will have to fight unitedly to defeat the menace of terrorism#NoMoneyForTerror #NMFT2022@NIA_India pic.twitter.com/35V3dn9H8A — NMFT CONFERENCE 2022 (@nmftconfid2022) November 15, 2022

कार्यक्रम का ब्यौरा देते हुए एनआईए के महानिदेशक गुप्ता ने स्पष्ट किया कि इस सम्मेलन के एजेंडे में किसी विशिष्ट देश पर केंद्रित चर्चा शामिल नहीं है और इसमें 73 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे जिसमें 20 देशों के मंत्री भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इसमें शामिल होने वाले प्रतिनिधि सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा करेंगे चाहे, आतंकी स्रोत हो या इसका खतरा अथवा वित्त पोषण. गुप्ता ने कहा कि पिछले आठ वर्षो में भारत में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है और जम्मू कश्मीर, पंजाब, पूर्वोत्तर क्षेत्रों आदि में आतंकी गतिविधियों में काफी कमी आई है.

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उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में देश ने अपने आधारभूत ढांचा, तंत्र और वैश्विक आतंकवाद एवं उसके वित्त पोषण की बुराई से लड़ने के ढांचे को मजबूत बनाया है. एजेंडे में सोशल मीडिया प्लेटफार्म के विषय के शामिल होने के बारे एक सवाल के जवाब में एनआईए के महानिदेशक ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल वित्त पोषण, धन जुटाने के लिये किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास ऐसे साक्ष्य है कि ऐसा हो रहा है.’’ उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर चर्चा किये जाने की जरूरत है क्योंकि ऐसे मंचों का धन जुटाने के लिये किया जा रहा है जिसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिये हो रहा है.

गुप्ता ने कहा कि आतंकी वित्त पोषण महत्वपूर्ण मुद्दा है और इस पर चर्चा होनी चाहिए, चाहे वह हवाला जैसी आतंकी गतिविधियों के वित्त पोषण का पारंपरिक तरीका हो अथवा बेतार हस्तांतरण या नकद कुरियर की व्यवस्था के जरिये हो. यह तीसरा मंत्री स्तरीय सम्मेलन है. इससे पहले यह सम्मेलन अप्रैल 2018 में पेरिस में और नवंबर 2019 में मेलबर्न में आयोजित किया गया था. सम्मेलन में दुनिया भर के लगभग 450 प्रतिनिधि भाग लेंगे. इनमें मंत्री, बहुपक्षीय संगठनों के प्रमुख और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख शामिल हैं.

सम्मेलन के दौरान चार सत्रों में विचार-विमर्श किया जाएगा, जो ‘आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण में वैश्विक रुझान’, ‘आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों का उपयोग’, ‘उभरती प्रौद्योगिकियां और आतंकवादी वित्तपोषण’ और ‘आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने में चुनौतियों के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग’ पर केंद्रित होंगे. 

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