कोई भी धर्म दिवाली पर आपने भी चलाए पटाखे जान लें सुप्रीम कोर्ट की भी राय
कोई भी धर्म दिवाली पर आपने भी चलाए पटाखे जान लें सुप्रीम कोर्ट की भी राय
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के कारण लोगों की सांसों पर लगे पहरे पर सख्त रुख अख्तियार किया। कोर्ट ने माना कि दिल्ली-एनसीआर में धड़ल्ले से दिवाली पर पटाखे चले, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ा।
Supreme Court News: इस दिवाली भी राजधानी दिल्ली और एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में दिवाली के शुभ अवसर पर जमकर पटाखे चलाए गए. पटाखों पर बैन के बावजूद धड़ल्ले से इनका इस्तेमाल हुआ, जिसके चलते प्रदूषण का स्तर पर नई रिकॉर्ड पर पहुंच गया. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता जो प्रदूषण को बढ़ावा दे या लोगों के स्वास्थ्य के साथ समझौता करे. कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे प्रदूषण को कम रखने के लिए अपने द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में उसे सूचित करें. कोर्ट ने माना कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश को दिल्ली पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया.
सुप्रीम कोर्ट में दिवाली पटाखों के अलावा पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण प्रदूषण पर सुनवाई कर रही थी. न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच नियमों की अनुपालना पर सुनवाई कर रही थी. कोर्ट ने 14 अक्टूबर के उस आदेश पर जिक्र किया, जिसमें 1 जनवरी, 2025 तक पटाखों पर पूर्ण बैन लगाया गया था. कोर्ट ने कहा कि जहां तक इसकी अनुपालना का सवाल है दिल्ली सरकार ने इसमें असहायता व्यक्त की क्योंकि इसे दिल्ली पुलिस द्वारा लागू किया जाना है. पुलिस की ओर से पेश एएसजी भाटी ने कहा कि प्रतिबंध जारी करने वाला आदेश 14 अक्टूबर को पारित किया गया था. हालांकि, हम पाते हैं कि दिल्ली पुलिस ने उक्त आदेश के कार्यान्वयन को गंभीरता से नहीं लिया.
कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली के पुलिस आयुक्त को निर्देश देते हैं कि वे तुरंत सभी संबंधितों को उक्त प्रतिबंध के बारे में सूचित करने की कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी लाइसेंस धारक पटाखे न बेचे या न बनाए. हम आयुक्त को पटाखों पर प्रतिबंध के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ बनाने का निर्देश देते हैं. हमें आश्चर्य है कि दिल्ली सरकार ने 14 अक्टूबर तक प्रतिबंध (पटाखों पर) लगाने में देरी क्यों की. यह संभव है कि उपयोगकर्ताओं के पास उससे पहले ही पटाखों का स्टॉक रहा होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि अनुच्छेद 21 के तहत प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार है. प्रथम दृष्टया हमारा मानना है कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता है जो प्रदूषण को बढ़ावा देती हो या लोगों के स्वास्थ्य से समझौता करती हो. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि वे हितधारकों से परामर्श करने के बाद स्थायी प्रतिबंध के पहलू पर फैसला करेंगे. हम सरकार को 25 नवंबर तक फैसला करने का निर्देश देते हैं. हम पुलिस आयुक्त को प्रतिबंध लागू करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों को रिकॉर्ड में रखते हुए एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हैं.
Tags: Diwali, Firecracker Ban, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 14:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed