सुप्रीम कोर्ट की एक नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने एक बेहद अहम फैसले में 35 साल पुराने अपनी ही संविधान पीठ के फैसले को गलत बताया है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जस्टिस बीवी नागरत्ना ने इस बात पर असहमतिपूर्ण फैसला दिया है कि खनिजों पर देय रॉयल्टी कर है या नहीं. शीर्ष अदलात ने 8:1 के बहुमत से फैसले को पलट दिया.
शीर्ष अदालत अपने फैसले में कहा कि संसद के पास, संविधान के प्रावधानों के तहत खनिज अधिकारों पर कर लगाने की शक्ति नहीं है. इसमें कहा गया है कि संविधान के तहत राज्यों के पास खदानों और खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने का विधायी अधिकार है. वर्ष 1989 में सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा दिया गया वह फैसला सही नहीं है जिसमें कहा गया था कि खनिजों पर रॉयल्टी कर है. जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि राज्यों के पास खदानों और खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने का विधायी अधिकार नहीं है.
Tags: Supreme Court, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 12:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed