जज साहब कमल का फूल याच‍िका लेकर SC गया लड़का BJP के स‍िंबल पर कही ये बात

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पहुंची. इसमें कमल के फूल को यूज करने पर बैन करने की मांग की गई. वहीं, सुनवाई में जस्टिस ने याचिकाकार्ता से कहा कि आप नेम और फेम के लिए ऐसा कर रहे हैं और हमें भी मुफ्त में प्रसिद्धी दिलाना चाहते हैं?

जज साहब कमल का फूल याच‍िका लेकर SC गया लड़का BJP के स‍िंबल पर कही ये बात
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई होनी थी. लेकिन, जैसे ही वह दो जस्टिस की पीठ के सामने यह याचिका पहुंची, उसे तुरंत खारिज कर दी गई. दरअसल, एक शख्स भारतीय जनता पार्टी की चुनाव चिन्ह ‘कमल’ को इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की थी. चूंकि कमल का फूल भारत का “राष्ट्रीय फूल” है, इसलिए इसे किसी भी राजनीतिक दल को आवंटित नहीं किया जा सकता है, और ऐसा आवंटन “राष्ट्रीय अखंडता के लिए अपमान” है. याचिकाकर्ता जयंत विपट के रूप में हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पार्टी के चुनाव चिन्ह के रूप में कमल या कमल का उपयोग करने से रोकने के लिए रोक की मांगने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने कहा कि याचिका पब्लिसिटी स्टंट थी. शीर्ष कोर्ट ने याचिकाकर्ता की फटकार लगाई. साथ ही उनसे पूछा, “आप अपने लिए नाम और प्रसिद्धि कमाना चाहते हैं और साथ ही हमें भी फेम देना चाहते हैं. अपनी याचिका देखिए, आपने किस राहत की मांग कर रहे हैं?” इसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. याचिकाकर्ता विपट ने 2022 में भी दीवानी मुकदमा दायर किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि एक राजनीतिक दल के रूप में भाजपा उन लाभों को प्राप्त करने की हकदार नहीं है जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार एक पंजीकृत राजनीतिक दल को उपलब्ध हैं. राष्ट्रीय पार्टी के रूप में पंजीकरण के समय भारत के चुनाव आयोग को दिए गए वचन के उल्लंघन रोकने के लिए कोर्ट से निर्देश मांगे थे. अक्टूबर 2023 में तकनीकी आधार पर सिविल कोर्ट ने मुकदमा खारिज कर दिया था. उन्होंने बीजेपी को कमल को चुनाव चिन्ह के रूप में इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के लिए स्थायी रूप से रोक लगाने के आदेश की मांग की थी. विपट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का बी रूख किया था. इसी साल मार्च में, मद्रास हाईकोर्ट में बीजेपी को कमल के फूल को सिंबल के रूप में इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. टी रमेश नामक व्यक्ति ने याचिका दायर की थी. इसमें भाजपा को कमल के फूल के चुनाव चिन्ह के आवंटन को रद्द करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी. Tags: BJP, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 13:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed