पत्नी को एकमुश्त 2 करोड़ रुपये का गुजारा भत्ता देने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट पति को पत्नी को एकमुश्त 2 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश देते हुए दोनों की शादी रद्द कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भरण-पोषण या स्थायी गुजारा भत्ता दंडनीय नहीं होना चाहिए बल्कि पत्नी के लिए एक...

पत्नी को एकमुश्त 2 करोड़ रुपये का गुजारा भत्ता देने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट पति को पत्नी को एकमुश्त 2 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश देते हुए दोनों की शादी रद्द कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भरण-पोषण या स्थायी गुजारा भत्ता दंडनीय नहीं होना चाहिए बल्कि पत्नी के लिए एक सभ्य जीवन स्तर सुनिश्चित करने के उद्देश्य से होना चाहिए. कोर्ट ने जब गुजारे भत्ते के तौर पर दो करोड़ रुपये तय किए तब कहा कि वैसे तो यह मांग असाधारण रूप से अधिक है, लेकिन भरण-पोषण के लिहाज से यह देखा जाए तो यह अपर्याप्त है. जस्टिस विक्रम नाथ और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने यह भी कहा कि दोनों पक्ष शादी के बाद एक साल से भी कम समय तक साथ रहे और पिछले नौ सालों से अलग-अलग रह रहे हैं. चूंकि दोनों पक्षों ने कहा कि उनका पति-पत्नी के रूप में अपने रिश्ते को जारी रखने का कोई इरादा नहीं है. इसलिए, हमारा मानना ​​है कि अपीलकर्ता-पत्नी के हितों को एकमुश्त समझौते के जरिए सेफगार्ड करने की जरूरत है. ‘शिल्पा शैलेश बनाम वरुण श्रीनिवासन’ (2022) में संविधान पीठ के उस फैसले पर भरोसा किया जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि उसके पास संविधान के अनुच्छेद 142(1) के तहत विवाह की टूटन के आधार पर विवाह को डिजॉल्व (खत्म करने) की विवेकाधीन शक्ति है. इस मामले में पीठ ने कहा कि मियां बीवी के बीच लंबे समय से अलगाव है, लंबे समय से लंबित कई मुकदमे हैं और सुलह के कई असफल प्रयास हो चुके हैं जो कि इस बात के सबूत हैं कि पक्षकारों के बीच विवाह पूरी तरह से टूट चुका है. Tags: Marriage news, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 17:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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