PFI की हड़ताल के खिलाफ केरल हाईकोर्ट कहा-‘अवैध हड़ताल’ कोर्ट के आदेश की अवमानना है

केरल हाईकोर्ट ने पीएफआई की हड़ताल को अवैध बताते हुए पीएफआई के प्रदेश महासचिव पर संज्ञान लिया. कोर्ट के साल 2019 में दिए आदेश का जिक्र करते हुए हड़ताल को अवैध बताया.

PFI की हड़ताल के खिलाफ केरल हाईकोर्ट कहा-‘अवैध हड़ताल’ कोर्ट के आदेश की अवमानना है
कोच्चि. इस्लामी संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (PFI) द्वारा राज्यभर में शुक्रवार को हड़ताल की गई. इस पर केरल हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कहा कि इस तरह का प्रदर्शन कोर्ट के 2019 में जारी आदेश की अवमानना है. जस्टिस ए. के. जयशंकरण नांबियार ने कहा कि उनके 2019 के आदेश के बावजूद (PFI) पीएफआई ने गुरूवार को अचानक हड़ताल शुरू कर दी. यह एक ‘अवैध’ हड़ताल है. कोर्ट ने हड़ताल की शुरुआत करने को लेकर पीएफआई और उसके प्रदेश महासचिव के खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया. कोर्ट ने कहा कि इन लोगों द्वारा हमारे पिछले आदेश में दिए एक निर्देशों का पालन किए बिना हड़ताल शुरू की. यह जारी किए गए आदेश के अनुसार न्यायालय के निर्देशों की अवमानना के बराबर है. कोर्ट ने पुलिस को दिए ये निर्देश मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने हड़ताल में शामिल नहीं होने वालों की सार्वजनिक व निजी संपत्ति को सुरक्षित रखने के उपाय करने के आदेश दिए हैं. हड़ताल करने वाले को ऐसे काम करने से रोकने के लिए कदम उठाए. साथ ही कोर्ट को रिपोर्ट पेश करे, जिसमें सार्वजनिक/निजी संपत्ति को यदि नुकसान पहुंचाने के कोई मामले सामने आएं तो उसकी जानकारी दी जाए. कोर्ट ने कहा कि यह रिपोर्ट अपराधियों से इस तरह के नुकसान की भरपाई कराने के लिए जरूरी होगी. कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि वह उन सभी जन सेवाओं को सुरक्षा प्रदान करें. जिन्हें हड़ताल करने वाले निशाना बना सकते हैं. 2019 में दिया था हड़ताल से जुड़ा ये आदेश हाई कोर्ट ने कहा कि मीडिया में कोर्ट के 2019 के आदेश की जानकारी दिए बिना ही ‘अचानक आहूत हड़ताल’ से जुड़ी खबरें चला रहे हैं. जबकि कोर्ट ने आदेश किया था कि हड़ताल की जानकारी सात दिन पहले सार्वजनिक रूप से ना दिए जाने पर उसे अवैध घोषित करने का फैसला सुनाया था. अदालत ने कहा इसलिए हम मीडिया से अनुरोध करते हैं, कि जब भी अचानक ऐसी अवैध हड़ताल शुरू की जाए. तब लोगों को इस बात की सही से जानकारी दी जाए कि हड़ताल अदालत के आदेश का उल्लंघन है. अदालत ने कहा कि ऐसा करना काफी हद तक आम जनता की हड़ताल करने की वैधता की आशंकाओं को दूर करने के लिए पर्याप्त होगा. कोर्ट ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तारीख तय की है. हाई कोर्ट ने सात जनवरी 2019 को स्पष्ट कर दिया था कि हड़ताल से सात दिन पहले उसकी सार्वजनिक तौर पर जानकारी दिए बिना हड़ताल करना असंवैधानिक माना जाएगा. ऐसा करने वालों को इसके परिणाम भुगतने होंगे. गौरतलब है कि देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) और बाकी एजेंसियों ने पीएफआई के ऑफिसों और परिसरों पर छापे मारे. जिसके विरोध में पीएफआई ने शुक्रवार को हड़ताल शुरू करने का आह्वान किया था. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: High court, Keral, PFI, StrikeFIRST PUBLISHED : September 23, 2022, 21:41 IST