रोपाई के समय करें मात्र 500 ML इस दवा का छिड़काव खरपतवार हो जाएंगे गायब!
रोपाई के समय करें मात्र 500 ML इस दवा का छिड़काव खरपतवार हो जाएंगे गायब!
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि इस दवा को 150 से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे पंप की मदद से खेत में छिड़काव कर दें. ध्यान रखें कि छिड़काव करने के बाद दोबारा खेत में ना घुसें, छिड़काव करते वक्त खेत में 5 से 6 सेंटीमीटर तक पानी रहना चाहिए.
शाहजहांपुर: इन दिनों किसान धान की रोपाई कर रहे हैं. धान की फसल में धान के पौधों के अलावा कई खरपतवार भी उग आते हैं. जो कि धान की फसल को प्रभावित करते हैं. कई बार तो खरपतवार इतनी ज्यादा हो जाते हैं, कि धान के पौधों को ऊपर से दबा देते हैं. जिसकी वजह से धान के पौधे कमजोर रह जाते हैं और किसानों को अच्छा उत्पादन नहीं मिल पाता. लेकिन अगर किसान धान की रोपाई के वक्त ही कुछ जरूरी प्रबंध कर लें तो खेत में खरपतवार नहीं उगेंगे.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि धान की रोपाई के 24 से 36 घंटे के दौरान किसान खरपतवार प्रबंधन के लिए प्रीटिलाक्लोर 50% ईसी या बुटाक्लोर 50% ईडब्ल्यू और नाम की दवा का इस्तेमाल कर लें तो खेत में खरपतवार नहीं उगेंगे, किसानों की फसल अच्छी होगी और उत्पादन अच्छा मिलेगा.
500 मिली दवा ही है काफी
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि धान की रोपाई होने के बाद प्रीटिलाक्लोर 50% ईसी 500 ml प्रति एकड़ के हिसाब से दवा की आवश्यकता होती है. इस दवा को 150 से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे पंप की मदद से खेत में छिड़काव कर दें. ध्यान रखें कि छिड़काव करने के बाद दोबारा खेत में ना घुसें, छिड़काव करते वक्त खेत में 5 से 6 सेंटीमीटर तक पानी रहना चाहिए.
छिड़काव के बाद इन बातों का रखें ध्यान
डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि बुटाक्लोर 50% ईडब्ल्यू एक ऐसा खरपतवार नाशी है. जिसका इस्तेमाल किसान पिछले कई दशकों से करते आ रहे हैं. 500 मिली बुटाक्लोर 50% ईडब्ल्यू प्रति एकड़ के हिसाब से 150 से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे पंप की मदद से खेत में छिड़काव कर दें. किसान ध्यान रखें कि छिड़काव करने के बाद खेत में दोबारा ना घुसें. दोबारा खेत में घुसते हैं तो पानी के ऊपर बनी हुई परत टूट जाती है. जिसके चलते किसानों को बेहतर परिणाम नहीं मिल पाते. यह भी ध्यान रखना है कि बुटाक्लोर 50% ईडब्ल्यू का छिड़काव करते समय खेत में 5 से 6 सेंटीमीटर पानी होना चाहिए.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 15:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed