UP के किसानों को इस आम ने किया मालामाल मात्र 3 महीनों में भर दी झोली

आलू की खेती के लिए मशहूर इस क्षेत्र में आम की बागवानी भी अपना रंग दिखाती है. इस बार फसल भले ही कमजोर रही. पर शुरुआती भाव बागवानों को भा रहे हैं.

UP के किसानों को इस आम ने किया मालामाल मात्र 3 महीनों में भर दी झोली
फर्रुखाबाद: फलों का राजा आम और आमों का सरताज इस बार बहुत ही खास हो चुका है. दरअसल इस बार गर्मियों की तपिश के बीच एक तरफ पेड़ों में फसल कम आयी हैं. तो दूसरी ओर जो फसल तैयार हुई है वह बाजार में काफी महंगी बिक रही है. यही कारण है कि किसानों के चेहरे पर मुस्कान भी दिखाई दे रही है. उनका कहना है कि वह वैसे तो परंपरागत बागवानी के काम को दशकों से करते आ रहे हैं लेकिन जिस प्रकार दशहरी आम तैयार हुआ ऐसे समय पर कई जिलों से डिमांड आई है. यही कारण है कि इस समय पर बागों से लेकर के मंडी तक दशहरी आम महक रहा है. वहीं किसान बताते हैं कि वह अपने खेतों में आम को तैयार करके प्लास्टिक की टोकरियों में पैक करने के बाद कई जिलों तक इन्हें भेज रहे हैं. आलू की खेती के लिए मशहूर इस क्षेत्र में आम की बागवानी भी अपना रंग दिखाती है. इस बार फसल भले ही कमजोर रही. पर शुरुआती भाव बागवानों को भा रहे हैं. वहीं व्यापारियों ने बागवानों से दशहरी आम की खरीद 30 रुपये किलो के हिसाब से की है. वहीं बाहर के बाजारों में यहां का आम बहुत पसंद किया जाता है. एक लाख तक की कमाई फर्रुखाबाद के कमालगंज क्षेत्र के गांव सरैया निवासी सुहान बताते हैं कि उनका यह पुश्तैनी काम है. सबसे पहले उनके बाबा करते थे और अब उनके पिता के साथ वह बागवानी करते आ रहे हैं. जिस प्रकार उनके पास ही आमों का बाग है. तो दूसरी ओर आसपास के क्षेत्र के आम के पेड़ों को भी वह फसल के लिए लेते हैं. इस समय पर वह अपने बाग में सर्वाधिक दशहरी आम का उत्पादन कर रहे हैं. ऐसे समय पर आम की बाजार में तगड़ी डिमांड होने के चलते वह इस फसल से 80 से एक से लाख रुपये तक की बचत कर रहे हैं. अलग-अलग राज्यों में भेजे जा रहे आम वहीं आज इस समय पर फर्रुखाबादी दशहरी और बंबइया आम की मिठास वाराणसी, प्रयागराज के लोगों को भी मोह रही. अब तक पांच पिकअप, बम्बइया आम दूसरे शहरों में भेजा गया है. बनारस, प्रयागराज, सुल्तानपुर के साथ ही राजस्थान के कोटा व जयपुर भी आम भेजा गया. वहीं इस समय तैयार आम को अन्य राज्यों में 25 किलो की प्लास्टिक क्रेट में भरकर आम भेजा जा रहा है. जिस प्रकार बाग से आम तोड़ने के बाद कच्चे आम को पांच दिन पकने में लगेंगे. तब तक यह आम इन राज्यों तक आसानी से पहुंच जायेगा. Tags: Fruits sellers, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : July 11, 2024, 11:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed