संसद के शीतकालीन सत्र में कुछ हो सकता है सरकार ने राजद्रोह कानून में संशोधन के दिए संकेत

Sedition Case: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को औपनिवेशिक काल के इस प्रावधान की समीक्षा करने के लिए ‘उपयुक्त कदम’ उठाने के वास्ते सोमवार को अतिरिक्त समय दे दिया. इस तरह राजद्रोह कानून और इसके परिणामस्वरूप दर्ज की जाने वाली प्राथमिकियों पर अस्थायी रोक लगाने वाला आदेश बरकरार रहेगा.

संसद के शीतकालीन सत्र में कुछ हो सकता है सरकार ने राजद्रोह कानून में संशोधन के दिए संकेत
हाइलाइट्सराजद्रोह कानून पर रोक लगाने वाला आदेश बरकरार रहेगा, SC ने केंद्र को दिया वक्तसरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि संसद के अगले सत्र में कुछ हो सकता है.11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगा दी थी. नई दिल्ली: विवादास्पद राजद्रोह कानून को लेकर सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक जारी बहस के बीच केंद्र सरकार ने देशद्रोह कानून में संशोधन के संकेत दिए. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल ने बताया कि राजद्रोह कानून की समीक्षा के के लिए कुछ और वक्त दिया जाए, क्योंकि संसद के शीतकालीन सत्र में कुछ हो सकता है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को औपनिवेशिक काल के इस प्रावधान की समीक्षा करने के लिए ‘उपयुक्त कदम’ उठाने के वास्ते सोमवार को अतिरिक्त समय दे दिया. इस तरह राजद्रोह कानून और इसके परिणामस्वरूप दर्ज की जाने वाली प्राथमिकियों पर अस्थायी रोक लगाने वाला आदेश बरकरार रहेगा. सीजेआई यानी प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट तथा बेला एम त्रिवेदी की पीठ से अटार्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने कहा कि केंद्र को कुछ और वक्त दिया जाए क्योंकि ‘संसद के शीतकालीन सत्र में (इस सिलसिले में) कुछ हो सकता है.’ देश के शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा कि यह विषय संबद्ध प्राधिकारों के विचारार्थ है और प्रावधान के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाले 11 मई के अंतरिम आदेश के मद्देनजर चिंता करने का कोई कारण नहीं है. राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- 124 A के तहत जेल में बंद लोग जमानत के लिए कोर्ट में जाएं सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, ‘अटार्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने दलील दी है कि 11 मई 2022 को इस न्यायालय द्वारा जारी किये गये निर्देशों के संदर्भ में यह विषय संबद्ध प्राधिकारों का अब भी ध्यान आकृष्ट कर रहा है. उन्होंने आग्रह किया कि कुछ अतिरिक्त समय दिया जाए, ताकि सरकार द्वारा उपयुक्त कदम उठाया जा सके.’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘इस न्यायालय द्वारा 11 मई 2022 को जारी अंतरिम निर्देशों के मद्देनजर… प्रत्येक हित और संबद्ध रुख का संरक्षण किया गया है तथा किसी के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं है. उनके अनुरोध पर हम विषय को जनवरी 2023 के दूसरे हफ्ते के लिए स्थगित करते हैं.’ पीठ ने विषय पर दायर कुछ अन्य याचिकाओं पर भी गौर किया और केंद्र को नोटिस जारी कर छह हफ्तों में जवाब मांगा. गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने 11 मई को जारी अपने ऐतिहासिक आदेश में इस विवादास्पद कानून पर उस तक के लिए रोक लगा दी थी, जब तक कि केंद्र औपनिवेशिक काल के इस कानून की समीक्षा करने के अपने वादे को पूरा नहीं करता है. न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को इस कानून के प्रावधानों के तहत कोई नया मामला दर्ज नहीं करने को भी कहा था. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Sedition Law, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : November 01, 2022, 08:12 IST