छोरे की आवाज का लोग उड़ाते थे मजाक रातों-रात रेलवे में बन गया बाबू- VIDEO

Indian Railway News: रेलवे स्टेशन पर किसी भी ट्रेन का इंतजार करते समय हमेशा अनाउंसमेंट सुनाई देता है. यह कहानी उसी अनाउंसर की है जिसे हम रेलवे स्टेशन पर सुनते हैं. कभी उस युवक का लोग उसकी आवाज के लिए मजाक उड़ाते थे. पढ़िए हैरान कर देने वाली कहानी.

छोरे की आवाज का लोग उड़ाते थे मजाक रातों-रात रेलवे में बन गया बाबू- VIDEO
नई दिल्ली: कॉलेज में कुछ बच्चों की खूब तारीफ होती है. लेकिन कुछ ऐसे भी बच्चे भी होते हैं जिनका काफी मजाक उड़ाया जाता है. आज हम ऐसे बच्चे की कहाने लेकर आपके सामने आए हैं जिसका कॉलेज में आवाज को लेकर उसका खूब मजाक बनाया जाता था. लेकिन उस युवक ने अपनी मेहनत से वह मुकाम हासिल किया है जिसे पढ़कर आप भी शख्स की तारीफ करेंगे. रेलवे स्टेशन पर किसी भी ट्रेन का इंतजार करते समय हमेशा अनाउंसमेंट सुनाई देता है. यह कहानी उसी अनाउंसर की है जिसे हम रेलवे स्टेशन पर सुनते हैं. यह कहानी मुंबई छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन के एक अनाउंसर की है. आप यह पढ़कर चौंक जाएंगे कि यह महिला जैसी आवाज किसी महिला की नहीं लड़के की है. जी हां आप सही सुन रहे हैं. उन्होंने एक बार रेलवे के लिए आवाज रिकॉर्ड की थी और अब उनकी आवाज को भारतीय रेलवे की प्रतिष्ठित आवाज के रूप में जाना जाता है. आवश्यकतानुसार वाक्यांश बनाने के लिए एडोड की आवाज रिकॉर्डिंग को डिजिटल रूप से मिश्रित किया जाता है और अब सभी भारतीय रेलवे स्टेशनों पर आम घोषणाएं की जाती हैं. View this post on Instagram A post shared by Shravan Adode (@shravan_artist_)

श्रवण एडोडे ने बताई अपनी कहानी
श्रवण एडोडे ने मिड-डे से कहा, “मैं बचपन से ही रेलवे का प्रशंसक रहा हूं और विशेष रूप से ट्रेन की घोषणाओं से हमेशा आकर्षित रहा हूं. इसीलिए मैंने घोषणाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया. परली वैजनाथ में रहकर मैं एक निजी कर्मचारी के रूप में भारतीय रेलवे में शामिल हो गया. अधिकांश रेलवे स्टेशनों पर कंप्यूटर पर पहले से रिकॉर्ड की गई आवाज सुनाई देती है. एक दिन लोडशेडिंग के कारण मैं सुन नहीं सका और वास्तव में उस समय घोषणा करने के लिए एक आवाज की जरूरत थी और यहीं मुझे पहला मौका मिला.’

उन्होंने आगे कहा कि “मैं उसी आवाज के साथ काम करना चाहता था जो वे इस्तेमाल कर रहे थे और वह आवाज सरला चौधरी नाम की महिला की थी. मैंने ध्वनि की नकल करने की कोशिश की और मेरी आवाज़ बिल्कुल मेल खा गई. उसके बाद से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. मुझे अपने काम पर गर्व है और जैसे-जैसे मुझे अवसर मिलते रहते हैं, मैं घोषणा करता रहता हूं.”

उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए गर्व का क्षण था जब मुंबई सीएसएमटी में मध्य रेलवे मुख्यालय में वरिष्ठ उद्घोषक ने मेरी आवाज़ पर मुझे बधाई दी और मुझे प्रोत्साहित किया. यह मेरे लिए सर्वोच्च पुरस्कार था,” . आज कई रेलवे स्टेशनों पर महिलाओं की आवाज की रिकॉर्डिंग सुनी जा सकती है.

आवाज का कॉलेज में उड़ता था मजाक
“आज मैं जो करता हूं उस पर मुझे गर्व है. जब मैं कॉलेज में था, तो कुछ छात्र थे जो मेरी आवाज़ की कुशलता के कारण मेरा अपमान करते थे और मज़ाक उड़ाते थे. वे मुझे बुरा-भला कहते थे और ताना मारते थे. मैंने इसे अनदेखा कर दिया. लेकिन आज मैं लाखों यात्रियों का मार्गदर्शन कर रहा हूं. ”

Tags: Indian railway, Indian Railway news