बांग्लादेश ने हसीना की मांग तो की पर यहां कर दी गलती जानिए अब भारत क्या करेगा
बांग्लादेश ने हसीना की मांग तो की पर यहां कर दी गलती जानिए अब भारत क्या करेगा
Sheikh Hasina Extradition News: बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है. मगर उसने बहुत हल्के में लिया है. भारत उसकी अर्जी को ठुकरा सकता है. साथ ही शेख हसीना के पास भी विकल्प हैं.
बांग्लादेश बार-बार शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है. उसने भारत के सामने गुहार लगा दी है. अब सवाल है कि क्या शेख हसीना को भारत सौंप देगा? क्या बांग्लादेश की बात भारत मान लेगा? या फिर उसकी मांग को सिरे से खारिज कर देगा. भारत ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. मगर माना जा रहा है कि बांग्लादेश को भारत से झटका ही मिलेगा. जी हां, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण वाले अनुरोध पर भारत कोई एक्शन लेने के मूड में नहीं है. क्योंकि उसने इसे बहुत हल्के में लेकर गलती कर दी है. सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश ने प्रत्यर्पण के लिए जरूरी औपचारिकताओं को पूरा नहीं किया है. शेख हसीना 5 अगस्त के बाद से ही भारत में शरण लेकर रह रही हैं. उनके देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार चला रहे हैं.
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने के बांग्लादेश के अनुरोध पर भारत किसी तरह के जवाब देने के मूड में नहीं है. सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश ने इस तरह के मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं. शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध 23 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग की ओर से विदेश मंत्रालय को एक नोट वर्बेल के जरिए किया गया था. नोट वर्बेल कूटनीतिक बातचीत का सबसे निचला स्तर है. आमतौर पर प्रत्यर्पण अनुरोधों जैसे संवेदनशील मामलों के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
दरअसल, बांग्लादेश सरकार ने भारत से अपने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है. बांग्लादेश के उच्चायोग ने 23 दिसंबर को विदेश मंत्रालय को एक नोट वर्बेल के जरिए यह अनुरोध भेजा. नोट वर्बेल बगैर सिग्नेचर का के एक राजनयिक पत्र होता है. बांग्लादेश ने ऐसे समय में शेख हसीने के प्रत्यर्पण की मांग की है, जब भारत और बांग्लादेश के बीच तनातनी चरम पर है. अभी बांग्लादेश की कमान नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के हाथ में है. शेख हसीना 5 अगस्त के बाद से ही भारत में हैं. छात्र समूहों के देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों की वजह से उन्हें ढाका से भागना पड़ा था. इसके बाद मोहम्मद यूनुस के राज में बांग्लादेश से भारत के रिश्ते पूरी तरह खराब हो चुके हैं. मोहम्मद यूनुस भारत से दुश्मनी निभाने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं.
अभी शेख हसीना के पास भी हैं विकल्प
सूत्रों का दावा है कि बांग्लादेश केवल अपने लोगों और खासकर छात्र समूहों को संतुष्ट करने के लिए शेख हसीना का प्रत्यर्पण चाह रहा है. प्रत्यर्पण कोई आसान प्रक्रिया नहीं है. इस तरह के अनुरोध को करने और प्रत्यर्पित करने करने वाले दोनों पक्षों के कुछ दायित्व हैं. जिस व्यक्ति के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है, उसके पास भी विकल्प हैं. उन विकल्पों का अभी प्रयोग नहीं किया गया है. सूत्रों का कहना है कि शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की गई है. इसे कानूनी चुनौती देने का अधिकार है उनके पास है. अभी तक उन्होंने इस विकल्प को नहीं अपनाया है.
क्यों आसान नहीं है प्रत्यर्पण की राह
दरअसल, भारत और बांग्लादेश के बीच एक संधि हुई है. सूत्र की मानें तो 2013 की भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि में ऐसे प्रावधान शामिल हैं, जिनके तहत प्रत्यर्पण अनुरोध को ठुकराया जा सकता है. संधि के अनुच्छेद 6, या ‘राजनीतिक अपराध अपवाद’ में कहा गया है कि प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है अगर जिस अपराध के लिए अनुरोध किया गया है वह एक राजनीतिक चरित्र का अपराध है. अनुच्छेद 8 में प्रत्यर्पण से इनकार करने के आधारों को सूचीबद्ध किया गया है. अनुच्छेद 8 कहता है कि अगर कोई आरोप न्याय के हित में सद्भावना से नहीं लगाया गया है तो किसी व्यक्ति का प्रत्यर्पण नहीं किया जा सकता है. शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 23 दिसंबर को पुष्टि की थी. उन्होंने कहा था कि भारत को प्रत्यर्पण अनुरोध के संबंध में बांग्लादेशी पक्ष से एक मौखिक नोट मिला है. हालांकि, उन्होंने इसकी डिटेल नहीं दी.
Tags: Bangladesh, Sheikh hasina, World newsFIRST PUBLISHED : January 3, 2025, 13:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed