जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में हुआ था गिरफ्तार नौकरी से भी धोया हाथ अब 3 दशक बाद मिला न्याय
जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में हुआ था गिरफ्तार नौकरी से भी धोया हाथ अब 3 दशक बाद मिला न्याय
Spying Charges in Pakistan: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित (CJI) और न्यायमूर्ति एस आर भट की बेंच ने कहा कि इस मामले के अजीबोगरीब तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर संपूर्ण न्याय तभी होगा जब सरकार को राजस्थान के रहने वाले व्यक्ति को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया जाता है. कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया कि 12 सितंबर से तीन सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाए.
हाइलाइट्सपाकिस्तान में जासूसी के आरोपों में चली गई थी शख्स की नौकरी14 साल की जेल के बाद 1989 में भारत वापस लौटा शख्स पहुंचा सुप्रीम कोर्टकोर्ट ने केंद्र को दिए 3 सप्ताह के भीतर 10 लाख की अनुग्रह राशि देने के आदेश
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को केंद्र (Centre) को निर्देश दिया कि वह उस व्यक्ति को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान करे, जिसको गत दिसंबर 1976 में पाकिस्तानी (Pakistan) अधिकारियों ने जासूसी गतिविधियों (Spying Charges) के आरोपों के चलते गिरफ्तार कर लिया था. इसकी वजह से शख्स ने 1980 में अपनी नौकरी भी खो दी थी. राजस्थान के रहने वाले 75 वर्षीय याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसे पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई और वह 1989 में भारत वापस आ सका.
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित (Chief Justice U U Lalit) और न्यायमूर्ति एस आर भट (Justice S R Bhat) की बेंच ने कहा कि इस मामले के अजीबोगरीब तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर संपूर्ण न्याय तभी होगा जब सरकार को राजस्थान के रहने वाले व्यक्ति को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया जाता है.
भारत-पाक बंटवारे में बिछड़े सिख बुजुर्ग की 75 साल बाद हुई मुस्लिम बहन से मुलाकात, छलक आए सबके आंसू
कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया कि 12 सितंबर से तीन सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाए. उस व्यक्ति ने दावा किया कि लगातार अनुपस्थिति के कारण उसे अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी. शुरुआत में, पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाए.
याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत के समक्ष दावा किया कि उसे पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था जिसके बाद उसको 14 साल की जेल की सजा भी हुई. इसके बाद वह 1989 में भारत वापस आ सका. इस मामले में शीर्ष अदालत ने शुरुआत में याचिकाकर्ता को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने के आदेश दिया था. लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने बेंच ये राशि बढ़ाने का आग्रह किया और कहा कि 75 वर्षीय याचिकाकर्ता ने देश के लिए काम किया है और इस समय वह बीमार है तथा बिस्तर पर है और अपनी बेटी पर निर्भर है.
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता की दलीलों पर यह भी कहा कि “हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप जो कह रहे हैं वह गलत है. शायद यह मानक प्रतिक्रिया हो सकती है जब भी इस तरह के मुद्दे अदालत के समक्ष उठाए जाते हैं और शायद सही भी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: Central government, Pakistan Spy, Supreme Court, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : September 13, 2022, 07:57 IST