लोकसभा में विपक्ष का हंगामा 2 बजे तक कार्यवाही स्थगित राज्यसभा जारी

Sansad LIVE: संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में कांग्रेस पार्टी ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हालिया टिप्पणी पर चर्चा की मांग तेज कर दी है. कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया है.

लोकसभा में विपक्ष का हंगामा 2 बजे तक कार्यवाही स्थगित राज्यसभा जारी
नई दिल्ली: वन नेशन, वन इलेक्शन यानी एक देश-एक चुनाव वाला विधेयक लोकसभा में पेश हो गया. अब नरेंद्र मोदी सरकार को वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को संसद के दोनों सदनों में पारित कराने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता है. हालांकि, उसके पास इतनी संख्या नहीं है. इस पर समर्थन के लिए विपक्षी के नंबर गेम को भी बिगाड़ना एक बड़ा काम है. मंगलवार को लोकसभा में जब विधेयक को पेश करने के लिए मतदान कराया गया, तो सरकार को 269 मत मिले, जबकि विपक्ष को पड़े कुल 461 मतों में से 198 मत मिले. कांग्रेस सांसद मणिक्कम टैगोर ने कहा कि सरकार को विधेयक पेश करते समय दो-तिहाई बहुमत का समर्थन नहीं मिला. संसद में न्यूज़18 से बात करते हुए विपक्ष के एक सीनियर नेता ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन बिल में वैसा ‘राष्ट्रवादी सेंटीमेंट’ नहीं है जैसा कि अनुच्छेद 370 को हटाने वाले बिल में था और पूरा विपक्ष इसके खिलाफ है. भाजपा साल 2019 में आर्टिकल 370 को हटाने के लिए संविधान संशोधन पारित करवाने के लिए राज्यसभा में विपक्षी खेमे का समर्थन हासिल करने में कामयाब रही थी. क्षेत्रीय दलों के लिए खतरा हालांकि, एक देश एक चुनाव विधेयक को लेकर स्थिति इतनी अनुकूल नहीं है. विपक्षी नेता ने कहा कहा कि कांग्रेस के अलावा, तीन बड़े क्षेत्रीय विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा), तृणमूल कांग्रेस और डीएमके सभी एक देश एक चुनाव विधेयक के खिलाफ मुखर हैं. दरअसल, क्षेत्रीय दलों को वन नेशन वन इलेक्शन बिल अपने अस्तित्व के लिए खतरा लग रहा है. उनको डर है कि बीजेपी के पास नरेंद्र मोदी जैसा मजबूत पैन-इंडिया चेहरा है. अगर वन नेशन वन इलेक्शन लागू हो जाता है तो अभी तक क्षेत्रीय दलों के दबदबे वाले राज्यों में बीजेपी को बड़ा फायदा मिल सकता है. समाजवादी पार्टी के एक नेता ने बताया कि क्षेत्रीय दलों के सामने आम चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने के लिए वित्तीय संसाधनों और कार्यकर्ताओं की सीमाओं की चुनौती भी है. बीजेपी और कांग्रेस इस मामले (वित्त और कैडर) में बेहतर स्थिति में हैं और यह क्षेत्रीय दल हैं जिन्हें बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा. भाजपा की क्या परेशानी एक देश एक चुनाव बिल पर एनडीए के लिए एक और समस्या ये है कि अब YSRCP, बीजेडी, भारत राष्ट्र समिति और AIADMK जैसी क्षेत्रीय पार्टियां पहले की तरह विवादास्पद बिल पास कराने में बीजेपी का साथ नहीं देंगी. आंध्र प्रदेश और ओडिशा विधानसभा चुनावों के बाद बीजद और वाईएसआरसीपी ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं अब बीआरएस भी भाजपा के साथ नहीं है. दिलचस्‍प बात यह है कि विधानसभा चुनावों से पहले इसी साल रामनाथ कोविंद समिति के सामने पेश होकर एआईएडीएमके और बीजद ने वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर अपनी सहमति जताई थी. हालांकि, फिलहाल ये दल अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं. संसद का नंबर गेम समझिए संसद में किसी भी संवैधानिक बिल को पास कराने के लिए सदन में मौजूद और वोटिंग करने वाले 2/3 सदस्यों और सदन की कुल संख्या का 50% वोट जरूरी होता है. 543 सदस्यों वाले लोकसभा में एनडीए के पास 293 सांसद हैं. जबकि 245 सदस्यों वाले राज्यसभा में उसके पास 125 सांसद हैं. 2019 में जब एनडीए ने आर्टिकल 370 को हटाने वाला संविधान संशोधन बिल पास कराया था, तब लोकसभा में उसकी संख्या 343 थी. उस समय राज्यसभा में आर्टिकल 370 को निरस्त करने वाले विधेयक को 125 वोट मिले थे और 61 वोट इसके खिलाफ पड़े थे (मतलब 67% वोट इसके पक्ष में थे). अगले ही दिन लोकसभा में यह विधेयक 370 वोटों से पास हो गया. इसके खिलाफ 70 वोट पड़े थे (यानी 84% वोट इसके पक्ष में पड़े). लेकिन वन नेशन वन इलेक्शन बिल को लेकर मोदी 3.0 के लिए राह इतनी आसान नहीं है. कब से लागू होने के संकेत गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजने के लिए कहा है. भाजपा को वन नेशन वन इलेक्शन बिल के फायदों के बारे में राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता फैलाने का काम सौंपा गया है ताकि व्यापक सहमति बन सके. सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि वन नेशन वन इलेक्शन बिल अगर पास होता है तो यह 2034 से ही लागू हो पाएगा. Tags: Amit shah, BJP, One Nation One Election, Special ProjectFIRST PUBLISHED : December 18, 2024, 10:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed