नहीं बढ़ा बिजली का रेट फिर क्‍यों दिल्‍लीवालों को मिल रहा हजारों का बिल

Electricity Bill Hike : जुलाई का बिजली बिल देखते ही दिल्‍लीवालों का दिल बैठ गया, क्‍योंकि रेट में कोई बदलाव हुए बिना ही उनके बिल में हजारों रुपये ज्‍यादा जुड़कर आ गए. पूछने पर सरकार ने बताया कि डिस्‍कॉम ने अपने खर्चे की भरपाई के लिए PPAC बढ़ा दिया है. आखिर यह क्‍या बला है, जिसने दिल्‍लीवालों का दिल बैठा दिया.

नहीं बढ़ा बिजली का रेट फिर क्‍यों दिल्‍लीवालों को मिल रहा हजारों का बिल
हाइलाइट्स PPAC यानी पॉवर पर्चेंजिंग एडजेस्‍टमेंट कॉस्‍ट एक तरह का सरचार्ज होता है. कंपनियां अपने खर्चे में आए अंतर की भरपाई के लिए ग्राहकों से वसूलती हैं. दिल्‍ली में कंपनियों ने मई से पीपीएसी 8 फीसदी तक बढ़ा दिया है. नई दिल्‍ली. भाजपा नेता अरविंदर सिंह लवली ने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट करके कंपनियों पर हजारों रुपये का बिजली बिल भेजने का आरोप लगाया है. ऐसा सिर्फ भाजपा नेता के साथ नहीं हुआ, बल्कि दिल्‍ली में कई लोगों को गर्मियों में मिले बिजली बिल में हजारों रुपये की बढ़ोतरी दिख रही है. बिजली का बिल देख लोगों को यकीन नहीं हो रहा कि जब रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ तो आखिर यह बढ़ा हुआ पैसा क्‍यों बिल में जुड़कर आ रहा है. आपको बता दें कि बिजली बिल में यह बढ़ोतरी कीमतों की वजह से नहीं, बल्कि PPAC की वजह से हुई है. आखिर क्‍या है PPAC का झोल जिसने दिल्‍लीवासियों का दिल बैठा दिया है. PPAC यानी पॉवर पर्चेंजिंग एडजेस्‍टमेंट कॉस्‍ट एक तरह का सरचार्ज या अधिभार होता है. इसकी वसूली कंपनियां तब करती हैं, जब उन्‍हें निर्धारित रेट से अधिक कीमत पर बिजली खरीदनी पड़ती है. सीधे तौर पर कहें तो बाजार में अचानक बिजली की कीमत बढ़ने के बाद इस महंगी बिजली की कीमत वसूलने के लिए विद्युत वितरण कंपनियां यानी डिस्‍कॉम बिल में PPAC जोड़कर ग्राहकों से पैसा वसूलते हैं. जाहिर है कि दिल्‍ली में अचानक बढ़कर आए बिजली बिल में इसी PPAC का झोल दिख रहा है. ये भी पढ़ें – ITR भरते समय ध्‍यान रखें 8 बातें, गलती से भी हो गई मिस्‍टेक तो लेना नहीं देना पड़ेगा, रिटर्न जाएगा-जुर्माना भी लगेगा क्‍यों बढ़ाया PPAC का चार्ज डिस्‍कॉम का कहना है कि भीषण गर्मी के बीच बिजली की डिमांड काफी बढ़ गई थी. इसकी पूर्ति के लिए बिजली बनाने वाली कंपनियों से पीक सीजन में खरीदना पड़ा. इस वजह से डिस्‍कॉम को महंगी बिजली की सप्‍लाई हुई है. दूसरी वजह यह रही कि बिजली बनाने वाली कंपनियों को महंगा कोयला भी खरीदना पड़ा, जिसकी वजह से बिजली की लागत बढ़ी. अब इस महंगी बिजली की सप्‍लाई जब डिस्‍कॉम ने की तो जाहिर है कि उसे अपनी भरपाई के लिए ग्राहकों से ही वसूलना पड़ा. यही वजह रही कि इस बार दिल्‍ली वासियों को हजारों रुपये का ज्‍यादा बिजली बिल चुकाना पड़ रहा है. कितना बढ़ा सकते हैं PPAC दिल्‍ली सरकार की मंत्री आतिशी का कहना है कि आयोग की तरफ से सितंबर तक PPAC में कोई बढ़ोतरी नहीं करने का आदेश है. हालांकि, डिस्‍कॉम को यह छूट है कि अगर उन्‍होंने महंगी बिजली खरीदी है तो उपभोक्‍ताओं से 7 फीसदी PPAC चार्ज वसूल सकती हैं. यही वजह है कि इस बार के बिजली बिल में डिस्‍कॉम ने उपभोक्‍ताओं से PPAC चार्ज वसूला होगा. क्‍या है PPAC वसूलने का नियम इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के अनुसार, अगर किसी तिमाही में PPAC की दर 5 फीसदी या उससे कम है तो डिस्‍कॉम इस रकम का 90 फीसदी तक पैसा बढ़ा सकती हैं, लेकिन इसके लिए आयोग से मंजूरी लेनी होगी. इसी तरह, अगर किसी तिमाही में PPAC 5 से 10 फीसदी तक है तो डिस्‍कॉम इस रकम का 5 फीसदी और बाकी बची रकम का 75 फीसदी PPAC बढ़ा सकती हैं. 10 फीसदी से ज्‍यादा PPAC होने पर डिस्‍कॉम बिना किसी प्रोसीडिंग के ही PPAC बढ़ा सकती हैं. दिल्‍ली में कितना बढ़ा PPAC दिल्‍ली में बिजली की सप्‍लाई करने वाली डिस्‍कॉम ने 1 मई से ही बिजली पर 8 फीसदी PPAC बढ़ा दिया है. हालांकि, बिजली के रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ लेकिन PPAC बढ़ने की वजह से बिल भी ज्‍यादा आ रहे हैं. वैसे तो कंपनियों ने यह बढ़ोतरी नियमों के तहत ही की है, क्‍योंकि PPAC के नियमों में हमने आपको पहले ही बताया कि 8 से 10 फीसदी तक बढ़ोतरी की जा सकती है. कब से हुआ है लागू 1 मई को कंपनियों ने PPAC बढ़ाया तो इसका असर जुलाई में मिल रहे बिजली बिल में दिख रहा है. दिल्‍ली में तीन कंपनियां पावर की सप्‍लाई करती हैं. BYPL ने अपने ग्राहकों पर 6.15 फीसदी का बोझ बढ़ाया है तो BSES ने 8.75 फीसदी का बोझ अपने ग्राहकों पर डाला है. तीसरी कंपनी टाटा पॉवर ने फिलहाल अपने PPAC में कोई बदलाव नहीं किया है. Tags: Business news, Electricity billFIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 18:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed