क्‍वांट म्‍यूचुअल फंड पर छापे कंपनी बंद हुई तो कैसे मिलेंगे निवेशकों के पैसे

Quant Mutual Fund : सेबी ने देश के सबसे बेस्‍ट परफॉर्मेंस करने वाले म्‍यूचुअल फंड हाउस में शुमार क्‍वांट के खिलाफ जांच शुरू की है. इस कंपनी के 2 ठिकानों पर सोमवार को छापेमारी भी की गई है. अगर फंड हाउस पर प्रतिबंध लगता है तो उसमें जमा 80 लाख निवेशकों के 93 हजार करोड़ रुपये कैसे वापस मिलेंगे.

क्‍वांट म्‍यूचुअल फंड पर छापे कंपनी बंद हुई तो कैसे मिलेंगे निवेशकों के पैसे
हाइलाइट्स क्‍वांट देश के सबसे बेस्‍ट परफॉर्मेंस करने वाले म्‍यूचुअल फंड हाउस में से एक है. साल 2020 में जहां कंपनी का एसेट अंडर मैनेजमेंट सिर्फ 258 करोड़ रुपये था. साल 2024 में कंपनी का एयूएम बढ़कर 90 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है. नई दिल्‍ली. फ्रैंकलिन टेम्‍पलन (Franklin Templeton) का मामला तो याद ही होगा. अभी तक इस म्‍यूचुअल फंड हाउस के सभी निवेशकों को उनके पैसे वापस नहीं मिल सके हैं. जिस समय अमेरिकी फंड हाउस फ्रैंकलिन टेम्‍पलन मुसीबतों में घिरी थी, लगभग उसी समयकाल में एक भारतीय म्‍यूचुअल फंड हाउस क्‍वांट तेजी से उभर रहा था. अब खबर आई है कि बाजार नियामक सेबी ने कारोबार में अनियमितता को लेकर क्‍वांट के खिलाफ जांच शुरू की है और सोमवार को कई ठिकानों पर छापेमारी भी की. ऐसे में शंका और सवाल दोनों उठते हैं कि अगर क्‍वांट का हाल भी फ्रैंकलिन टेम्‍पलटन की तरह होता है तो उसके निवेशकों के पैसे कैसे वापस मिलेंगे. सबसे पहले आपको यह बता दें कि क्‍वांट देश के सबसे बेस्‍ट परफॉर्मेंस करने वाले म्‍यूचुअल फंड हाउस में से एक है. उसकी लोकप्रियता इतनी तेजी से बढ़ी है कि साल 2020 में जहां कंपनी का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) सिर्फ 258 करोड़ रुपये था, वहीं 2024 में यह बढ़कर 90 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है. अभी कंपनी के पास करीब 80 लाख निवेशक हैं. सेबी ने कंपनी के फ्रंट रनिंग गतिविधियों में खामी पाई है और उसके मुंबई व हैदराबाद स्थित ठिकानों पर छापेमारी की. हालांकि, क्‍वांट म्यूचुअल फंड ने कहा है कि वह नियामक की जांच में हर तरह का सहयोग करने को लेकर प्रतिबद्ध है. ये भी पढ़ें – अमीरों के खजाने में सेंध! अगले महीने हो सकता है ज्‍यादा पैसा वसूलने का फैसला, 4 में से 3 भारतीयों की यही मंशा किस बात की जांच कर रहा सेबी बाजार नियामक सेबी को कंपनी की ओर से अनैतिक और गैरकानूनी ट्रेडिंग की शिकायत मिली है. क्‍वांट ने फ्रंट रनिंग ट्रेडिंग की है, जिसका असर निवेशकों पर भी पड़ेगा. फ्रंट-रनिंग से तात्पर्य शेयर बाजार में गलत व्यवहार से है, जहां एक इकाई अपने ग्राहकों को जानकारी उपलब्ध कराने से पहले ब्रोकर या विश्लेषक से मिली जानकारी के आधार पर कारोबार करती है. क्‍या बोली कंपनी क्‍वांट ने अपने निवेशकों को लिखे नोट में कहा है कि हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि क्वॉन्ट म्यूचुअल फंड एक विनियमित इकाई है और हम किसी भी समीक्षा के दौरान नियामक के साथ सहयोग करने के लिए हमेशा पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. हम सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे और सेबी को नियमित और जरूरत के हिसाब से आंकड़े प्रस्तुत करना जारी रखेंगे. निवेशकों पर क्‍या असर किसी म्‍यूचुअल फंड हाउस के फ्रंट रनिंग ट्रेड करने से उसके निवेशकों की कॉस्‍ट बढ़ सकती है, क्‍योंकि आर्टिफिशियल तरीके से पैसों का मूवमेंट करने से सिक्‍योरिटी के रूप में जाने वाला चार्ज बढ़ जाता है. इसके अलावा निवेशकों को मिलने वाला रिटर्न भी कम हो सकता है. यह बाजार के भरोसे को कम करता है और निवेशकों के मन डर पैदा करता है. क्‍या कर सकता है सेबी ऐसा नहीं है कि यह फ्रंट रनिंग का पहला मामला है. सेबी ने साल 2022 में एक्सिस म्‍यूचुअल फंड को भी फ्रंट रनिंग ट्रेडिंग मामले में दोषी पाया था. इसके बाद मामले से जुड़ी 21 इकाइयों को पूंजीगत बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था. फ्रंट रनिंग को लेकर सेबी ने काफी सख्‍त नियम बना रखे हैं और संभव है कि इस बार भी प्रतिबंध लगाने जैसी कार्रवाई हो सकती है. कंपनी बंद हुई तो क्‍या होगा आपको याद होगा कि फ्रैंकलिन टेम्‍पलन जैसे बड़े म्‍यूचुअल फंड हाउस की 2 योजनाओं में गड़बड़ी के बाद उसे बंद कर दिया गया था और योजना में फंसे निवेशकों के 28 हजार करोड़ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेबी की देखरेख में निवेशकों को बांटे गए. इसके लिए एसबीआई को बैंकिंग पार्टनर बनाया गया था. हालांकि, इस फंड हाउस के सभी निवेशकों को आज तक अपना पैसा नहीं मिल सका है और पैसे वापसी की प्रक्रिया अभी जारी है. अगर इस बार भी ऐसा कुछ होता है तो सेबी की देखरेख में निवेशकों के जमा पैसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. Tags: Business news, Mutual fund, Mutual fund investorsFIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 14:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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