Kanchanjunga Express Accident: मालगाड़ी में क्यों नहीं लग पाया इमरजेंसी ब्रेक
Kanchanjunga Express Accident: मालगाड़ी में क्यों नहीं लग पाया इमरजेंसी ब्रेक
13174 Kanchanjunga Express Train Accident: रेलवे बोर्ड के निदेशक, इनफार्मेशन एवं पब्लिसिटी मारुति शिवाजी सुतार ने बताया कि रेल मैन्युअल के अनुसार ट्रेन और मालगाड़ी में सामान्य रूप से ब्रेक लगाने के लिए अलग-अलग दूरी तय की गयीं हैं.
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के पास कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से आ रही एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी है. रेलवे बोर्ड की चेयरपर्सन ने हादसे में मालगाड़ी के ड्राइवर द्वारा सिग्लन की अनदेखी की बात कही है. लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि ऐसे हालातों में मालगाड़ी में इमरजेंसी ब्रेक क्यों नहीं लग पाया. इमरजेंसी ब्रेक लगाने के लिए कम से कम कितनी दूरी चाहिए होती है. आइए जानें-
रेलवे बोर्ड के निदेशक, इनफार्मेशन एवं पब्लिसिटी मारुति शिवाजी सुतार ने बताया कि रेल मैन्युअल के अनुसार यात्री गाड़ी और मालगाड़ी में सामान्य रूप से ब्रेक लगाने के लिए अलग-अलग दूरी तय की गयी हैं.
ब्रेक लगाने का सामान्य नियम
देश में रेलवे ट्रैक अधिकतम 160 स्पीड प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने में सक्षम हैं. चूंकि सभी ट्रैक बिल्कुल सीधे या सामान्य नहीं हैं, इसलिए ट्रेनें ट्रैक की क्षमता के अनुसार नहीं चल पाती हैं. कर्व, टनल, बड़े शहर और भौगोलिक स्थितियों अनुसार अलग-अलग स्पीड तय रखी गयी है. मसलन यात्री गाड़ी अधिकतम स्पीड से चल रही है तो उसे 1000 मीटर पहले से ब्रेक लगाने शुरू कर देने चाहिए. इसके लिए स्टेशनों से पहले सिग्मा मार्कर लगे हैं, जो आने वाले स्टेशन को दर्शाते हैं. इस तरह स्टेशन पहुंचते-पहुंचते यात्री गाड़ी की स्पीड जीरो हो जाएगी.
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वहीं, मालगाड़ी अधिकतम स्पीड से दौड़ रही को 1400 मीटर पहले ब्रेक लगाने शुरू कर देना चाहिए. रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी और ट्रेनों के लिए अलग-अलग सिग्मा मार्कर लगे होते हैं. मरजेंसी ब्रेक लगाने का नियम यात्री गाड़ी और मालगाड़ी की स्पीड पर तय करता है.
इमरजेंसी ब्रेक लगाने का नियम
यात्री गाड़ी के लिए
जितनी यात्री गाड़ी की स्पीड हो, उसमें 3.5 से 4 का गुणा करना चाहिए, उतनी ही दूरी में इमरजेंसी ब्रेक लगाई जा सकती है. उदाहरण के लिए कोई यात्री गाड़ी 100 किमी. प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ रही है. उसे 350 या 400 मीटर पहले ब्रेक लगाकर रोका जा सकता है.
मालगाड़ी के लिए
वहीं, मालगाड़ी के लिए जितनी स्पीड है, उसमें 5 या 6 से गुणा करना चाहिए. उतनी दूरी पर ब्रेक लगाकर रोका जा सकता है. उदाहरण के लिए कोई मालगाड़ी 100 किमी. प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ रही है, उसे रोकने के लिए 500 से 600 मीटर की कम से दूरी चाहिए होगी. कंचनजंगा ट्रेन हादसे में एक्सपर्ट आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि सिग्नल पार करने के बाद इमरजेंसी ब्रेक लगाने के लिए निर्धारित दूरी नहीं बची होगी, जिस वजह से हादसा हो गया.
Tags: Indian railway, Indian Railway news, Train accidentFIRST PUBLISHED : June 17, 2024, 17:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed