पत्‍थरबाजी: ऐसा कानून क्‍यों नहीं बनता कि पत्‍थर उठाने से पहले रूह कांप जाए

पत्‍थरबाजी की घटनाएं रोकने के लिए कानून को ओर सख्‍त क्‍यों नहीं बनाया जा रहा है, जिससे पत्‍थर उठाने से पहले लोगों की रूह कांप जाए. रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए मौजूदा क्‍या कानून हैं

पत्‍थरबाजी: ऐसा कानून क्‍यों नहीं बनता कि पत्‍थर उठाने से पहले रूह कांप जाए
नई दिल्‍ली. वंदेभारत एक्‍सप्रेस लोगों की पसंदीदा ट्रेन बनती जा रही है, साथ ही इसी ट्रेन में पत्‍थरबाजी की घटनाएं सबसे ज्‍यादा हो रही हैं. हाल फिलहाल में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. वंदेभारत में पत्‍थरबाजी से भारतीय रेलवे को औसतन 15 लाख रुपये सालाना का नुकसान होता है. सवाल उठता है कि इतना नुकसान होने के बाद पत्‍थरबाजी की घटनाएं रोकने के लिए कानून को और सख्‍त क्‍यों नहीं बनाया जा रहा है, जिससे पत्‍थर उठाने से पहले लोगों की रूह कांप जाए. रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए मौजूदा क्‍या कानून हैं और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आइए जानें क्‍या कर रहा है? जानिए- मौजूदा समय देश के विभिन्‍न शहरों से 55 वंदेभारत एक्‍सप्रेस चल रही हैं. इनमें से कुछ वंदेभारत एक्‍सप्रेस पर कई बार पत्‍थरबाजी की घटनाएं हो चुकी हैं. जांच में कई मामलों में शरारती तत्‍वों द्वारा पत्‍थर फेंककर नुकसान पहुंचाने की बात सामने आयी है. भारतीय रेलवे ने इन पर कार्रवाई भी की है. इस कानून के तहत पत्‍थरबाजों पर होती है कार्रवाई रेलवे की संपत्ति को किसी तरह से नुकसान पहुंचाने पर दोषी पाए जाने पर रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 151 के तहत कार्रवाई की जाती है. इसमें अधिकतम पांच वर्ष की सजा और जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है. पत्‍थरबाजी रोकने को और सख्‍त कानून क्‍यों नहीं बनाया जाता पत्‍थरबाजी की घटनाओं से रेलवे स्‍वयं परेशान हैं. इससे रेलवे को नुकसान होने के साथ साथ रेलवे की क्षति भी खराब होती है. यह बात स्‍वयं रेलवे के अधिकारी स्‍वयं मानते हैं. तो सवाल यह उठता है कि पत्‍थरबाजी को लेकर कानून को और सख्‍त क्‍यों नहीं बनाया जाता कि पत्‍थर उठाने से पहले लोगों की रूह कांप जाए. क्‍या कहते हैं रेलवे अधिकारी रेलवे मंत्रालय के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर इनफार्मेशन एंड पब्लिसिटी दिलीप कुमार बताते हैं कि रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में मौजूदा कानून बने हैं. रेलवे उनके तहत ही कार्रवाई की जा रही है. पत्‍थरबाजी की घटनाओं में सबसे बड़ी चुनौती आरोपी को पहचानने की होती है. यह काम स्‍थानीय पुलिस की मदद से किया जाता है और दोषी जाए जाने पर कार्रवाई भी की गयी है. वे कहते हैं कि कानून को और सख्‍त बनाने पर फैसला गृह मंत्रालय का है. रेलवे का नहीं है. यह पूछने पर कि क्‍या इस तरह का सुझाव गृह मंत्रालय को रेलवे की ओर से भेजा जाएगा, उन्‍होंने कहा कि फिलहाल रेलवे मौजूदा कानून के तहत कार्रवाई करेगा. पत्‍थरबाजी की घटनाओं पर किसी को पांच साल की सजा हुई है क्‍या, इसके जवाब में उन्‍होंने कहा कि इस तरह का रिकार्ड नहीं है. घटनाएं रोकने को रेलवे ने उठाए ये कदम जिन रूटों पर ट्रेनों में पत्‍थरबाजी की घटनाएं पाई जाती हैं, वहां पर नियमित रूप में गश्‍त की जाती है. इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों या स्पॉट पर शराबी और शरारती तत्वों जैसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ रेलवे द्वारा अभियान चलाया जाता है और पकड़े गए व्यक्तियों पर मुकदमा चलाया जाता है. Tags: Indian railway, Indian Railway news, Vande bharat trainFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 13:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed